- Date : 07/10/2018
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- Read in English: Clueless about investing in stock markets? Here are some options
अगर आप शेयर बाजार में सीधा निवेश करने से घबरा रहे हैं तो ये निवेश विकल्प आपका नजरिया ही बदल देंगे।

क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कई लोग शेयर बाजार में पूंजी लगाने से हिचकिचाते हैं? पूरी जानकारी न होना, पूंजी की कमी और शेयर बाजार को लेकर गलत धारणाएं- आमतौर पर ये मुख्य वजहें हैं। सच्चाई ये है कि शेयर बाजार से उन सबको फायदा हो सकता है जो थोड़ा पैसा और वक्त इसमें लगाने के लिए तैयार हों।
अगर आपको ज्यादा जोखिम उठाए बिना शेयर बाजार से फायदा उठाना हो तो आप नीचे दिए गए निवेश विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
1. म्युचुअल फंड्स: अच्छा रिटर्न और सीमित जोखिम
म्युचुअल फंड में निवेश करने पर आपका पैसा शेयर, बॉन्ड्स और दूसरे फंड्स के संग्रह में लगाया जाता है। इक्विटी म्युचुअल फंड्स में आपको न सिर्फ विविधिकरण की वजह से कई शेयरों में निवेश करने का मौका मिलता है, बल्कि आपका जोखिम भी कम होता है। अलग-अलग उद्योगों की कई कंपनियों में निवेश करने से आपको ये फायदा मिलता है। यानि अगर किसी एक उद्योग या शेयर का खराब प्रदर्शन रहता है, तब भी इसका बड़ा असर आपके फंड के प्रदर्शन पर नहीं पड़ेगा। लेकिन, ध्यान रखें म्युचुअल फंड आपको आश्वासित रिटर्न का वायदा नहीं करते हैं। इसलिए, म्युचुअल फंड का चुनाव करते वक्त सभी फंड्स की पूरी जानकारी प्राप्त करें और फिर फैसला लें। जानिए क्या हैं म्युचुअल फंड के प्रकार और कैसे इनमें निवेश शुरू करें।
- पेशेवर फंड मैनेजर आपके निवेश और पोर्टफोलियो संभालते हैं
- चुन सकते हैं कि आपको किस प्रकार के फंड में निवेश करना है
- कुछ म्युचुअल फंड में टैक्स-फ्री लाभ और रिटर्न मिलते हैं
- कम ट्रेडिंग कॉस्ट की वजह से छोटे निवेशकों के लिए किफायती
- कुछ म्युचुअल फंड में आसानी से निवेश निकालने का विकल्प
2. यूनिट लिंक्ड इंवेस्टमेंट प्लान: बीमा और निवेश रिटर्न
जब पहली बार यूलिप बाजार में उतारे गए थे, तो डिस्ट्रिब्यूटर और बीमा कंपनियों द्वारा लिए जा रहे ऊंचे शुल्क की वजह से लोगों को पसंद नहीं आए थे। हालांकि, जब साल 2010 में आईआरडीए ने यूलिप के सालाना शुल्क पर सीमा लगाई, तब ये इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। क्योंकि, यूलिप से निवेशक को दोगुना फायदा मिलता है- बीमा पॉलिसी के साथ रिटर्न। आमतौर पर यूलिप को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
- अग्रेसिव यूलिप: 80-100 फीसदी फंड का निवेश इक्विटी में किया जाता है।
- बैलेंस्ड यूलिप: 40-60 फीसदी फंड का निवेश इक्विटी में किया जाता है।
- कंसर्वटिव यूलिप: करीब 20 फीसदी फंड का निवेश इक्विटी में किया जाता है। बाकी फंड को डेट में निवेश किया जाता है।
संबंधित: क्या आपको यूलिप में निवेश करना चाहिए? आइए पता कीजिए
आप अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता मुताबिक यूलिप के प्रकार का चुनाव कर सकते हैं। जैसे, 30 वर्षीय व्यक्ति जो रिटायरमेंट के लिए पूंजी जुटाने के लिए बीमा पॉलिसी लेने की सोच रहा है, वो बैलेंस्ड या अग्रेसिव यूलिप ले सकता है।
3. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स
म्युचुअल फंड की तरह ही ईटीएफ के तहत कई निवेशकों से पूंजी एकत्रित करके विविधता वाले शेयर या बॉन्ड्स के पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है। हालांकि, म्युचुअल फंड के विपरीत ईटीएफ को किसी फंड कंपनी से नहीं खरीदा जाता है। बल्कि, ईटीएफ शेयरों की तरह ही को ब्रोकर के जरिए खरीदा जाता है।
