BCI Law Practice: Bar Council of India allows foreign lawyers and law firms to practice in India hindi

बीसीआई ने विदेशी वकीलों और लॉ फर्मों को भारत में वकालत करने की अनुमति दे दी है।

BCI Law Practice

BCI Law Practice: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकालत की दिशा में बड़ा फैसला करते हुए विदेशी वकीलों और लॉ फर्मों को भारत में वकालत करने की अनुमति दे दी है। अब तक इन विदेशी संस्थाओं को भारत में लॉ प्रैक्टिस करने की परमिशन नहीं थी। बार काउंसिल के नियम के मुताबिक जब तक अधिवक्ता अधिनियम, 1961 और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते, उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी। अब विदेशी लॉ फर्मों को स्थानीय कानूनों पर सलाह देने के लिए भारतीय वकीलों को हायर करना होगा।

बीसीआई ने नए नियमों को नोटिफाई कर दिया है इसमें कहा गया है कि विदेशी वकीलों या लॉ फर्मों को पारस्परिक आधार पर लेनदेन या कॉर्पोरेट वर्क जैसे ज्वाइंट वेंचर, मर्जर एवं एक्विजिशन, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी के मामले और अन्य संबंधित मामलों पर प्रैक्टिस करने की अनुमति होगी। हालांकि, उन्हें अदालतों, ट्रिब्यूनल्स और रेगुलेटरी अथॉरिटीज के सामने उपस्थित होने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा उन्हें रियल एस्टेट मामलों पर सलाह देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विदेशी वकील और लॉ फर्म बीसीआई द्वारा डिसिप्लिनरी एक्शन के अधीन नहीं होंगे। अगर वे किसी गलत काम में शामिल पाए जाते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन नियमों के तहत रद्द किया जा सकता है। बीसीआई ने कहा है कि विदेशी वकीलों के भारत में वकालत शुरू करने से भारत में कानूनी पेशे को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। विदेशी लॉ फर्मों को बीसीआई में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

विदेशी निवेश बढ़ने की संभावना

मजूमदार एंड पार्टनर्स के मैनेजिंग पार्टनर अखिल हिरानी ने कहा कि अगर विदेशी वकील और विदेशी लॉ फर्म भारत में काम करेंगी तो इससे विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने के लिए भी प्रेरित होंगे। इसके अलावा अधिक क्वालिफाईड भारतीय वकीलों को भारत में आकर काम करने का मौका मिलेगा, जो विदेश में अपनी लॉ फर्म चलाते थे।

भारतीय वकीलों को होगा फायदा

सुप्रीम कोर्ट के वकली श्रीयश यू ललित ने इस फैसले को लेकर कहा कि वैसी विदेशी लॉ फर्म जिन्हें पहले फ्लाई-इन फ्लाई-आउट के आधार पर काम करने का मौका मिलता था, वे अब रजिस्ट्रेशन कराकर अपना दफ्तर भारत में खोल सकती हैं और स्थायी तरीके से काम भी कर सकती है। इससे भारत में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और भारतीय वकीलों को फायदा पहुंचाएगा। वे अब भारतीय कानून से इतर अन्य जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे।

 

संवादपत्र

संबंधित लेख