- Date : 13/01/2021
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भारतीय अर्थव्यवस्था में कोविड-19 महामारी के परिणाम बहुत विनाशकारी रहे हैं |राष्ट्रीय जी.डी.पी. में भारी गिरावट के कारण, देश बहुत बुरी आर्थिक संकट से जूझ रहा है| 3 माह के लॉकडाउन के कारण आयी आर्थिक मंदी से अचल संपत्ति क्षेत्र पिछले 15 सालों के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुँच गई थी |

सारी निर्माण गतिविधियां थम गई,मजदुर अपने-अपने गाँव लौट गए,डेवेलपर्स को फंड्स की कमी होने लगी और खरीदारों को भी पैसे की तंगी के कारण नए घर खरीदने के विचार को स्थगित करना पड़ा | इंडियन रेटिंग्स एंड रिसर्च के हाल ही के एक रिपोर्ट के अनुसार,2019 के मुकाबले इस वर्ष कोविड-19 के कारण कुल आवासीय मांग में 25% की गिरावट देखने को मिली |
भारतीय रिज़र्व बैंक ने व्यवसायों की अर्थव्यवस्था में तरलता लाने के लिए कई कदम उठाएं,जिनमें से कुछ प्रमुख बिंदुएं निम्न हैं :
रेपो दर (75 बेसिस पॉइंट ),रिवर्स रेपो दर और सी.आर.आर. में भारी गिरावट ने अचल संपत्ति क्षेत्र के लिए ऋण की लागत को कम कर दिया है | रिवर्स रेपो दर में 25 बेसिस पॉइंट की अतिरिक्त कटौती से यह दर 4% से घटकर 3.75% हो गई है ,जिससे बैंकों को तरलता लाने में मदद मिली है जो ऋण के रूप में ग्राहकों तक पहुँचाया जा सकेगा |
2 दिसंबर से शुरू हुई 3 दिवसीय सम्मलेन के बाद एम.पी.सी. ने इस वर्ष की दर कटौती को वहीं थाम दिया है | इस वर्ष अब तक 115 बेसिस पॉइंट की कटौती हो चुकी है | यह दर पिछले वर्ष 22 मई,2020 में आर.बी.आई. द्वारा बदली गई थी| पिछले दर कटौती के बाद,सभी प्रमुख भारतीय बैंकों ने अपने गृह-ऋण दरों को 7% से भी कम ला दिया है |
अभी के सबसे सस्ते गृह ऋण :
ऋणदाता बैंक ब्याज दर(% में)
- यूनियन बैंक 6.70
- बैंक ऑफ़ इंडिया 6.85
- सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया6.85
- पंजाब एंड सिंद बैंक6.90
- कनारा बैंक6.80
(30 नवंबर,2020 तक)
गृह ऋण की गणना के कुछ कारकों को समझें :
जोखिम भार : स्वीकृत ऋण राशि का वह भाग जो ऋणदाता गृह ऋण पारित करने से पहले अलग कर देते हैं,वह जोखिम भार कहलाता है |
ऋण-मूल्य अनुपात (एल.टी.वी. अनुपात): यह संपत्ति के मूल्य का वह भाग होता है जो बैंक, गृह ऋण के रूप में देते हैं | इस अनुपात को हिसाबने का फॉर्मूला नीचे दिया गया है:
एल.टी.वी. अनुपात : ऋण राशि/संपत्ति मूल्य x100
आर.बी.आई. के दिशानिर्देशानुसार, 30 लाख से कम राशि के घरों के लिए बैंक 90% तक का ऋण प्रदान करता है | 30 -75 लाख तक की राशि के घरों के लिए बैंक 80% तक का ऋण प्रदान करता है |
