EPF will give high return on fixed interest: एनपीएस में निश्चित ब्याज से ज्यादा रिटर्न

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन नए विकल्प घोषित करेगा जो कि उम्र और जोखिम पर आधारित होंगे।

ईपीएफओ में निवेश

EPFO schemes: कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन (EPFO) में निवेश यदि कम उम्र में ही शुरू कर देंगे तो यह बहुत फायदे का सौदा रहेगा। ईपीएफओ यह विचार कर रहा है कि वह अपने निवेशकों के लिए भविष्यनिधि और पेंशन योजना के नए विकल्प प्रस्तुत करे। ये विकल्प वर्तमान में मिलनेवाले ब्याज से ज्यादा रिटर्न देनेवाले हो सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा की यह ऐसी पहली कोशिश है जिसमें रिटर्न 10% के आसपास होगा। 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन विकल्पों के बाद युवा ग्राहक भी उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ में अधिक संख्या में निवेश करेंगे। वहीं वे लोग जिनकी उम्र अब सेवानिवृत्ति के पास पहुँच चुकी है, वे भी सुरक्षित लोन की श्रेणी में ज्यादा निवेश करेंगे। नए विकल्प प्रस्तुत करने की योजना ईपीएफओ की निवेश पोर्टफोलियो के प्रसार और निवेशकों को उच्च रिटर्न कमा कर देने की वृहद योजना का हिस्सा है। 

देखा गया है कि ईपीएफओ द्वारा किए गए निवेश का 15% इक्विटी में है और वह भी प्रमुखता से ईटीएफ में। आँकड़ों के अनुसार भविष्य निधि संगठन के पास कुल 15 करोड़ का कोष है जो उसके 6 करोड़ अंशधारकों से आता है। अब तक ईपीएफओ आम बैंकों या छोटे पैमाने की बचत योजनाओं से अधिक रिटर्न दे पाया है, परंतु मौजूदा पारम्परिक निवेश योजनाओं से ऐसा लम्बे समय तक कर पाना सम्भव नहीं होगा। 

यह भी पढ़ें:700% से अधिक रिटर्न वाले पेनी स्टॉक्स: क्या आपने निवेश किया है?

रिटर्न की विभिन्नता एक चुनौती 

एनपीएस अपने निवेशकों को ब्याज नहीं देता लेकिन अपने उत्पादों से होने वाला लाभ अपने अंशधारकों के बीच वितरित करता है। ईपीएफओ अपने निवेशकों को ब्याज द्वारा मुनाफ़ा देता है। अब जबकि निवेश उम्र या जोखिम के आधार पर किया जाएगा तो अलग-अलग दरों पर ब्याज देना एक चुनौती साबित हो सकती है। वर्तमान में सभी अंशधारकों को एक ही समान दर से ब्याज मिलता है। 

युवाओं में शेयरों में निवेश के प्रति रुझान बढ़ेगा

ईपीएफओ से संबंधित अधिकारी ने कहा कि प्रारंभ में पेंशन योजना और प्रॉविडेंट फंड को अलग करने की कोशिश होगी जो बाद में आयु और जोखिम के आधार पर बांटी जा सकती है। ऐसा करने से एक ओर जहां युवा ग्राहकों में इक्विटी में निवेश के प्रति रुझान बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर अधिक उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित निवेश के रास्ते खुले रहेंगे। 

एनपीएस में न्यूनतम निश्चित लाभ

एक तरफ़ ईपीएफओ एनपीएस की तर्ज़ पर शेयरों में निवेश के माध्यम से ऊँचे रिटर्न देने की सोच रहा है वहीं एनपीएस एक तय दर के साथ रिटर्न देने की योजना बना रहा है। पीएफआरडीए की भी यही योजना है, उसके चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने बताया कि प्राधिकरण की योजना है कि चालू वित्त वर्ष में इस योजना को लागू कर दिया जाए और तय दर के साथ मुनाफ़ा दिया जाए। 

यह भी पढ़ें: बजाज फाइनेंस के शेयरों की शानदार उड़ान

EPFO आपको हर महीने कितनी पेंशन देगा?

EPFO schemes: कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन (EPFO) में निवेश यदि कम उम्र में ही शुरू कर देंगे तो यह बहुत फायदे का सौदा रहेगा। ईपीएफओ यह विचार कर रहा है कि वह अपने निवेशकों के लिए भविष्यनिधि और पेंशन योजना के नए विकल्प प्रस्तुत करे। ये विकल्प वर्तमान में मिलनेवाले ब्याज से ज्यादा रिटर्न देनेवाले हो सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा की यह ऐसी पहली कोशिश है जिसमें रिटर्न 10% के आसपास होगा। 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन विकल्पों के बाद युवा ग्राहक भी उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ में अधिक संख्या में निवेश करेंगे। वहीं वे लोग जिनकी उम्र अब सेवानिवृत्ति के पास पहुँच चुकी है, वे भी सुरक्षित लोन की श्रेणी में ज्यादा निवेश करेंगे। नए विकल्प प्रस्तुत करने की योजना ईपीएफओ की निवेश पोर्टफोलियो के प्रसार और निवेशकों को उच्च रिटर्न कमा कर देने की वृहद योजना का हिस्सा है। 

देखा गया है कि ईपीएफओ द्वारा किए गए निवेश का 15% इक्विटी में है और वह भी प्रमुखता से ईटीएफ में। आँकड़ों के अनुसार भविष्य निधि संगठन के पास कुल 15 करोड़ का कोष है जो उसके 6 करोड़ अंशधारकों से आता है। अब तक ईपीएफओ आम बैंकों या छोटे पैमाने की बचत योजनाओं से अधिक रिटर्न दे पाया है, परंतु मौजूदा पारम्परिक निवेश योजनाओं से ऐसा लम्बे समय तक कर पाना सम्भव नहीं होगा। 

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रिटर्न की विभिन्नता एक चुनौती 

एनपीएस अपने निवेशकों को ब्याज नहीं देता लेकिन अपने उत्पादों से होने वाला लाभ अपने अंशधारकों के बीच वितरित करता है। ईपीएफओ अपने निवेशकों को ब्याज द्वारा मुनाफ़ा देता है। अब जबकि निवेश उम्र या जोखिम के आधार पर किया जाएगा तो अलग-अलग दरों पर ब्याज देना एक चुनौती साबित हो सकती है। वर्तमान में सभी अंशधारकों को एक ही समान दर से ब्याज मिलता है। 

युवाओं में शेयरों में निवेश के प्रति रुझान बढ़ेगा

ईपीएफओ से संबंधित अधिकारी ने कहा कि प्रारंभ में पेंशन योजना और प्रॉविडेंट फंड को अलग करने की कोशिश होगी जो बाद में आयु और जोखिम के आधार पर बांटी जा सकती है। ऐसा करने से एक ओर जहां युवा ग्राहकों में इक्विटी में निवेश के प्रति रुझान बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर अधिक उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित निवेश के रास्ते खुले रहेंगे। 

एनपीएस में न्यूनतम निश्चित लाभ

एक तरफ़ ईपीएफओ एनपीएस की तर्ज़ पर शेयरों में निवेश के माध्यम से ऊँचे रिटर्न देने की सोच रहा है वहीं एनपीएस एक तय दर के साथ रिटर्न देने की योजना बना रहा है। पीएफआरडीए की भी यही योजना है, उसके चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने बताया कि प्राधिकरण की योजना है कि चालू वित्त वर्ष में इस योजना को लागू कर दिया जाए और तय दर के साथ मुनाफ़ा दिया जाए। 

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