- Date : 18/04/2023
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दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने चिवास रीजल व्हिस्की और एबसॉल्यूट वोडका बनाने वाली कंपनी पर्नोड रिकार्ड (Pernod Ricard) के खिलाफ चल रही जांच का हवाला देते हुए बिक्री लाइसेंस को रीन्यू करने से इनकार कर दिया है।

Chivas Regal And Absolute: दिल्ली में आने वाले समय में एक पॉपुलर व्हिस्की और वोडका की भारी किल्लत देखने को मिल सकती है। जी हां, चिवास रीजल व्हिस्की और एबसॉल्यूट वोडका बनाने वाली कंपनी पर्नोड रिकार्ड के शराब बिक्री लाइसेंस से जुड़े आवेदन को दिल्ली सरकार ने खारिज कर दिया है। सरकारी अधिकारियों ने फ्रांसीसी स्पिरिट दिग्गज पर्नोड रिकार्ड के आवेदन को खारिज कर दिया है। कंपनी में चल रही जांच का हवाला देते हुए आवेदन को नामंजूर किया गया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो भारत में जांच एजेंसियों से मिले दस्तावेजों के साथ स्पिरिट कंपनी के आवेदन की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया। आदेश में इन एजेंसियों द्वारा लगाए गए आरोपों का हवाला दिया गया है, जिसमें पर्नोड पर फॉल्स प्राइसिंग के साथ ही खुदरा विक्रेताओं को कंपनी के ज्यादा ब्रैंड्स को स्टॉक में रखने के बदले वित्तीय मदद करके अवैध लाभ कमाने का आरोप लगाया गया था। कंपनी और उसके कर्मचारियों पर आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप भी लगाया गया है।
हालांकि, इस मामले में पर्नोड का कहना है कि वह किसी गलत काम में शामिल नहीं है। बीते मार्च में दिल्ली की एक अदालत को पर्नोड रिकार्ड ने बताया था कि लाइसेंस रीन्यूअल में देरी के कारण 6 महीने तक शहर में इसके ब्रैंड उपलब्ध नहीं होने के कारण काफी नुकसान हुआ था। जज ने इस मामले पर फैसला करने के लिए शहर के अधिकारियों को 2 हफ्ते का समय दिया था। परनोड अगली बार दिल्ली सरकार के सीनियर अधिकारियों के सामने अपील दायर कर सकता है।
Chivas Regal And Absolute: दिल्ली में आने वाले समय में एक पॉपुलर व्हिस्की और वोडका की भारी किल्लत देखने को मिल सकती है। जी हां, चिवास रीजल व्हिस्की और एबसॉल्यूट वोडका बनाने वाली कंपनी पर्नोड रिकार्ड के शराब बिक्री लाइसेंस से जुड़े आवेदन को दिल्ली सरकार ने खारिज कर दिया है। सरकारी अधिकारियों ने फ्रांसीसी स्पिरिट दिग्गज पर्नोड रिकार्ड के आवेदन को खारिज कर दिया है। कंपनी में चल रही जांच का हवाला देते हुए आवेदन को नामंजूर किया गया है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो भारत में जांच एजेंसियों से मिले दस्तावेजों के साथ स्पिरिट कंपनी के आवेदन की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया। आदेश में इन एजेंसियों द्वारा लगाए गए आरोपों का हवाला दिया गया है, जिसमें पर्नोड पर फॉल्स प्राइसिंग के साथ ही खुदरा विक्रेताओं को कंपनी के ज्यादा ब्रैंड्स को स्टॉक में रखने के बदले वित्तीय मदद करके अवैध लाभ कमाने का आरोप लगाया गया था। कंपनी और उसके कर्मचारियों पर आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप भी लगाया गया है।
हालांकि, इस मामले में पर्नोड का कहना है कि वह किसी गलत काम में शामिल नहीं है। बीते मार्च में दिल्ली की एक अदालत को पर्नोड रिकार्ड ने बताया था कि लाइसेंस रीन्यूअल में देरी के कारण 6 महीने तक शहर में इसके ब्रैंड उपलब्ध नहीं होने के कारण काफी नुकसान हुआ था। जज ने इस मामले पर फैसला करने के लिए शहर के अधिकारियों को 2 हफ्ते का समय दिया था। परनोड अगली बार दिल्ली सरकार के सीनियर अधिकारियों के सामने अपील दायर कर सकता है।