Adani Share Price: Adani Enterprises share doubles shareholders money since Hindenburg Report in hindi

पिछले चार महीनों से अंडानी एंटरप्राइजेज का शेयर लगातार बढ़ता जा रहा है। यानी जिन लोगों ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बावजूद अडानी ग्रुप पर भरोसा दिखाया उन्हें चार महीनों में 135 फीसदी रिटर्न मिल चुका है। 

Adani Share Price

Adani Share Price: फरवरी में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर ताश के पत्तों की तरह धराशाही हो गए थे। फरवरी 2023 तक जो शेयर 1,015 रुपये तक पहुंच गया था वो आज 2,410 तक पहुंच गया है।  पिछले चार महीनों से अंडानी एंटरप्राइजेज का शेयर लगातार बढ़ता जा रहा है। यानी जिन लोगों ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बावजूद अडानी ग्रुप पर भरोसा दिखाया उन्हें चार महीनों में 135 फीसदी रिटर्न मिल चुका है। 

पिछले एक महीने की बात की जाए तो अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में करीब 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन महीनों के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 1805 से बढ़कर 2410 रुपये हो चुके हैं। अडानी के शेयरों को लेकर बाजार अब भी पॉजिटिव है और ये मानकर चल रहा है कि अडानी ग्रुप के शेयर अभी और आगे जाएंगे।

च्वाइस ब्रोकिंग के कार्यकारी निदेशक सुमीत बगड़िया के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर डिप्स स्टॉक पर एक बेहतरीन विकल्प है। उन्होंने कहा कि अडानी के इस शेयर को 2200 रुपये प्रति शेयर पर मजबूत सपोर्ट मिला हुआ है। जबकि ये शेयर 2600 रुपये से 2700 रुपये प्रति शेयर के आसपास दिक्कतों का सामना कर रहा है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि जिन लोगों के पास अडानी के शेयर हैं वो 2200 रुपये पर स्टॉप लॉस बना रखें और 2600 से 2700 रुपये शेयर के टार्गेट को होल्ड करें।

गौरतलब है कि अमेरिकी शॉर्टसेलर ने अडानी एंटरप्राइजेट समेत अडानी ग्रुप की कंपनियों पर बड़े पैमाने पर स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडानी ग्रुप ने कई शेल कंपनियों के माध्यम से कंपनी के 75 फीसदी शेयरों को कंट्रोल किया हुआ है और इस तरह अडानी ग्रुप के शेयरों को बड़े पैमाने पर बढ़ाया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। उनके शेयर जो आसमान छूते थे अचानक ही औधे मुंह गिर पड़े। हालांकि हिंडनबर्ग की चोट से अडानी ग्रुप लगभग पूरी तरह उभर गया है और उन निवेशकों को फायदा मिला है जिन्होंने रिपोर्ट के बावजूद अडानी ग्रुप पर भरोसा बनाए रखा।

संवादपत्र

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