2021 में भारत के पांच सबसे अमीर लोग: मुकेश अंबानी, गौतम अदानी, शिव नादर, राधाकिशन दमानी और साइरस पूनावाला

एक अर्थव्यवस्था की संपत्ति स्थिर नहीं होती है, विशेष रूप से उस स्थिति में जैसी हम चल रही कोविड महामारी के कारण सामना कर रहे हैं। भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इसके बावजूद, देश में अभी भी अरबपतियों की प्रभावशाली संख्या है जो दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में कई पदों पर अधिकृत हैं।

2021 में भारत के शीर्ष पांच सबसे अमीर लोग

विशेष रूप से एक उद्योग परिदृश्य के दौरान, जैसा कि हम चल रही कोविड महामारी के कारण सामना कर रहे हैं, धन स्थिर नहीं रहता है। भारत में बाजार लगातार उतार-चढ़ाव का अनुभव कर रहा है। हालांकि, देश में अभी भी अरबपतियों की एक बड़ी संख्या है जो दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में कई पदों पर अधिकृत हैं।

यदि आप स्‍टॉक मार्केट (या अन्यथा) से धन बनाना चाहते हैं, तो आपको उन लोगों का अनुसरण करना चाहिए जो शीर्ष पर पहुंच गए हैं। यह लेख 2021 में शीर्ष सबसे अमीर भारतीयों को सूचीबद्ध करता है। हम उनकी पृष्ठभूमि, योग्यता के बारे में बात करेंगे और इस बारे में बात करेंगे कि उन्‍होंने अपनी सफलता की कहानी कैसे रची। हमारा उद्देश्य इस लेख के माध्यम से आपको प्रेरित करना है।

1.मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी भारतीय समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के एमडी हैं, जो बाजार पूंजीकरण के मामले में सबसे बड़ी कंपनी है। उनका जन्म 1957 में यमन में हुआ था और वे धीरूभाई अंबानी के चार बच्चों में से एक थे, जिन्होंने अपना करियर यमन में गैस स्टेशन में अटेंडेंट के रूप में शुरू किया था। मुकेश अंबानी के पास बॉम्बे विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री है। अपने पिता की मृत्यु (2002) के बाद और अपने भाई के साथ झगड़े के बाद, मुकेश ने रिलायंस समूह के अंतर्गत गैस, ऑयल और पेट्रोकेमिकल यूनिट्स का नियंत्रण प्राप्त कर लिया। वह रिलायंस समूह को एक नई ऊंचाई पर ले गए और सबसे अमीर भारतीय बन गए। मार्च 2022 तक उनकी मौजूदा नेट वर्थ 84.2 बिलियन डॉलर है। 

यह भी पढें: पैसिव फंड्स के साथ बाज़ार पूंजीकरण में अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लाएं?

2.गौतम अदानी- 

गौतम अदानी का जन्म 1962 में एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था और उनके सात भाई-बहन थे। उनके पिता, शांतिलाल अदानी, एक कपड़ा व्यापारी थे जिन्होंने काफी तरक्‍की की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के शेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय से पूरी की। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री का विकल्प चुना, लेकिन दूसरे वर्ष के बाद कॉलेज छोड़ दिया। अपनी किशोरावस्था में, वह 1978 में मुंबई चले गए और महेंद्र ब्रदर्स के लिए डायमंड सॉर्टर के रूप में काम करना शुरू कर दिया। आने वाले सालों में, उन्होंने मेटल, टेक्‍सटाइल और कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में अपने व्यवसाय का विस्‍तार किया। आज, अदानी इंटरप्राइजेज़ के तहत हर एक व्‍यवसाय है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान कुल संपत्ति 90.5 बिलियन डॉलर है। 

यह भी पढेंमेटल्स और आईटी सेक्टर्स ने बेहतर प्रदर्शन किया है: क्या आपको उन पर दांव लगाना चाहिए?

