- Date : 14/09/2021
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कमोडिटी में कारोबार करना शेयर बाजार में निवेश करने से थोड़ा अलग है। आप में अगर संयम है और आप अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं तो कमोडिटी से शुरुआत करना एक बेहतर विकल्प है।

भारत के कुल कारोबार में इक्विटी में कारोबार की हिस्सेदारी अधिक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैश्विक स्तर पर कमोडिटी बाजार इक्विटी बाजार से बड़ा है? लेकिन कमोडिटीज क्या है? आइये मूल बातों से शुरू करें। कमोडिटीज ऐसे उत्पाद हैं जिसे:
• उपभोग कर सकते हैं (कृषि कमोडिटीज)
• कच्चे माल का इस्तेमाल करके तैयार माल बना सकते हैं (एल्युमीनियम या तांबे जैसी धातुओं का इस्तेमाल करके तैयार माल बनाते हैं )
• निवेश के उद्देश्य से खरीद सकते हैं (सोना, चांदी आदि)
सोने जैसी कमोडिटी को निवेश (कम दाम में खरीदकर अधिक दाम में बेचना) के उद्देश्य से खरीदा जा सकता है या उसका कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल कर उससे तैयार माल (सोने की छड़ का इस्तेमाल करके जेवर बनाना) बनाया जा सकता है।
कमोडिटीज के प्रकार
कमोडिटीज कई तरह की हो सकती हैं। उनमें कुछ शामिल हैं:
• कृषि कमोडिटीज: इसमें खाने-पीने के सामान (चाय, कॉफी, सोया, गेहूं, शक्कर आदि ) या वैसे कच्चे माल (कपास, जूट, रबर आदि) शामिल किए जा सकते हैं जिससे तैयार माल बनाया जा सकता है।
• औद्योगिक धातुएं: कच्चे माल जिनसे तैयार माल बनाया जा सकता है जैसे लोहे से स्टील बनाया जाता है, बिजली का सामान बनाने में तांबे का इस्तेमाल होता है आदि। उसी तरह निकल, जिंक और एल्युमीनियम आदि भी औद्योगिक कमोडिटीज है।
• बहुमूल्य या कीमती धातुएं: इसमें सोना, चांदी और प्लेटिनम आदि शामिल है।
• ऊर्जा कमोडिटीज: इसमें कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस आदि शामिल है।
कुछ कमोडिटीज जैसे चांदी को बहुमूल्य धातु (निवेश के उद्देश्य से इस्तेमाल) के साथ साथ औद्योगिक धातु (फोटोग्राफी, सेमीकंडक्टर्स आदि के लिए औद्योगिक इस्तेमाल) के तौर भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
कमोडिटी कारोबार से संबंधित कारक
कमोडिटी कारोबार से संबंधित दो महत्वपूर्ण कारक मांग और आपूर्ति है। यही दो कारक कमोडिटीज की कीमतों के उतार-चढ़ाव पर असर डालते हैं। जब कमोडिटीज की मांग आपूर्ति से अधिक होती है तब उस कमोडिटीज की कमी होती है। इस वजह से कीमत बढ़ती है। दूसरी तरफ जब कमोडिटीज की आपूर्ति मांग से अधिक है तो कमोडिटीज की अधिकता होती है। इस वजह से कीमत गिरती है।
• कमोडिटीज की मांग: कमोडिटीज की मांग आर्थिक गतिविधियों पर निर्भर करती है। जब औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज होती है तब अंतिम औद्योगिक उपयोगकर्ता द्वारा औद्योगिक धातु और ऊर्जा कमोडिटीज की मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा, निवेश की मांग भी रहती है। मांग कारकों और अटकलों के कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होती है। ट्रेडर्स को लांग ट्रेडिंग पोजीशन लेने के लिए विभिन्न कमोडिटीज की मांग पर नजर रखने की जरूरत होती है ताकि वे उनसे लाभ उठा सकें। इसी तरह, आर्थिक मंदी के दौरान, वस्तुओं की मांग कम हो जाती है, जिससे कमोडिटी की कीमतों में गिरावट आती है।
• कमोडिटीज की आपूर्ति: वस्तुओं की आपूर्ति औद्योगिक वस्तुओं के लिए नई खदानों या तेल और गैस के नए क्षेत्रों की खोज में निवेश पर निर्भर करती है। एक बार जब खदानों या तेल-गैस के नए क्षेत्रों की खोज हो जाती है, तो उन वस्तुओं को बाहर निकालने और उन्हें बाजार में लाने की आवश्यकता होती है। वस्तुओं की नियमित आपूर्ति में दीर्घकालिक वृद्धि से जब आपूर्ति मांग से अधिक हो जाए तब कीमतों में गिरावट आ सकती है। कमोडिटी व्यापारियों को उनसे लाभ के लिए शॉर्ट ट्रेडिंग पोजीशन लेने के लिए विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति पर नजर रखनी चाहिए।
विभिन्न कारणों से आपूर्ति बाधित हो सकती है जैसे श्रमिकों की हड़ताल, प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, आतंकवादी हमलों आदि के कारण खदानों का अस्थायी रूप से बंद होना आदि। आपूर्ति में व्यवधान से अस्थायी कमी हो सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं। कमोडिटी ट्रेडर्स को लंबी ट्रेडिंग पोजीशन लेने के लिए ऐसे अस्थायी आपूर्ति बाधाओं पर नजर रखने की जरूरत है।
कारोबार करने के लिए सबसे अच्छी कमोडिटीज
कारोबार करने के सबसे अच्छी कमोडिटीज में शामिल है कच्चा तेल, सोना, तांबा आदि। इनके बारे में विस्तार से पढ़िये।
1. कच्चा तेल
कच्चा तेल दुनिया भर में सबसे अधिक कारोबार करने वाली वस्तुओं में से एक है। पिछले एक साल में कच्चे तेल की कीमतें 40 डॉलर से बढ़कर 73 डॉलर हो गई है, जो कि 80% से अधिक का रिटर्न है। लांग पोजीशन वाले कमोडिटीज कारोबारियों को पिछले एक साल में कच्चे तेल ने शानदार रिटर्न दिया।
2020 में कोविड-19 और दुनिया भर में इसके कारण हुए लॉकडाउन की वजह से कच्चे तेल की कीमतें गिर गईं। लेकिन 2021 में टीकाकरण की गति तेज हो गई। इससे कई अर्थव्यवस्थाएं खुल गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप कच्चे तेल की मांग में वृद्धि हुई है और कीमतों में तेजी आई है।
चार्ट: कच्चे तेल की एक साल की कीमत का चार्ट

