Bank Crisis: बैंकों की लगने वाली है वाट, सिलिकॉन वैली के बाद बंद होने के कगार पर 180 से ज्यादा बैंक

अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के दिवालिया होने के बाद अब 180 से ज्यादा बैंकों के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है और समय रहते हालात ठीक नहीं हुए तो उनपर भी ताले लग सकते हैं।

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Bank Crisis: बैंकिंग सेक्टर के ऊपर फिर से खतरा मंडराने लगा है और इसकी वजह हाल के दिनों में अमेरिका के दो बड़े बैंकों का दिवालिया होना है। जल्द ही एक और बैंक पर ताले लगने वाले हैं। यही नहीं, अमेरिका में 180 से ज्यादा छोटे-बड़े बैंक संकट के घेरे में है और ऐसी स्थिति में लोगों के बीच अनिश्चितता गहराती जा रही है। यह संकट सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत जैसे देशों पर भी गहरा सकता है। ऐसी स्थिति में जिन लोगों ने बैंकों में अपने जीवन भर की कमाई जमा कर रखी है, उन्हें क्या कुछ करना चाहिए, आइए हम आपको बताते हैं।

दरअसल, महंगाई बढ़ रही है और ऐसी सूरत में महंगाई रोकने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज बढ़ा रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में बैंकों के सामने बड़ीं मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अमेरिका के ही उदाहरण लें तो लोग अब छोटे बैंकों से पैसा निकालकर बड़े बैंकों में डाल रहे हैं। दरअसल, एक आम धारणा है कि बड़े बैंकों में जोखिम कम होता है। अगर कुछ बुरा भी होता है तो कुछेक पैसे आपको मिल सकते हैं, जो कि निश्चित रूप से लोगों के लिए बुरा है। जहां अमेरिका जैसे देशों में बैंक में जमा रकम पर 2.5 लाख डॉलर का इंश्योरेंस कवर मिलता है, वहीं भारत जैसे देशों में बैंक में जमा रकम पर सिर्फ 5 लाख रुपये तक का कवर मिलता है। 

आप सोच रहे होंगे कि बैंक में तो आपने लाखों-करोड़ों रुपये जमा कराए हैं, लेकिन बैंक के दिवालिया होने के बाद आपको बस 5 लाख रुपये मिलेंगे। यह रकम आपको डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन की तरफ से मिलता है। यह कंपनी बैंकों का इंश्योरेंस करती है। कुछ समय पहले जब पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक घोटाला सामने आया, उसके बाद केंद्र सरकार ने बचत जमा पर प्रति जमाकर्ता 5 लाख रुपये की गारंटी के लिए बीमा कवर बढ़ाने को मंजूरी दी थी।

 

Bank Crisis: बैंकिंग सेक्टर के ऊपर फिर से खतरा मंडराने लगा है और इसकी वजह हाल के दिनों में अमेरिका के दो बड़े बैंकों का दिवालिया होना है। जल्द ही एक और बैंक पर ताले लगने वाले हैं। यही नहीं, अमेरिका में 180 से ज्यादा छोटे-बड़े बैंक संकट के घेरे में है और ऐसी स्थिति में लोगों के बीच अनिश्चितता गहराती जा रही है। यह संकट सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत जैसे देशों पर भी गहरा सकता है। ऐसी स्थिति में जिन लोगों ने बैंकों में अपने जीवन भर की कमाई जमा कर रखी है, उन्हें क्या कुछ करना चाहिए, आइए हम आपको बताते हैं।

दरअसल, महंगाई बढ़ रही है और ऐसी सूरत में महंगाई रोकने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज बढ़ा रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में बैंकों के सामने बड़ीं मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। अमेरिका के ही उदाहरण लें तो लोग अब छोटे बैंकों से पैसा निकालकर बड़े बैंकों में डाल रहे हैं। दरअसल, एक आम धारणा है कि बड़े बैंकों में जोखिम कम होता है। अगर कुछ बुरा भी होता है तो कुछेक पैसे आपको मिल सकते हैं, जो कि निश्चित रूप से लोगों के लिए बुरा है। जहां अमेरिका जैसे देशों में बैंक में जमा रकम पर 2.5 लाख डॉलर का इंश्योरेंस कवर मिलता है, वहीं भारत जैसे देशों में बैंक में जमा रकम पर सिर्फ 5 लाख रुपये तक का कवर मिलता है। 

आप सोच रहे होंगे कि बैंक में तो आपने लाखों-करोड़ों रुपये जमा कराए हैं, लेकिन बैंक के दिवालिया होने के बाद आपको बस 5 लाख रुपये मिलेंगे। यह रकम आपको डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन की तरफ से मिलता है। यह कंपनी बैंकों का इंश्योरेंस करती है। कुछ समय पहले जब पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक घोटाला सामने आया, उसके बाद केंद्र सरकार ने बचत जमा पर प्रति जमाकर्ता 5 लाख रुपये की गारंटी के लिए बीमा कवर बढ़ाने को मंजूरी दी थी।

 

संवादपत्र

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