3.शिव नादर -

शिव नादर लंबे समय तक एचसीएल टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष रहे। उनका जन्म 1945 में तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा तमिलनाडु में की। 1976 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्तों की मदद से एचसीएल की स्थापना की। शुरुआत में एचसीएल ने कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाए। आज, हम जानते हैं कि एचसीएल ने एक लंबा सफर तय किया है और यह भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। 2008 में, भारत सरकार ने उन्हें आईटी उद्योग में उनके योगदान के लिए भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया। वह एक परोपकारी भी हैं, और उन्होंने सामाजिक कल्याण के लिए 1 बिलियन डॉलर का दान भी दिया है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान नेट वर्थ 30.6 बिलियन डॉलर है।

4.राधाकिशन दमानी- 

राधाकिशन दमानी भारत में मेगा-रिटेल चेन स्टोर - डीमार्ट के मालिक हैं। उनका जन्म 1954 में हुआ था, और वे खुद को उच्च शिक्षित व्यक्ति नहीं मानते हैं। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बी.कॉम की पढ़ाई करते समय कॉलेज छोड़ दिया। उन्होंने एक स्टॉक ब्रोकर के रूप में अपने पारिवारिक व्यवसाय की शुरुआत की और स्टॉकब्रोकिंग से अच्छा मुनाफा कमाया। 2002 में, उन्होंने मुंबई में पहला डीमार्ट स्टोर खोला। मार्च 2017 में, डीमार्ट सार्वजनिक हो गया, और आज भारत में विभिन्न स्थानों पर इसके 263 स्टोर हैं। डीमार्ट के शेयर्स की कीमत में उछाल ने उन्हें सूची में ला दिया। वह एक निवेशक बने हुए है और उन्‍होंने कई सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में निवेश किया है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान नेट वर्थ 24.5 बिलियन डॉलर है। यह भी पढें: स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है? यहां शुरुआत करने वाले लोगों के लिए एक पूरी गाइड है 

5.साइरस पूनावाला- 

साइरस पूनावाला पूनावाला समूह के अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 1941 में एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसका प्राचीन व्यवसाय हाउसराइडिंग था, और वे पूनावाला स्टड फार्म के मालिक थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिशप स्कूल, पुणे में की, लेकिन उनकी अपने पारिवारिक व्यवसाय में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उन्होंने पहले कई व्यवसायों के साथ प्रयोग किया। 1966 में, उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना की। कोविशील्ड, भारत के सबसे विश्वसनीय कोविड19 वैक्‍सीन में से एक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का एक प्रोडक्‍ट है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान नेट वर्थ 15.3 बिलियन डॉलर है।

निष्‍कर्ष

ये आज के शीर्ष 5 सबसे अमीर भारतीय हैं, और उनमें से प्रत्येक को उस स्तर पर आने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी, जहां वे आज हैं। अगर वे कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि उन्होंने आपको जीवन में एक बड़ी दूरदर्शिता रखने के लिए प्रेरित किया है।

विशेष रूप से एक उद्योग परिदृश्य के दौरान, जैसा कि हम चल रही कोविड महामारी के कारण सामना कर रहे हैं, धन स्थिर नहीं रहता है। भारत में बाजार लगातार उतार-चढ़ाव का अनुभव कर रहा है। हालांकि, देश में अभी भी अरबपतियों की एक बड़ी संख्या है जो दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में कई पदों पर अधिकृत हैं।

यदि आप स्‍टॉक मार्केट (या अन्यथा) से धन बनाना चाहते हैं, तो आपको उन लोगों का अनुसरण करना चाहिए जो शीर्ष पर पहुंच गए हैं। यह लेख 2021 में शीर्ष सबसे अमीर भारतीयों को सूचीबद्ध करता है। हम उनकी पृष्ठभूमि, योग्यता के बारे में बात करेंगे और इस बारे में बात करेंगे कि उन्‍होंने अपनी सफलता की कहानी कैसे रची। हमारा उद्देश्य इस लेख के माध्यम से आपको प्रेरित करना है।

1.मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी भारतीय समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के एमडी हैं, जो बाजार पूंजीकरण के मामले में सबसे बड़ी कंपनी है। उनका जन्म 1957 में यमन में हुआ था और वे धीरूभाई अंबानी के चार बच्चों में से एक थे, जिन्होंने अपना करियर यमन में गैस स्टेशन में अटेंडेंट के रूप में शुरू किया था। मुकेश अंबानी के पास बॉम्बे विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री है। अपने पिता की मृत्यु (2002) के बाद और अपने भाई के साथ झगड़े के बाद, मुकेश ने रिलायंस समूह के अंतर्गत गैस, ऑयल और पेट्रोकेमिकल यूनिट्स का नियंत्रण प्राप्त कर लिया। वह रिलायंस समूह को एक नई ऊंचाई पर ले गए और सबसे अमीर भारतीय बन गए। मार्च 2022 तक उनकी मौजूदा नेट वर्थ 84.2 बिलियन डॉलर है। 

यह भी पढें: पैसिव फंड्स के साथ बाज़ार पूंजीकरण में अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लाएं?