कुल गणना: चूँकि वर्तमान में जोखिम भार 35% है, 80% एल.टी.वी. वाले गृह ऋण पर कोई बैंक जो 1 करोड़ का ऋण दे,वह 3.15 लाख रुपये (ऋण राशि x पूंजी पर्याप्तता अनुपात x जोखिम भार= 1,00,00,000 x 9 %x 35% ) तक की राशि को गृह ऋण के जोखिम भार के रूप में अलग कर देती है | यदि एल.टी.वी. 80 % से ज्यादा है, तो वही बैंक उसी ऋण राशि में 4.5 लाख का ऋण भार अलग रखता है क्यूंकि वर्तमान भार दर 50% है | इससे यह स्पष्ट होता है कि जब जोखिम भार कम होता है तो बैंकों के पास ऋण देने के लिए अधिक फंड होते हैं |
वर्तमान ब्याज दर से ग्राहकों को लाभ :
- पिछले कुछ महीनों में आर.बी.आई. ने रेपो दर को कई बार घटाया है जिससे कि ब्याज दर 7% के आसपास ही है | इस कटौती से ग्राहकों की इ.एम.आई. कम हो गई है और कुल भुगतान योग्य ब्याज भी काफी घट गया है |
- बेहतर सरकारी योजनाओं से शहरों में तेजी से विकास हो रहा है |
- वर्तमान परिदृश्य में उच्च एल.टी.वी. ,कम मूल्यांकन और सस्ती ऋण उपलब्धता के कारण खरीदारों को काफी फायदा हुआ है |
- आवासीय इकाइयां अब सस्ते और सुविधाजनक मूल्यों पर उपलब्ध हैं |
- तरलता की कमी के कारण,अब डेवेलपर्स अपनी सम्पत्तियों को कम कीमतों पर बेचने के लिए तैयार हो गए हैं जिससे कि ग्राहकों को बेहतर डील मिल रही है |
गृह ऋण लेने हेतु कुछ टिप्स:
एक घर खरीदना आपके लिए सपना साकार होने सामान होगा | इसके लिए, आप आमतौर पर गृह ऋण का मार्ग चुनते हैं | अपने लिए सबसे उपयुक्त गृह ऋण चुनने के लिए निम्न टिप्स पर विचार करें :
- डाउनपेमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा बचत करें: क्यूंकि जितना अधिक आप डाउनपेमेंट करेंगे, आपकी ऋण राशि उतनी कम होगी और आपको उतना ही कम ब्याज चुकाना होगा |
- अपना क्रेडिट स्कोर जांच लें : आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे ज्यादा होना चाहिए क्यूंकि जितना अच्छा आपका क्रेडिट स्कोर होगा ,बैंक आपको गृह ऋण पर उतनी ही अच्छी डील देगी |
- एक ऋण कैलकुलेटर का उपयोग करें : एक साधारण गृह ऋण इ.एम.आई. कैलकुलेटर का उपयोग करके अलग-अलग ब्याज दर ,डाउनपेमेंट,ऋण अवधि डालते हुए यह जांच लें कि आपकी ऋण देयता कितनी होगी |
- विभिन्न गृह ऋण ऑफरों की तुलना करें : भले ही दो संस्थानों द्वारा दी जाने वाली गृह ऋण की ब्याज दरें समान हो,परन्तु उनके फीस,अतिरिक्त शुल्क आदि भिन्न हो सकते हैं | इसे ठीक से समझ लें |
- अपनी आवश्यकतानुसार ऋण सही प्रकार चुनें : फिक्स्ड दर पर ऋण लें या फ्लोटिंग दर पर ऋण लें ,अपनी क्षमतानुसार तय करें|
निष्कर्ष: घर खरीदने के सपने को साकार करना आसान नहीं है | पर अब बाजार में उपलब्ध ऋणों और सरल नियम एवं शर्तों से यह प्रक्रिया जटिल भी नहीं रही | इस नव वर्ष घटे हुए ब्याज दर का लाभ उठाते हुए,बाजार में मौजूदा विभिन्न गृह ऋणों की तुलना करें और अपनी क्षमतानुसार सबसे अच्छी डील तय करें |