- Date : 29/11/2020
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जवाबी बहाने और गलतफहमियां जो अक्सर महिलाएं शेयर बाजार में निवेश करने के लिए देती है |

भारत में महिलाओं के उत्थान में भारी परिवर्तन देखा जा रहा है | कई दशकों से, शिक्षा और अवसर के अभाव ने उन्हें कार्यबल में बराबर भागीदार बनने से वंचित रखा है जिससे उनके वित्तीय स्वतंत्रता में बाधा आती है| 2011 जनगणना के अनुसार, भारत में महिला साक्षरता दर 60% है ,जबकि नर साक्षरता दर 80% है |
पारम्परिक रूप से, महिलाएं घर संभालती थी और पुरुष घर के लिए कमाने वाले व्यक्ति होते थे | इस कारण से पुरुष सभी निर्णय लेने के लिए सशक्त हुए| हालांकि, चीज़ें बदल रही हैं | महिलाएं कॉर्पोरेट क्षेत्र में ,खेल की दुनिया में,कला आदि में अग्रसर हो रही हैं | हालांकि, शेयर बाजार में निवेश एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे अभी भी पुरुष का वर्चस्व है| सेंट्रल डेपोसिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सी.डी.एस.एल.) के अनुसंधान के अनुसार, शेयर बाजार में 75 % निवेशक पुरुष है ,जबकि 25% निवेशक महिलाएं हैं |
हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि भारतीय महिलाएं भारतीय शेयर बाजार की क्षमता से रूबरू नहीं हैं | एक प्रमुख निवेश प्लेटफार्म द्वारा आयोजित एक सर्वेक्षण में ,82% भारतीय महिलाओं ने माना कि स्टॉक्स और म्यूच्यूअल फंड्स उनके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में उनकी मदद कर सकती है |
2020 में गढ़ा बदलाव
हालांकि, इस महामारी वर्ष में महिला निवेशकों में बड़ी छलांग देखने को मिली है - अप्रैल और जून के बीच 53% - उसके पिछले तीन महीनो की तुलना में | यह व्यापक रूप से माना जाता है कि 'घर से काम' करना,एक बहुत महत्वपूर्ण कारक रहा होगा जिसने महिलाओं को इक्विटीज में प्रत्यक्ष रूप से निवेश करने में सक्षम बनाया |इसके बदले,उन्हें यह समझने में बहुत मदद मिली होगी कि स्टॉक्स में पैसे कैसे बनाये जाये |
महिला निवेशकों की बढ़ती संख्या के लिए उनकी अधिक कमाई करने की चाहत को ज़िम्मेदार ठहराया गया | महिलाएं जो शेयर बाजार में निवेश करती रही हैं,अब स्वयं को शिक्षित करने का प्रयास कर रही हैं | उनकी भयभीत होने की संभावना कम है और वे अधिक नपा-तुला जोखिम लेने के लिए तैयार हैं | उनका मानना है कि इसके कई फायदे हैं | कुछ महिलाएं स्टॉक ट्रेडर्स होती हैं जो हर दिन स्टॉक्स की खरीदी एवं बिक्री करती हैं , कुछ सक्रिय निवेशक होते हैं जो केवल फायदा ढूंढ़ती है और बाकी अन्य निष्क्रिय निवेशक होते हैं |
तो, महिलाएं शेयर बाजार में खेलने के विचार के खिलाफ क्यों हैं ? दरअसल,उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने से सम्बंधित कई गलतफहमियां हो सकती हैं | उसके अलावा, महिलाएं इक्विटी बाजार में अपनी कम भागीदारी के लिए कुछ सफाई भी पेश करती हैं |आइये इनमे से कुछ प्रमुख पर नज़र डालें :
1. मेरे पास निवेश के लिए पर्याप्त समय नहीं है
बढ़ते हुए दिनचर्या के कार्यों के साथ , महिलाओं के पास खुद का ख्याल रखने के लिए भी समय नहीं होता है | परन्तु यह सब नियोजन की बात है | वे ऐप-आधारित निवेश की तरफ रुख कर सकते हैं जो उनके आवाजाही के समय भी किया जा सकता है | वे नियमित निवेश के लिए एक इ.सी.एस. सुविधा भी स्थापित कर सकते हैं | इस प्रकार,वे अपनी बचत को ,ज्यादा हो या कम , हमेशा निवेशित रखना सुनिश्चित कर सकते हैं |
2. शेयर बाजार अस्थिर है; मैं कैसे जान सकती हूँ कि मेरा पैसा सुरक्षित है या नहीं ?
