- Date : 01/03/2023
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शेयर मार्केट में किए गए निवेश की प्रतियाँ प्राप्त करने की जगह डीमैट खाते में पूरी जानकारी पा सकते हैं।

Online Demat: मेहनत से कमाई हुई कमाए हुए पैसे को हम अलग-अलग जगह निवेश करते हैं ताकि उससे अच्छी संपत्ति बनाई जा सके। ऐसा करते हुए अक्सर शेयर मार्केट, कर्ज आदि की प्रतियाँ संभालकर रखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। 1996 में पारित डिपॉजिटरी अधिनियम के अंतर्गत इस समस्या का समाधान डीमैट खातों के जरिए दिया गया।
डीमैट अकाउंट क्या होते हैं?
जो खाते भौतिक रूप से मौजूद नहीं होते उसे डीमैट अकाउंट कहते हैं। इनमें स्टॉक्स, बॉन्ड आदि कई तरह की वित्तीय प्रतिभूतियों (इक्विटी) की सॉफ्ट कॉपी इलेक्ट्रॉनिक प्लैटफ़ॉर्म पर सुरक्षित रखी जाती है।
डीमैट खाते में शेयर, स्टॉक्स, ई-गोल्ड, बॉन्ड आदि शृंखलाएँ सहेजी जाती हैं। साथ ही सरकारी प्रतिभूतियाँ, आईपीओ, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, गैर परिवर्तनीय डिबेंचर और शेयर बाजार में कारोबार करने वाले म्यूचूअल फंड आदि की प्रतिभूतियाँ शामिल हैं।
एक ऐसा बैंक खाता जो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कारोबार के क्रेडिट, डेबिट, शेष राशि और लेनदेन का हिसाब रखता है। इसमें न्यूनतम राशि या होल्डिंग की सीमा नहीं होती। यह एक ज़ीरो बैलेंस खाता होता है।
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ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें?
ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के लिये निम्न प्रक्रिया अपनानी होती है,
- अपनी पसंद के डिपॉज़िटरी पार्टनर की वेबसाइट पर लॉग इन करें।
- नाम, फ़ोन नंबर और शहर के आधार पर सरल लीड फॉर्म भरना होगा। इसके बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा।
- ओटीपी भरने पर अगला फॉर्म मिलेगा जिसके द्वारा केवाईसी का विवरण देना होगा। जन्म की तिथि, पैन कार्ड नंबर, संपर्क के लिए जानकारी और बैंक खाते की जानकारी भरनी होगी।
- इसी के साथ डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी होती है। डीमैट खाते से संबंधित विवरण पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर प्राप्त हो जाएगा।
डीमैट खाता अपने डिपॉज़िटरी सहभागी के ज़रिए ऑफ़लाइन भी खोला जा सकता है।
इसके लिए भौतिक स्वरूप में आवेदन पत्र भरना होगा। साथ ही केवाईसी दस्तावेज की प्रतियाँ जमा करनी होंगी। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद शुल्क भरकर भुगतान करना होगा।
इसके बाद अंतिम अनुमोदन के साथ ही प्रक्रिया पूरी होकर डीमैट खाता का नंबर प्राप्त हो जाएगा।
डीमैट के लिए आवश्यक केवाईसी
डीमैट खाता खोलने के लिए पहचान प्रमाण पत्र के साथ पते के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। इसके लिए निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत किए जा सकते हैं,
पहचान प्रमाण पत्र के रूप में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैनकार्ड, मतदाता आईडी कार्ड दिया जा सकता है। इसके लिए बिजली या फ़ोन बिल की सत्यापित कॉपी बैंक का प्रमाणन, सरकारी (केंद्र या राज्य) निकाय द्वारा दिया गया फोटो आईडी कार्ड भी दिया जा सकता है। आईसीएआई, आईसीडब्ल्यूएआई, आईसीएसआई या बार परिषद के फोटो पहचान पत्र भी दिए जा सकते हैं।