2. सोना
कच्चे तेल की तरह, सोना भी सबसे अधिक कारोबार वाली वस्तुओं में से एक है। सोने की कीमत कई कारकों से प्रभावित होती है जैसे मांग और आपूर्ति, अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव, मुद्रास्फीति, वैश्विक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंकों की मांग आदि।
चार्ट: सोने की एक साल की कीमत का चार्ट

सोने और कच्चे तेल की कीमतों के बीच आमतौर पर विपरीत संबंध होता है। दोनों का एक साल का प्राइस चार्ट देखकर आप इस बात को पता कर सकते हैं। 2020 की दूसरी छमाही में जब कच्चे तेल में गिरावट थी, तब सोना ऊपर कारोबार कर रहा था। इसी तरह 2021 की पहली छमाही में जब कच्चा तेल ऊपर था तो सोना नीचे था। जिन कमोडिटी व्यापारियों ने पिछले साल 2000 अमरीकी डालर से ऊपर की कीमतों पर सोने में लांग पोजीशन लिया था, वे नुकसान में बैठे हैं क्योंकि मौजूदा कीमत 1800 अमरीकी डालर के आसपास है।
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3. तांबा
औद्योगिक धातुओं में तांबा सबसे अधिक व्यापारिक वस्तुओं में से एक है। इसे औद्योगिक जगत में आर्थिक गतिविधियों का बैरोमीटर भी माना जाता है। पिछले एक साल में तांबे की कीमतों में लगभग 80% की वृद्धि हुई है, जिससे इस धातु में लांग पोजीशन लेने वाले कमोडिटी कारोबारियों को बहुत अच्छा रिटर्न मिला है।
चार्ट: तांबे की एक साल की कीमत का चार्ट