2.गौतम अदानी- 

गौतम अदानी का जन्म 1962 में एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था और उनके सात भाई-बहन थे। उनके पिता, शांतिलाल अदानी, एक कपड़ा व्यापारी थे जिन्होंने काफी तरक्‍की की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के शेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय से पूरी की। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री का विकल्प चुना, लेकिन दूसरे वर्ष के बाद कॉलेज छोड़ दिया। अपनी किशोरावस्था में, वह 1978 में मुंबई चले गए और महेंद्र ब्रदर्स के लिए डायमंड सॉर्टर के रूप में काम करना शुरू कर दिया। आने वाले सालों में, उन्होंने मेटल, टेक्‍सटाइल और कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में अपने व्यवसाय का विस्‍तार किया। आज, अदानी इंटरप्राइजेज़ के तहत हर एक व्‍यवसाय है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान कुल संपत्ति 90.5 बिलियन डॉलर है। 

यह भी पढेंमेटल्स और आईटी सेक्टर्स ने बेहतर प्रदर्शन किया है: क्या आपको उन पर दांव लगाना चाहिए?

3.शिव नादर -

शिव नादर लंबे समय तक एचसीएल टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष रहे। उनका जन्म 1945 में तमिलनाडु के तूतिकोरिन जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा तमिलनाडु में की। 1976 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्तों की मदद से एचसीएल की स्थापना की। शुरुआत में एचसीएल ने कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाए। आज, हम जानते हैं कि एचसीएल ने एक लंबा सफर तय किया है और यह भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। 2008 में, भारत सरकार ने उन्हें आईटी उद्योग में उनके योगदान के लिए भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया। वह एक परोपकारी भी हैं, और उन्होंने सामाजिक कल्याण के लिए 1 बिलियन डॉलर का दान भी दिया है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान नेट वर्थ 30.6 बिलियन डॉलर है।

4.राधाकिशन दमानी- 

राधाकिशन दमानी भारत में मेगा-रिटेल चेन स्टोर - डीमार्ट के मालिक हैं। उनका जन्म 1954 में हुआ था, और वे खुद को उच्च शिक्षित व्यक्ति नहीं मानते हैं। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बी.कॉम की पढ़ाई करते समय कॉलेज छोड़ दिया। उन्होंने एक स्टॉक ब्रोकर के रूप में अपने पारिवारिक व्यवसाय की शुरुआत की और स्टॉकब्रोकिंग से अच्छा मुनाफा कमाया। 2002 में, उन्होंने मुंबई में पहला डीमार्ट स्टोर खोला। मार्च 2017 में, डीमार्ट सार्वजनिक हो गया, और आज भारत में विभिन्न स्थानों पर इसके 263 स्टोर हैं। डीमार्ट के शेयर्स की कीमत में उछाल ने उन्हें सूची में ला दिया। वह एक निवेशक बने हुए है और उन्‍होंने कई सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में निवेश किया है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान नेट वर्थ 24.5 बिलियन डॉलर है। यह भी पढें: स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है? यहां शुरुआत करने वाले लोगों के लिए एक पूरी गाइड है 

5.साइरस पूनावाला- 

साइरस पूनावाला पूनावाला समूह के अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 1941 में एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसका प्राचीन व्यवसाय हाउसराइडिंग था, और वे पूनावाला स्टड फार्म के मालिक थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिशप स्कूल, पुणे में की, लेकिन उनकी अपने पारिवारिक व्यवसाय में कोई दिलचस्पी नहीं थी और उन्होंने पहले कई व्यवसायों के साथ प्रयोग किया। 1966 में, उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना की। कोविशील्ड, भारत के सबसे विश्वसनीय कोविड19 वैक्‍सीन में से एक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का एक प्रोडक्‍ट है। मार्च 2022 तक उनकी वर्तमान नेट वर्थ 15.3 बिलियन डॉलर है।

निष्‍कर्ष

ये आज के शीर्ष 5 सबसे अमीर भारतीय हैं, और उनमें से प्रत्येक को उस स्तर पर आने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी, जहां वे आज हैं। अगर वे कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि उन्होंने आपको जीवन में एक बड़ी दूरदर्शिता रखने के लिए प्रेरित किया है।

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