Experts say Indians will continue to embrace crypto in 2022 despite RBI concerns

विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक की चिंताओं के बावजूद भारतीय 2022 में क्रिप्टो को अपनाना जारी रखेंगे।

2022 में भारत के लिए क्रिप्टो पर पांच भविष्यवाणियां

14 जनवरी 2022 को, विश्व आर्थिक मंच (डब्लूईएफ) ने कहा कि वह क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित एक पहल शुरू कर रहा है, जो प्रमुख खिलाड़ियों और उद्योग के नेताओं को डिजिटल मुद्रा के भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ लाएगा।

डब्लूईएफ की ब्लॉकचैन की प्रमुख शीला वारेन ने कहा, "अगले कुछ वर्षों में क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र को दुनिया भर में बड़े पैमाने पर अपनाने की उम्मीद है।" यह पश्चिमी दुनिया की व्यापक सोच के अनुरूप है, जिससे 2022 में क्रिप्टो बाजार में पांच रुझान उभर रहे हैं।

आइए देखें कि वे क्या हैं:

  • क्रिप्टो को अपनाने के लिए वित्तीय सलाहकार;
  • क्रिप्टो को लेकर संभावित कानून;
  • क्रिप्टो व्यापार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी;
  • अमेजॉन जैसे खुदरा विक्रेता क्रिप्टो को अपनाएंगे;
  • चमक अंततः फीकी पड़ जाएगी।

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भारत में क्रिप्टो की स्थिति

भारत आधिकारिक तौर पर डिजिटल मुद्राओं के प्रति सतर्क रुख अपना रखा है। इसने हालांकि डिजिटल संपत्तियों पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन बढ़ावा भी नहीं दिया है।

वॉरेन के बयान के चार दिन बाद डब्लूईएफ को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और जलवायु परिवर्तन की ही तरह क्रिप्टो को "चुनौती" बताया और इससे निपटने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ आने का आह्वान किया। 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी बिटकॉइन और इथीरियम जैसी डिजिटल मुद्राओं को वित्तीय स्थिरता के लिए चिंता बताई है। उसने 2018 में उन पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में इसे पलट दिया था।

माना जाता है कि आरबीआई अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति देने पर विचार कर रहा है, लेकिन प्रभावी नियमों के साथ। 

भारत में 2022 में क्रिप्टो को लेकर 5 रुझान 

इस पृष्ठभूमि में, 2022 में भारत के लिए क्रिप्टो भविष्यवाणियां क्या हैं? विभिन्न हितधारकों ने अपने विचार दिए हैं, जिसके आधार पर कुछ अनुमान लगाया जा सकता है कि क्रिप्टो इंडिया किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहां पांच प्रमुख संकेत दिए गए हैं: 

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1. लोकप्रियता बढ़ेगी

क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोगों की संख्या के मामले में, भारत (10 करोड़ से अधिक लोग) वर्तमान में दुनिया में 7 वें स्थान पर है। भारत के सबसे बड़े डिजिटल करेंसी एक्सचेंज वजीररएक्स के संस्थापक निर्मल शेट्टी और क्रॉस टॉवर इंडिया एक्सचेंज के सीईओ विकास आहूजा जैसे विशेषज्ञों ने मीडिया साक्षात्कार में कहा है कि भारत के लोग आरबीआई की चिंताओं के बावजूद 2022 में क्रिप्टो को अपनाना जारी रखेंगे। इंटरनेट की कम लागत (एक गीगाबाइट मोबाइल डेटा की कीमत भारत में $0.26 है, जबकि अमेरिका में यह 12.37 डॉलर और वैश्विक औसत $8.53) इसकी एक प्रमुख वजह है।

2. युवाओं की दीवानगी

विशेषज्ञ का मानना है कि भारत में क्रिप्टो लोकप्रिय परिसंपत्ति वर्ग और मुख्यधारा के निवेश साधन के रूप में उभर रहा है, खासकर कमाई करने वाले युवाओं के बीच। दूसरे शब्दों में, क्रिप्टो 2022 में युवाओं (देश की औसत आयु लगभग 28 वर्ष है) द्वारा आगे बढ़ेगा। अनुमान है कि युवा क्रिप्टो में खुदरा निवेश को 2030 तक 15.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा देंगे। 

3. आने वाले दिनों में तेजी मुमकिन

जानकारों का कहना है कि 2022 में क्रिप्टो के बेंचमार्क बिटकॉइन में तेजी आने वाली है। इसलिए इस साल कमाने वाले युवाओं को संपत्ति निर्माण के नजरिये से इसे एक गंभीर उभरते निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि साल के अंत तक बिटकॉइन 100,000 अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार कर जाएगा; कुछ का यह भी कहना है कि यह एक नया"ऑल टाइम हाई" भी बना सकता है।

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4. तकनीकी व्यवधान

आरबीआई अपना डिजिटल रुपया (केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा) पेश करने की योजना बना रहा है और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में रुचि व्यक्त की है। उस स्रोत में रुचि तकनीक-आधारित व्यवधानों को आगे बढ़ा सकता है, जो विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन को सस्ता, तेज, अधिक ऊंचाई छुने वाला और टिकाऊ बना देगा। 

5. नए नियम 

अंत में, सरकार से 2022 में क्रिप्टो पर नियामक स्पष्टता प्रदान करने की उम्मीद है, जो कि बहुप्रतीक्षित है। यह नए निवेशकों के साथ साथ संस्थागत निवेशकों को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा। 

संवादपत्र

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