- Date : 01/06/2023
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डीजीसीए ने भारत में पहली बार चेन्नई स्थित ई प्लेन कंपनी को डिजाइन संगठन स्वीकृति दी है। ये कंपनी इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग (eVTOL) विमान विकसित करती है।

E Plane Company: पहले लोग प्लेन को हवा में उडते हुए देखते थे, अब ड्रोन को हवा में उड़ते हुए देखते हैं। वो समय दूर नहीं जब आप लोगों को हवा में उड़कर दफ्तर जाते हुए दिखाई देंगे। डीजीसीए ने भारत में पहली बार चेन्नई स्थित ई प्लेन कंपनी को डिजाइन संगठन स्वीकृति दी है। ये कंपनी इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग (eVTOL) विमान विकसित करती है। इस स्वीकृति का मतलब है कि कंपनी अपने e200 eVTOL विमान का कमर्शियल उत्पादन शुरू कर सकती है।
ई-प्लेन ई200 मूल रूप से एक इलेक्ट्रिक टू-सिटर एयरक्राफ्ट है। कंपनी का उद्देश्य भारत की पहली और दुनिया की सबसे कॉम्पैक्ट उड़ने वाली इलेक्ट्रिक टैक्सी विकसित करना है जो एक जगह से दूसरी जगह जाने और कार्गो पहुंचाने में दस गुना ज्यादा तेज होगी।
ई-प्लेन कंपनी के संस्थापक और सीईओ प्रो. सत्यनारायणन चक्रवर्ती के मुताबिक डीओए सर्टिफिकेट ने कंपनी को भारत और पूरी दुनिया में सुरक्षित यात्री उड़ानें सुनिश्चित करने के उनके मिशन के करीब ला दिया है।
डीओए कितना महत्वपूर्ण है?
डिजाइन ऑर्गनाइजेशन को परमिशन ई-प्लेन कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है। ये नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने के लिए कंपनी की उड़ान इलेक्ट्रिक टैक्सियों को आसमान के लिए अनुमति देने की क्षमता को दर्शाती है। कंपनी का कहना है कि वो ई प्लेन के सुरक्षित, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल विमान विकसित करने के लिए तैयार है।
श्री विक्रम देव दत्त, महानिदेशक, डीजीसीए ने व्यक्तिगत रूप से डिजाइन संगठन अनुमोदन प्रस्तुत किया, और कहा कि वह भारत में यूएवी और ईवीटीओएल पारिस्थितिकी तंत्र के तेजी से विकास और विशाल क्षमता को देखकर खुश हैं।
दत्त ने आगे कहा कि कड़े विमान प्रमाणन मानदंडों को पूरा करने के लिए ई-प्लेन की प्रतिबद्धता उनके अभिनव दृष्टिकोण में परिलक्षित होती है। दत्त ने कहा, "मैं इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को हासिल करने के लिए पूरी ई-प्लेन टीम को हार्दिक बधाई देता हूं, और मुझे ई-प्लेन और इसके उल्लेखनीय ई200 विमान की भविष्य की सफलता पर भरोसा है।"