- Date : 12/08/2019
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- Read in English: Deposits in Jan Dhan accounts cross Rs 1 lakh crore
बजट 2019-20 के दौरान, वित्त मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को 1,03,927 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो संभवत: जन धन जमा के माध्यम से वित्त पोषित किए जा सकते हैं।

एनडीए -1 सरकार द्वारा 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) देश के सभी नागरिकों को सार्वभौमिक बैंकिंग प्रदान करने के लिए तैयार है।
03 जुलाई, 2019 को जारी किए गए डेटा से पता चला कि 36.06 लाख पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा 1,00,495 करोड़ रुपये की है।
पी.एम.जे.डी.वाय. क्या है?
पी.एम.जे.डी.वाय. के तहत लाभार्थियों को बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉज़िट (BSBD) खाते पेश की जाती है जिसमे ओवरड्राफ्ट और रेमिटेंस की अतिरिक्त सुविधाऐ सुलभ हैं , एक रुपे डेबिट कार्ड और कम-आय वर्ग के लाभार्थियों के लिए पेंशन। लगभग 60% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए, ताकि छोटे शहरों में नागरिकों को सुलभ बैंकिंग विकल्प उपलब्ध हो सकें।
इस पहल के साथ, 2014 में सबसे गरीब परिवारों के बीच बैंक खाता की पहुँच 44% से बढ़कर 2017 में 77% हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के बहुमत के साथ इन खातों में से 53% लाभार्थी महिलाएं हैं।
संबंधित: स्टैंड अप इंडिया बजट 2019: उद्यमियों के लिए इसमें क्या है?
पी.एम.जे.डी.वाय. के लाभ?
- बी.एस.बी.डी. में बनाए रखने के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं है।
- 28 अगस्त, 2018 के बाद खोले गए नए खाते 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा का लाभ उठा सकते हैं |
- छह महीने की अवधि में संतोषजनक खाता संचालन पर खातों पर ओवरड्राफ्ट सुविधा दोगुनी होकर 10,000 रुपये तक कर दी गई है ।
- कुल 6000 दुर्घटना बीमा दावों में से कुल 4000 का निपटारा किया गया।
- 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, लगभग 28.45 करोड़ खाताधारकों के पास रूपे डेबिट कार्ड था।
- जन धन बैंक खाता योजना और इसके बैंकिंग लाभों को 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है।
संबंधित: 2019 का बजट स्वयं सहायता समूहों की मदद के लिए कैसा है?
पीएमजेडीवाई के लिए रुझान
वित्त मंत्रालय के अनुसार, पीएमजेडीवाई के तहत शून्य बैलेंस खातों की संख्या मार्च 2018 में 5.10 करोड़ से घटकर मार्च 2019 में 5.07 करोड़ हो गई है, जो सभी खातों के 15% से कम है।लाभार्थियों को सभी सरकारी लाभों को जोड़ने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से खाते के संचालन में वृद्धि हुई है।
जन धन खातों में औसत बैलेंस मार्च 2015 में 1,065 रुपये से बढ़कर जनवरी 2019 तक 2,603 रुपये हो गया है।
बजट 2019-20 के दौरान, वित्त मंत्रालय ने गृह मामलों को 1,03,927 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो संभवतः जन धन जमा के माध्यम से फंड हो सकते हैं। सरकार की सामाजिक और स्वास्थ्य योजनाओं पर एक नजर - क्या आप इसके पात्र हैं?
एनडीए -1 सरकार द्वारा 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) देश के सभी नागरिकों को सार्वभौमिक बैंकिंग प्रदान करने के लिए तैयार है।
03 जुलाई, 2019 को जारी किए गए डेटा से पता चला कि 36.06 लाख पीएमजेडीवाई खातों में कुल जमा 1,00,495 करोड़ रुपये की है।
पी.एम.जे.डी.वाय. क्या है?
पी.एम.जे.डी.वाय. के तहत लाभार्थियों को बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉज़िट (BSBD) खाते पेश की जाती है जिसमे ओवरड्राफ्ट और रेमिटेंस की अतिरिक्त सुविधाऐ सुलभ हैं , एक रुपे डेबिट कार्ड और कम-आय वर्ग के लाभार्थियों के लिए पेंशन। लगभग 60% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए, ताकि छोटे शहरों में नागरिकों को सुलभ बैंकिंग विकल्प उपलब्ध हो सकें।
इस पहल के साथ, 2014 में सबसे गरीब परिवारों के बीच बैंक खाता की पहुँच 44% से बढ़कर 2017 में 77% हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के बहुमत के साथ इन खातों में से 53% लाभार्थी महिलाएं हैं।
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पी.एम.जे.डी.वाय. के लाभ?
- बी.एस.बी.डी. में बनाए रखने के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं है।
- 28 अगस्त, 2018 के बाद खोले गए नए खाते 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा का लाभ उठा सकते हैं |
- छह महीने की अवधि में संतोषजनक खाता संचालन पर खातों पर ओवरड्राफ्ट सुविधा दोगुनी होकर 10,000 रुपये तक कर दी गई है ।
- कुल 6000 दुर्घटना बीमा दावों में से कुल 4000 का निपटारा किया गया।
- 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, लगभग 28.45 करोड़ खाताधारकों के पास रूपे डेबिट कार्ड था।
- जन धन बैंक खाता योजना और इसके बैंकिंग लाभों को 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है।
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पीएमजेडीवाई के लिए रुझान
वित्त मंत्रालय के अनुसार, पीएमजेडीवाई के तहत शून्य बैलेंस खातों की संख्या मार्च 2018 में 5.10 करोड़ से घटकर मार्च 2019 में 5.07 करोड़ हो गई है, जो सभी खातों के 15% से कम है।लाभार्थियों को सभी सरकारी लाभों को जोड़ने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से खाते के संचालन में वृद्धि हुई है।
जन धन खातों में औसत बैलेंस मार्च 2015 में 1,065 रुपये से बढ़कर जनवरी 2019 तक 2,603 रुपये हो गया है।
बजट 2019-20 के दौरान, वित्त मंत्रालय ने गृह मामलों को 1,03,927 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो संभवतः जन धन जमा के माध्यम से फंड हो सकते हैं। सरकार की सामाजिक और स्वास्थ्य योजनाओं पर एक नजर - क्या आप इसके पात्र हैं?