2021 में निवेश करने के लिए सबसे अच्छी कमोडिटीज
2021 की पहली छमाही में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली कमोडिटीज पर एक नजर डालें।

नोट: उपर्युक्त आंकड़े 2021 की पहली छमाही (जनवरी से जून) के हैं
ऊपर दिए गए चार्ट में आप देख सकते हैं कि 2021 की पहली छमाही में कच्चा तेल 50%+ रिटर्न के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी था। 30%+ रिटर्न के साथ मकई और प्राकृतिक गैस दूसरे और तीसरे स्थान पर है। नकारात्मक रिटर्न के साथ सोना और चांदी तालिका में सबसे नीचे हैं। 2020 में चांदी (48% रिटर्न) सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी थी और सोना (25% रिटर्न) चौथा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी था। 2020 में शानदार प्रदर्शन के बाद कीमती या बहुमूल्य धातुओं में 2021 में कुछ गिरावट देखने को मिल रही है।
कमोडिटी ट्रेडिंग खाता कैसे खोलें?
कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) या नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर कमोडिटीज का कारोबार होता है। कमोडिटीज में कारोबार करने के लिए आपको इन एक्सचेंजों में पंजीकृत कमोडिटी ब्रोकर के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग खाता खोलना होगा।
कमोडिटी ब्रोकर आपको 3-इन-1 (ट्रेडिंग, डीमैट, बैंक) खाता प्रदान कर सकता है। कमोडिटी ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए आपको अपने केवाईसी दस्तावेजों को विधिवत भरे हुए खाता खोलने वाले फॉर्म (एओएफ) के साथ जमा करना होगा। इन दिनों कई कमोडिटी ब्रोकर आपको कमोडिटी ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए ऑनलाइन सुविधा भी देते हैं।
खाता खोलने के बाद आप कमोडिटी ब्रोकर की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर वेब ट्रेडिंग खाते में लॉग इन करके कारोबार कर सकते हैं। आप अपने ट्रेडिंग खाते से खरीद और बिक्री के आदेश दे सकते हैं। ब्रोकर आपके ऑर्डर को कमोडिटी एक्सचेंज को भेजता है।
भारत में कमोडिटी ब्रोकर्स
आप पूरी सेवा देने वाले कमोडिटी ब्रोकर के यहां कमोडिटी खाता खुलवा सकते हैं या डिस्काउंट ब्रोकर के यहां।
पूरी सेवा देने वाले कुछ कमोडिटी ब्रोकर्स:
• कोटक सिक्योरिटीज
• एंजेल ब्रोकिंग
• आईसीआईसीआई डायरेक्ट
• एचडीएफसी सिक्योरिटीज
• शेयरखान
कुछ कमोडिटी डिस्काउंट ब्रोकर्स में शामिल हैं:
• जीरोधा
• अपस्टॉक्स
• 5पैसा
• फायर्स
• ट्रेडस्मार्ट
आखिरी शब्द
यदि आप इक्विटी ट्रेडिंग से हटकर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं, तो कमोडिटी ट्रेडिंग आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। कमोडिटी ट्रेडिंग इक्विटी ट्रेडिंग की तुलना में बहुत अधिक घंटों के लिए उपलब्ध रहती है। आप सुबह 9 बजे से रात 11:30 बजे कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं।