- Date : 05/06/2020
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अपनी शादीशुदा जिंदगी को वित्तीय कारणों से बर्बाद होने से रोकने के लिए इन सरल सुझावों का पालन करें

ज्यादातर लोग इस बात को नहीं मानते हैं, लेकिन एक खुशहाल विवाहित जिंदगी में पैसों का बड़ा योगदान होता है। जब एक दंपति के बीच वित्तीय मामलों पर पारदर्शिता की कमी होती है, तो कई तरह की गलतफहमी और उलझनें पैदा हो सकती हैं। ऐसे मसलों से हर कीमत पर बचा जाना चाहिए। जब बात वित्तीय मामलों पर भरोसा करने की आती है, तो लोग पूरी तरह से अपनी शादी पर सवाल उठा सकते हैं। आइए देखते हैं कि आप इस तरह की मुश्किलों से कैसे बच सकते हैं। यदि आप पहले से ही ऐसी स्थिति में फंसे हुए हैं, तो अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को बचाने के लिए नीचे दिये गये सुझावों पर विचार कर सकते हैं:
- आपस में बात करें:
एक-दूसरे के प्यार में खोए रहने वाले दिनों में लोग वित्तीय मामलों के बारे में ज्यादा सोच ही नहीं पाते हैं। अगर लड़का-लड़की प्यार में पड़कर शादी करते हैं, तो ऐसे मामले में पैसों से जुड़ी बातों को आमतौर पर टाल ही दिया जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि शुरुआती दौर में पैसे और वित्तीय लेन-देन के बारे में बात कर लेने से बेहतर तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग का मौका मिल जाता है। इससे बाद में अचानक से सामने आने वाले वित्तीय लेनदेन से निपटने की दिक्कतें खत्म हो जाती है।
- पारदर्शिता बनाए रखना:
पैसे और वित्तीय लेन-देन के मामले में दो कारणों से भरोसे का सवाल उठता है। अलग-अलग बैंक खाते या एक कमाने वाला सदस्य होने पर दिक्कतें बढ़ती है। अलग-अलग बैंक खाता होने पर, अगर दोनों को अगर एक-दूसरे की हर महीने की कमाई और खर्चों के बारे में पता हो, तो काफी दिक्कतों को खत्म किया जा सकता है। हालांकि, अगर एक व्यक्ति को पैसे के प्रबंधन का अधिकार दिया जाता है, तो उन्हें बहुत अधिक आजादी मिलती है, जिन्हें ज्यादातर मामलों में शोषण किया जाता है।
- अपने लक्ष्य एकसमान रखें:
आम तौर पर हर व्यक्ति की जो भी कमाई हो, लेकिन हर किसी की जरूरतें और इच्छाएं अलग-अलग होती हैं। एक बार जब आप शादी के बंधनों में बंध जाते हैं, तो कुछ समझौते और सामंजस्य बनाना मजबूरी हो जाता है। हालांकि, विचारों को मैच्योरिटी के साथ सुलझा लेना ही बेहतर होता है। ताकि किसी भी स्तर पर निराशा नहीं हो। अगर आपसी सामंजस्य की कमी होती है, तो लोग अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी आमदनी को अलग करना शुरू कर देते हैं।
- माहौल हल्का रखने की कोशिश करें:
यदि आप किसी पड़ाव पर आप महसूस करते हैं कि आपसे वित्तीय जानकारी के बारे में कुछ बातें छिपाई गई है, या झूठ बोला गया है, तो जाहिर है तत्काल प्रतिक्रिया के तौर पर गुस्सा आ सकता है। हालांकि, अगर आप इस तरह की स्थिति से बचना चाहते हैं, और अपनी शादी को कामयाब बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि आपका नजरिया धैर्य रखने के साथ समझदारी भरा हो। बावजूद इसके कि आप महसूस कर रहे हों कि आपको धोखा दिया गया है, लेकिन अगर आपने एक बार अपने पार्टनर पर आरोप लगा दिया कि उन्होंने भरोसे को तोड़ा है, तो इसका असर शादीशुदा जीवन पर होता है। इस तरह के मतभेद को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है।
शादी के बाद कई वित्तीय मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा जरूर करनी चाहिए। हालांकि, हम जानते हैं कि आपके लिए सभी जरूरी चीजों का रिसर्च करना मुश्किल काम हो सकता है। लेकिन प्रेम और पैसा पर ये ई-बुक आपको बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। और सुनिश्चित कर सकता है कि आप और आपके पार्टनर एक साथ खुशहाली के साथ वित्तीय रूप से एक ठोस जीवन की योजना बना सकें।