पते के प्रमाण पत्र के रूप में ऊपर दिए गए सभी विकल्पों में से एक या आवासीय टेलीफोन बिजली बिल की सत्यापित प्रति या उच्च न्यायालय अथवा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा स्वघोषणा पत्र या छुट्टी और लाइसेंस अनुबंध या बिक्री का अनुबंध भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
डीमैट खाते के तत्व
डीमैट खाते के चार प्रमुख तत्त्व होते हैं
- डिपॉज़िटरी - वर्तमान में भारत में दो डिपॉज़िटरी अधिकृत रूप से सेवाएँ प्रदान करती हैं। सिक्यॉ सिक्योरिटीज रिटीज लिमिटेड की केंद्रीय डिपॉज़िटरी और सिक्योरिटीज लिमिटेड की राष्ट्रीय डिपॉज़िटरी।
- डिपॉज़िटरी प्रतिभागी या पार्टनर - सेबी में पंजीकृत दोनों संस्थाएँ डिपॉज़िटरी प्रतिभागी का दायित्व निभाती हैं। सेबी द्वारा प्रत्येक डीपी को एक यूनीक कोड दिया जाता है। कोई भी वित्तीय संस्था, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, भारत में मौजूद कोई विदेशी बैंक जो आरबीआई द्वारा अनुमोदित हो, स्टॉकब्रोकर, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, क्लियरिंग हाउस, राज्य वित्तीय निगम आदि कोई भी डीपी हो सकता है।
- निवेशक - वह व्यक्ति जो प्रतिभूतियों का मालिक होता है निवेशक कहलाता है। यहाँ डीमैट खाताधारक निवेशक है।
- यूनीक आईडी - सेबी द्वारा प्रतिभूतियों की प्रोसेसिंग को सरल और पारदर्शक बनाने के लिए प्रत्येक खाते के लिए 16 अंकों का एक यूनीक कोड दिया जाता है।
डीमैट खाते के फायदे
डीमैट खाताधारक को कई तरह की सुविधाएँ उपलब्ध हैं जैसेकि,
- निवेश हस्तांतरण
- खाताधारक डीमैट खाते के माध्यम से अपनी पूरी होल्डिंग या फिर उसका एक अंश किसी अन्य व्यक्ति को स्थानांतरित कर सकता है। इस हस्तांतरण के लिए केवल एक निर्देश स्लिप भरनी होती है।
- कॉर्पोरेट गतिविधियाँ
डीमैट खाते में स्वचालित रूप से प्रतिभूतियों की स्थिति अपडेट होती है। डीमैट खाताधारक को इक्विटी से जुड़ी हुई गतिविधियों जैसे कि बोनस शेयर संबंधित अन्य प्रतिभूतियों आदि पर ध्यान रखना आसान हो जाता है।
डीमैट खाते द्वारा भौतिक रूप से प्राप्त प्रतिभूतियों और प्रमाण पत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदला जा सकता है। डीमैट अनुरोध फॉर्म भरकर प्रमाण पत्र के साथ जानकारी जमा करनी होगी।
अभौतिकीकरण के समान के जैसे ही डीमैट प्रतिभूति को फिर से भौतिक स्वरूप में प्राप्त किया जा सकता है इसके लिए रेमेट अनुरोध फॉर्म भरना पड़ता है।
- इसके साथ ही यदि किसी अनचाही घटना का अंदेशा हो तो डीमैट खाते को अन्य बैंक खातों या क्रेडिट कार्ड की तरह ब्लॉक किया जा सकता है।
निवेशक की पात्रता
लेख में बताए गए दस्तावेजों के साथ भारत का पंजीकृत निवासी डीमैट अकाउंट खोल सकता है। साथ ही अनिवासी भारतीय कुछ प्रतिबंधों के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
डीमैट खाते में अधिकतम तीन खाताधारक हो सकते हैं तो संयुक्त खाताधारक और एक मुख्य खाताधारक।
साथ ही डीमैट खातों के लिए लाभार्थी को नामांकित किया जा सकता है।
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