Amul-Nandini Controversy: अमूल-नंदिनी विवाद पर निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान- कांग्रेस उठा सकती है फायदा

Amul-Nandini Controversy: कर्नाटक में एक थिंकर्स फोरम में बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक लाभ के लिए अमूल-नंदिनी मामले को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।

Amul-Nandini Controversy

Amul-Nandini Controversy: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक में अमूल ब्रैंड की एंट्री को लेकर हुए हालिया विवाद को लेकर बड़ी बात कही है। सीतारमण ने कहा कि नंदिनी को हटाने के लिए अमूल को लाने के आरोप बेबुनियाद थे। कर्नाटक में हुए थिंकर्स फोरम में बयान देते हुए वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक फायदा पाने के उद्देश्य से इस मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जब नंदिनी दिल्ली में उपलब्ध नहीं होती हैं तो वह अमूल के उत्पाद खरीदती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह कर्नाटक के खिलाफ हैं।

वित्त मंत्री का इस बात पर फोकस था कि देश में हर राज्य की खुद की दुग्ध सहकारी समिति है और कर्नाटक में नंदिनी एक जाना-माना और सम्मानित ब्रैंड है। उन्होंने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के महत्व पर जोर दिया, जिसकी वजह से भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बन गया है। सीतारमण ने कहा कि डेयरी इंडस्ट्री के इर्द-गिर्द राजनीतिक मुद्दे बनाने की बजाय भारत को हर पहलू से मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। सीतारमण ने पहली बार दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने का श्रेय कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की सरकार को दिया। 

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की योजना में हर राज्य की अपनी दुग्ध सहकारी समिति है। मैं दिल्ली में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करता हूं, अगर नंदिनी उपलब्ध नहीं है, तो मैं मानसिक रूप से यह कहने वाला संन्यासी नहीं हूं कि अगर नंदिनी उपलब्ध नहीं है तो मैं दूध नहीं पीऊंगा। मैं अभी भी अमूल खरीदता हूं। अमूल ने कर्नाटक में तब प्रवेश किया, जब यहां कांग्रेस की सरकार थी। मुझे यकीन नहीं है कि वही सम्मानित पूर्व सीएम अब अमूल की एंट्री पर सवाल उठा रहे हैं। मंत्री की यह टिप्पणी कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के आरोपों के बीच आई है कि राज्य में अमूल की एंट्री से लोकल डेयरी इंडस्ट्री को नुकसान होगा।

Amul-Nandini Controversy: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक में अमूल ब्रैंड की एंट्री को लेकर हुए हालिया विवाद को लेकर बड़ी बात कही है। सीतारमण ने कहा कि नंदिनी को हटाने के लिए अमूल को लाने के आरोप बेबुनियाद थे। कर्नाटक में हुए थिंकर्स फोरम में बयान देते हुए वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक फायदा पाने के उद्देश्य से इस मामले को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जब नंदिनी दिल्ली में उपलब्ध नहीं होती हैं तो वह अमूल के उत्पाद खरीदती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह कर्नाटक के खिलाफ हैं।

वित्त मंत्री का इस बात पर फोकस था कि देश में हर राज्य की खुद की दुग्ध सहकारी समिति है और कर्नाटक में नंदिनी एक जाना-माना और सम्मानित ब्रैंड है। उन्होंने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के महत्व पर जोर दिया, जिसकी वजह से भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बन गया है। सीतारमण ने कहा कि डेयरी इंडस्ट्री के इर्द-गिर्द राजनीतिक मुद्दे बनाने की बजाय भारत को हर पहलू से मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। सीतारमण ने पहली बार दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने का श्रेय कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की सरकार को दिया। 

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की योजना में हर राज्य की अपनी दुग्ध सहकारी समिति है। मैं दिल्ली में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करता हूं, अगर नंदिनी उपलब्ध नहीं है, तो मैं मानसिक रूप से यह कहने वाला संन्यासी नहीं हूं कि अगर नंदिनी उपलब्ध नहीं है तो मैं दूध नहीं पीऊंगा। मैं अभी भी अमूल खरीदता हूं। अमूल ने कर्नाटक में तब प्रवेश किया, जब यहां कांग्रेस की सरकार थी। मुझे यकीन नहीं है कि वही सम्मानित पूर्व सीएम अब अमूल की एंट्री पर सवाल उठा रहे हैं। मंत्री की यह टिप्पणी कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के आरोपों के बीच आई है कि राज्य में अमूल की एंट्री से लोकल डेयरी इंडस्ट्री को नुकसान होगा।

संवादपत्र

संबंधित लेख

Union Budget