ज्यादातर ईटीएफ इंडेक्स फंड होते हैं, इसलिए उनका प्रदर्शन अपने इंडेक्स जैसे सेंसेक्स या निफ्टी 50 के प्रदर्शन जैसा ही होता है। लेकिन, फंड मैनेजर द्वारा ईटीएफ का प्रबंध नहीं किया जाता है, इनकी सालाना लागत बाकी निवेश विकल्पों से कम होती है।
4. नेशनल पेंशन स्कीम
एनपीएस सरकार की एक ऐच्छिक रिटायरमेंट बचत योजना है, जिसके तहत इक्विटी में भी निवेश किया जाता है। सालाना न्यूनतम निवेश 6,000 रुपये है और इसे 500 रुपये की मासिक किश्त के तौर पर भरा जा सकता है। एनपीएस में इक्विटी, फिक्स्ड डिपॉजिट, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, लिक्विड फंड और सरकारी फंड जैसे निवेश विकल्पों में पूंजी लगाई जाती है। अपने जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए आप कितना पैसा एनपीएस में लगाना है इस बात का फैसला ले सकते हैं। हाल ही में, एनपीएस के तहत अधिकतम इक्विटी में निवेश की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी की गई है। इससे निवेशकों को एनपीएस के तहत इक्विटी में अपने निवेश को बढ़ाने का मौका मिल गया है।
संबंधित: पेशेवरों के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग: नेशनल पेंशन स्कीम
- 18 से 60 साल की उम्र के सभी भारतीय नागरिकों को उपलब्ध
- अनूइटी प्लान के तहत रिटायरमेंट के बाद नियमित आय
- निवेश के वक्त विकल्पों में से उपयुक्त फंड के चुनाव की छूट
- स्कीम पर आयकर छूट का फायदा
- निवेश फंड बदलने का विकल्प मौजूद
संक्षेप में
आंकड़ों के मुताबिक साल दर साल इक्विटी से निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिलते रहे हैं। लेकिन, अगर आप सीधा इक्विटी में निवेश से डर रहे हैं या फिर ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए निवेश विकल्प आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी उद्देश्य के लिए है और इसे निवेश, बीमा, कर या कानूनी सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। इन क्षेत्रों से संबंधित निर्णय लेने के पहले विशेषज्ञों से स्वतंत्र सलाह प्राप्त करें।
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कई लोग शेयर बाजार में पूंजी लगाने से हिचकिचाते हैं? पूरी जानकारी न होना, पूंजी की कमी और शेयर बाजार को लेकर गलत धारणाएं- आमतौर पर ये मुख्य वजहें हैं। सच्चाई ये है कि शेयर बाजार से उन सबको फायदा हो सकता है जो थोड़ा पैसा और वक्त इसमें लगाने के लिए तैयार हों।
अगर आपको ज्यादा जोखिम उठाए बिना शेयर बाजार से फायदा उठाना हो तो आप नीचे दिए गए निवेश विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
1. म्युचुअल फंड्स: अच्छा रिटर्न और सीमित जोखिम
म्युचुअल फंड में निवेश करने पर आपका पैसा शेयर, बॉन्ड्स और दूसरे फंड्स के संग्रह में लगाया जाता है। इक्विटी म्युचुअल फंड्स में आपको न सिर्फ विविधिकरण की वजह से कई शेयरों में निवेश करने का मौका मिलता है, बल्कि आपका जोखिम भी कम होता है। अलग-अलग उद्योगों की कई कंपनियों में निवेश करने से आपको ये फायदा मिलता है। यानि अगर किसी एक उद्योग या शेयर का खराब प्रदर्शन रहता है, तब भी इसका बड़ा असर आपके फंड के प्रदर्शन पर नहीं पड़ेगा। लेकिन, ध्यान रखें म्युचुअल फंड आपको आश्वासित रिटर्न का वायदा नहीं करते हैं। इसलिए, म्युचुअल फंड का चुनाव करते वक्त सभी फंड्स की पूरी जानकारी प्राप्त करें और फिर फैसला लें। जानिए क्या हैं म्युचुअल फंड के प्रकार और कैसे इनमें निवेश शुरू करें।
- पेशेवर फंड मैनेजर आपके निवेश और पोर्टफोलियो संभालते हैं
- चुन सकते हैं कि आपको किस प्रकार के फंड में निवेश करना है
- कुछ म्युचुअल फंड में टैक्स-फ्री लाभ और रिटर्न मिलते हैं
- कम ट्रेडिंग कॉस्ट की वजह से छोटे निवेशकों के लिए किफायती
- कुछ म्युचुअल फंड में आसानी से निवेश निकालने का विकल्प