महिलाएं अपने पैसे खो जाने के डर से स्टॉक्स से दुरी बनाये रखती हैं | शेयर बाजार हमेशा से अस्थिर रहा है | परन्तु अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में, यदि कोई मुद्रास्फीति को पछाड़कर अच्छे रिटर्न कमाना चाहता है तो यह आदर्श विकल्प है | सेंसेक्स ने इसकी स्थापना से ही 15% का सी.ए.जी.आर. वितरित किया है | परन्तु जो लोग शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं ,उन्हें पहले शोध करना चाहिए | उन्हें आवश्यक अवधि के लिए निवेशित रहना चाहिए और अस्थिरता की स्थिति में दहशत का शिकार नहीं होना चाहिए | उन्हें समझना चाहिए कि शेयर बाजार में निवेशित रहना ही पैसे कमाने का तरीका है |
3. निवेश के लिए मेरी उम्र बहुत ज्यादा है
किसी को अक्सर ऐसा लग सकता है कि जब स्टॉक में निवेश की बात आती है तो उम्र उनका साथ नहीं देती | उनके लिए अपने पोर्टफोलियो में ऐसे फंड का ढूंढ़ना चुनौतीपूर्ण हो सकता है,जो उच्च जोखिम निवेश हैं और लम्बी अवधि के लिए हैं | जब तक आप ऐसे खंड को खोज सकते हैं और निवेश लक्ष्य और रणनीतियां बना सकते हैं ,उम्र कोई मायने नहीं रखती |
4. मेरे मासिक खर्चों के बाद कोई बचत नहीं बचती
यह निवेश नहीं करने के सबसे आम बहानों में से एक है| जीवनशैली के खर्चें आपके अधिकतर आय को ख़त्म कर सकते हैं और हो सकता है कि महीने के आखिरी में आपके पास निवेश करने के लिए कोई पैसे नहीं बचे हो |
प्रो टिप: अपनाने लायक एक उपयोगी दृष्टिकोण है : आमदनी- निवेश = आमदनी के अलावा के खर्चें- खर्चें = निवेश | इसके लिए सबकी मानसिकता में केवल बदलाव चाहिए | हफ्ते में दो बार खाना बाहर से मंगवा रहे हैं ? उसे हफ्ते में एक बार करना कैसा रहेगा ? आपको नए जूतों पर हर दो महीने में खर्च करना पसंद है ? आप आसानी से उससे ज्यादा समय के लिए नए जूतों के बिना रह सकते हैं|
5. आपको शेयर बाजार में निवेश करने के लिए बहुत पैसों की आवश्यकता होती है
यह एक लोकप्रिय गलत धारणा है कि आपको निवेश की शुरुआत करने से पहले बहुत फंड्स की आवश्यकता होती है | यदि आप भी वैसा ही सोचते हैं तो आप केवल ताल-मटोल कर रहे हैं |
प्रो टिप: आप निवेश की ओर बचत करते हुए छोटे-छोटे कदम से शुरुआत कर सकते हैं | आप महीने में 500 रुपये से भी कम से म्यूच्यूअल फंड में निवेश करके शुरुआत कर सकते हैं या उतनी ही राशि के मज़बूत फंडामेंटल वाले स्टॉक के कुछ शेयर खरीद सकते हैं | 'दुनिया के आठवें अजूबे' पर ध्यान दें ( जिस तरह से अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कम्पाउंडिंग की शक्ति का उल्लेख किया है)| इसका मतलब यह है कि समय के साथ, छोटे से छोटा निवेश भी बढ़ते हुए एक बड़े कोष में परिवर्तित हो सकता है |
उदाहरण के लिए, कई म्यूच्यूअल फंड ने लम्बी अवधि के लिए 12% से ज्यादा की सी.ए.जी.आर. पेश की है | अंदाजा लगाइये कि यदि आप 3000 रुपये प्रति माह 12% सी.ए.जी.आर. की दर से 30 वर्षों तक निवेश करते हैं तो आप कितना बचत कर सकते हैं? आश्चर्यजनक 1.1 करोड़ रुपये !
6. केवल वो लोग जिनका शेयर बाजार में कोई संपर्क है, वे ही पैसे कमा सकते हैं
भारतीय इक्विटी बाजार विश्वभर में सबसे अधिक सुनियंत्रित है | यहां कई लोगों के ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने बिना किसी संपर्क या प्रभाव के कड़ी मेहनत और पर्याप्त शोध से संपत्ति बनायीं है |
प्रो टिप: सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त शोध के बाद ही मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक में निवेश करें| केवल सुझावों के आधार पर निवेश निर्णय लेने से बचना ही सर्वोचित है |
हम उम्मीद करते हैं कि हम स्टॉक में निवेश से सम्बंधित कुछ प्रमुख गलत धारणाओं और बहानों के बारे में सफाई दे पाए हैं और आगे भारतीय महिलाओं को भारी मात्रा में शेयर बाजार में निवेश करके भाग लेते देखना चाहेंगे |
डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश या कानूनी सलाह के रूप में नहीं लगाया जाना चाहिए। इन क्षेत्रों में निर्णय लेते समय आपको अलग से सलाह प्राप्त करनी चाहिए