- Date : 26/04/2023
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Ratan Tata: एयर इंडिया के पायलट टाटा के मालिकाना हक वाली एयरलाइन द्वारा लागू किए जाने वाले रिवाइज्ड सैलरी स्ट्रक्चर का विरोध करते रहे हैं।

Ratan Tata: एयर इंडिया के पायलट और टाटा एयरलाइन के बीच का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। पायलटों के एसोशिएशन ने रतन टाटा को लेटर लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने और इसके जल्द से जल्द समाधान के लिए मदद मांगी है। पायलटों की यूनियन ने बिजनेसमैन रतन टाटा से कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा है कि कंपनी उनके साथ सम्मान और गरिमा का व्यवहार नहीं करती है। लेटर में यह भी कहा गया है कि अगर यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण नहीं होता तो पायलट एसोसिएशन रतन टाटा से उनके मुद्दों को हल करने में सहायता नहीं मांगता।
दरअसल, संशोधित वेतन संरचना और सेवा शर्तों पर एयर इंडिया के पायलटों और कंपनी के बीच विवाद चल रहा है। अब एयर इंडिया के पायलटों के संघ ने टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में अनाउंस वर्क कंडिशन और पे स्ट्रक्चर के मुद्दे पर दोनों पक्षों के किसी भी सार्थक निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रहने के बाद पायलट यूनियंस द्वारा रतन टाटा को लेटर लिखा गया था। लेटर में कहा गया है- ‘हम मानते हैं कि आपका उदार नेतृत्व एक ऐसा समाधान खोजने में हमारी मदद कर सकता है, जो सभी पक्षों के लिए उचित और सम्मानजनक हो।’
पिछले हफ्ते एयर इंडिया ने पायलट और केबिन क्रू के लिए रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर की घोषणा की। इसमें विवाद की जड़ मैनेजमेंट में 4 साल से ज्यादा के एक्सपीरियंस वाले कप्तानों के प्रमोशन की शर्त थी। 25 अप्रैल को एयर इंडिया ने एक टाउन हॉल बैठक आयोजित की, लेकिन अपने पायलटों के नए संशोधित वेतन ढांचे को संबोधित नहीं किया। पायलट यूनियन, इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) और इंडियन पायलट्स गिल्ड (IPG) के संयुक्त विरोध के बाद 21 अप्रैल को एयर इंडिया को कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद यह बैठक आयोजित की गई थी। आईसीपीए और आईपीजी ने पहले ही अपने सदस्यों से रोजगार की संशोधित शर्तों को कबूल नहीं करने को कहा था।
Ratan Tata: एयर इंडिया के पायलट और टाटा एयरलाइन के बीच का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। पायलटों के एसोशिएशन ने रतन टाटा को लेटर लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने और इसके जल्द से जल्द समाधान के लिए मदद मांगी है। पायलटों की यूनियन ने बिजनेसमैन रतन टाटा से कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा है कि कंपनी उनके साथ सम्मान और गरिमा का व्यवहार नहीं करती है। लेटर में यह भी कहा गया है कि अगर यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण नहीं होता तो पायलट एसोसिएशन रतन टाटा से उनके मुद्दों को हल करने में सहायता नहीं मांगता।
दरअसल, संशोधित वेतन संरचना और सेवा शर्तों पर एयर इंडिया के पायलटों और कंपनी के बीच विवाद चल रहा है। अब एयर इंडिया के पायलटों के संघ ने टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में अनाउंस वर्क कंडिशन और पे स्ट्रक्चर के मुद्दे पर दोनों पक्षों के किसी भी सार्थक निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रहने के बाद पायलट यूनियंस द्वारा रतन टाटा को लेटर लिखा गया था। लेटर में कहा गया है- ‘हम मानते हैं कि आपका उदार नेतृत्व एक ऐसा समाधान खोजने में हमारी मदद कर सकता है, जो सभी पक्षों के लिए उचित और सम्मानजनक हो।’
पिछले हफ्ते एयर इंडिया ने पायलट और केबिन क्रू के लिए रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर की घोषणा की। इसमें विवाद की जड़ मैनेजमेंट में 4 साल से ज्यादा के एक्सपीरियंस वाले कप्तानों के प्रमोशन की शर्त थी। 25 अप्रैल को एयर इंडिया ने एक टाउन हॉल बैठक आयोजित की, लेकिन अपने पायलटों के नए संशोधित वेतन ढांचे को संबोधित नहीं किया। पायलट यूनियन, इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) और इंडियन पायलट्स गिल्ड (IPG) के संयुक्त विरोध के बाद 21 अप्रैल को एयर इंडिया को कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद यह बैठक आयोजित की गई थी। आईसीपीए और आईपीजी ने पहले ही अपने सदस्यों से रोजगार की संशोधित शर्तों को कबूल नहीं करने को कहा था।