2. यूनिट लिंक्ड इंवेस्टमेंट प्लान: बीमा और निवेश रिटर्न
जब पहली बार यूलिप बाजार में उतारे गए थे, तो डिस्ट्रिब्यूटर और बीमा कंपनियों द्वारा लिए जा रहे ऊंचे शुल्क की वजह से लोगों को पसंद नहीं आए थे। हालांकि, जब साल 2010 में आईआरडीए ने यूलिप के सालाना शुल्क पर सीमा लगाई, तब ये इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। क्योंकि, यूलिप से निवेशक को दोगुना फायदा मिलता है- बीमा पॉलिसी के साथ रिटर्न। आमतौर पर यूलिप को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
- अग्रेसिव यूलिप: 80-100 फीसदी फंड का निवेश इक्विटी में किया जाता है।
- बैलेंस्ड यूलिप: 40-60 फीसदी फंड का निवेश इक्विटी में किया जाता है।
- कंसर्वटिव यूलिप: करीब 20 फीसदी फंड का निवेश इक्विटी में किया जाता है। बाकी फंड को डेट में निवेश किया जाता है।
संबंधित: क्या आपको यूलिप में निवेश करना चाहिए? आइए पता कीजिए
आप अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता मुताबिक यूलिप के प्रकार का चुनाव कर सकते हैं। जैसे, 30 वर्षीय व्यक्ति जो रिटायरमेंट के लिए पूंजी जुटाने के लिए बीमा पॉलिसी लेने की सोच रहा है, वो बैलेंस्ड या अग्रेसिव यूलिप ले सकता है।
3. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स
म्युचुअल फंड की तरह ही ईटीएफ के तहत कई निवेशकों से पूंजी एकत्रित करके विविधता वाले शेयर या बॉन्ड्स के पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है। हालांकि, म्युचुअल फंड के विपरीत ईटीएफ को किसी फंड कंपनी से नहीं खरीदा जाता है। बल्कि, ईटीएफ शेयरों की तरह ही को ब्रोकर के जरिए खरीदा जाता है।
ज्यादातर ईटीएफ इंडेक्स फंड होते हैं, इसलिए उनका प्रदर्शन अपने इंडेक्स जैसे सेंसेक्स या निफ्टी 50 के प्रदर्शन जैसा ही होता है। लेकिन, फंड मैनेजर द्वारा ईटीएफ का प्रबंध नहीं किया जाता है, इनकी सालाना लागत बाकी निवेश विकल्पों से कम होती है।
4. नेशनल पेंशन स्कीम
एनपीएस सरकार की एक ऐच्छिक रिटायरमेंट बचत योजना है, जिसके तहत इक्विटी में भी निवेश किया जाता है। सालाना न्यूनतम निवेश 6,000 रुपये है और इसे 500 रुपये की मासिक किश्त के तौर पर भरा जा सकता है। एनपीएस में इक्विटी, फिक्स्ड डिपॉजिट, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, लिक्विड फंड और सरकारी फंड जैसे निवेश विकल्पों में पूंजी लगाई जाती है। अपने जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए आप कितना पैसा एनपीएस में लगाना है इस बात का फैसला ले सकते हैं। हाल ही में, एनपीएस के तहत अधिकतम इक्विटी में निवेश की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी की गई है। इससे निवेशकों को एनपीएस के तहत इक्विटी में अपने निवेश को बढ़ाने का मौका मिल गया है।
संबंधित: पेशेवरों के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग: नेशनल पेंशन स्कीम
- 18 से 60 साल की उम्र के सभी भारतीय नागरिकों को उपलब्ध
- अनूइटी प्लान के तहत रिटायरमेंट के बाद नियमित आय
- निवेश के वक्त विकल्पों में से उपयुक्त फंड के चुनाव की छूट
- स्कीम पर आयकर छूट का फायदा
- निवेश फंड बदलने का विकल्प मौजूद
संक्षेप में
आंकड़ों के मुताबिक साल दर साल इक्विटी से निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिलते रहे हैं। लेकिन, अगर आप सीधा इक्विटी में निवेश से डर रहे हैं या फिर ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए निवेश विकल्प आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी उद्देश्य के लिए है और इसे निवेश, बीमा, कर या कानूनी सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। इन क्षेत्रों से संबंधित निर्णय लेने के पहले विशेषज्ञों से स्वतंत्र सलाह प्राप्त करें।