विषय: फाइनेंशियल प्लानिंग, पर्सनल फाइनेंस, विवाहित दंपत्ति के लिए आर्थिक योजना
ज्यादातर लोग इस बात को नहीं मानते हैं, लेकिन एक खुशहाल विवाहित जिंदगी में पैसों का बड़ा योगदान होता है। जब एक दंपति के बीच वित्तीय मामलों पर पारदर्शिता की कमी होती है, तो कई तरह की गलतफहमी और उलझनें पैदा हो सकती हैं। ऐसे मसलों से हर कीमत पर बचा जाना चाहिए। जब बात वित्तीय मामलों पर भरोसा करने की आती है, तो लोग पूरी तरह से अपनी शादी पर सवाल उठा सकते हैं। आइए देखते हैं कि आप इस तरह की मुश्किलों से कैसे बच सकते हैं। यदि आप पहले से ही ऐसी स्थिति में फंसे हुए हैं, तो अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को बचाने के लिए नीचे दिये गये सुझावों पर विचार कर सकते हैं:
- आपस में बात करें:
एक-दूसरे के प्यार में खोए रहने वाले दिनों में लोग वित्तीय मामलों के बारे में ज्यादा सोच ही नहीं पाते हैं। अगर लड़का-लड़की प्यार में पड़कर शादी करते हैं, तो ऐसे मामले में पैसों से जुड़ी बातों को आमतौर पर टाल ही दिया जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि शुरुआती दौर में पैसे और वित्तीय लेन-देन के बारे में बात कर लेने से बेहतर तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग का मौका मिल जाता है। इससे बाद में अचानक से सामने आने वाले वित्तीय लेनदेन से निपटने की दिक्कतें खत्म हो जाती है।
- पारदर्शिता बनाए रखना:
पैसे और वित्तीय लेन-देन के मामले में दो कारणों से भरोसे का सवाल उठता है। अलग-अलग बैंक खाते या एक कमाने वाला सदस्य होने पर दिक्कतें बढ़ती है। अलग-अलग बैंक खाता होने पर, अगर दोनों को अगर एक-दूसरे की हर महीने की कमाई और खर्चों के बारे में पता हो, तो काफी दिक्कतों को खत्म किया जा सकता है। हालांकि, अगर एक व्यक्ति को पैसे के प्रबंधन का अधिकार दिया जाता है, तो उन्हें बहुत अधिक आजादी मिलती है, जिन्हें ज्यादातर मामलों में शोषण किया जाता है।
- अपने लक्ष्य एकसमान रखें:
आम तौर पर हर व्यक्ति की जो भी कमाई हो, लेकिन हर किसी की जरूरतें और इच्छाएं अलग-अलग होती हैं। एक बार जब आप शादी के बंधनों में बंध जाते हैं, तो कुछ समझौते और सामंजस्य बनाना मजबूरी हो जाता है। हालांकि, विचारों को मैच्योरिटी के साथ सुलझा लेना ही बेहतर होता है। ताकि किसी भी स्तर पर निराशा नहीं हो। अगर आपसी सामंजस्य की कमी होती है, तो लोग अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी आमदनी को अलग करना शुरू कर देते हैं।
- माहौल हल्का रखने की कोशिश करें:
यदि आप किसी पड़ाव पर आप महसूस करते हैं कि आपसे वित्तीय जानकारी के बारे में कुछ बातें छिपाई गई है, या झूठ बोला गया है, तो जाहिर है तत्काल प्रतिक्रिया के तौर पर गुस्सा आ सकता है। हालांकि, अगर आप इस तरह की स्थिति से बचना चाहते हैं, और अपनी शादी को कामयाब बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि आपका नजरिया धैर्य रखने के साथ समझदारी भरा हो। बावजूद इसके कि आप महसूस कर रहे हों कि आपको धोखा दिया गया है, लेकिन अगर आपने एक बार अपने पार्टनर पर आरोप लगा दिया कि उन्होंने भरोसे को तोड़ा है, तो इसका असर शादीशुदा जीवन पर होता है। इस तरह के मतभेद को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है।
शादी के बाद कई वित्तीय मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा जरूर करनी चाहिए। हालांकि, हम जानते हैं कि आपके लिए सभी जरूरी चीजों का रिसर्च करना मुश्किल काम हो सकता है। लेकिन प्रेम और पैसा पर ये ई-बुक आपको बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। और सुनिश्चित कर सकता है कि आप और आपके पार्टनर एक साथ खुशहाली के साथ वित्तीय रूप से एक ठोस जीवन की योजना बना सकें।
विषय: फाइनेंशियल प्लानिंग, पर्सनल फाइनेंस, विवाहित दंपत्ति के लिए आर्थिक योजना