- Date : 02/03/2023
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हिंडनबर्ग-अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए पांच सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।

Adani-Hindenburg Row: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
समिति में ओपी भट्ट, पूर्व जस्टिस जेपी देवधर, नंदन नीलाकेनी, केवी कामथ और सोमशेखरन सुंदरेसन सदस्य होंगे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे समिति के प्रमुख होंगे।
समिति को निर्देश दिया गया कि वह दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत करे। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने आदेश देते हुए कहा 'निवेशकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियामक तंत्र के लिए समिति की आवश्यकता थी।'
इसके अलावा जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने सेबी को अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि नियामक संस्था को यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या संबंधित पार्टी ने क्या लेनदेन में कोई बात छुपाई है या नहीं? सेबी दो महीने के भीतर अदालत के समक्ष अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगा।
सीजेआई ने कहा, "सेबी यह भी जांच करेगा कि क्या सेबी नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है या क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर किया गया था।"
Adani-Hindenburg Row: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
समिति में ओपी भट्ट, पूर्व जस्टिस जेपी देवधर, नंदन नीलाकेनी, केवी कामथ और सोमशेखरन सुंदरेसन सदस्य होंगे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे समिति के प्रमुख होंगे।
समिति को निर्देश दिया गया कि वह दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत करे। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने आदेश देते हुए कहा 'निवेशकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियामक तंत्र के लिए समिति की आवश्यकता थी।'
इसके अलावा जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने सेबी को अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि नियामक संस्था को यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या संबंधित पार्टी ने क्या लेनदेन में कोई बात छुपाई है या नहीं? सेबी दो महीने के भीतर अदालत के समक्ष अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगा।
सीजेआई ने कहा, "सेबी यह भी जांच करेगा कि क्या सेबी नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है या क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर किया गया था।"