Forbes Billionaires List: फोर्ब्स के मुताबिक ये हैं भारत के पांच सबसे पुराने अरबपति, दुनिया में बजा रखा है डंका

ये हैं भारत के पांच सबसे पुराने अरबपति जिनकी खोज और तकनीक ने क्रांति ला दी है।

Forbes Billionaires List

Forbes Billionaires List: दुनिया के सबसे अमीर और प्रभावशाली लोगों में कुछ ऐसे भारतीय शामिल हैं जिनकी खोज और तकनीक ने क्रांति ला दी है।  इन अरबपतियों ने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है बल्कि वैश्विक मंच पर भी प्रभाव डाला है।

इन व्यक्तियों ने अपने जीवन काल में विशाल संपत्ति अर्जित की है। बिजनेस मैग्नेट से लेकर हेल्थकेयर पायनियर्स तक इस लिस्ट में देश के कुछ सबसे प्रभावशाली और काबिल लोगों को शामिल किया गया है। फोर्ब्स की 2023 की भारतीय अरबपतियों की सूची के अनुसार भारत के सबसे पुराने अरबपतियों पर एक नजर डालते हैं।

लछमन दास मित्तल - 92 वर्ष

भारतीय जीवन बीमा निगम से रिटायर होने के बाद लछमन दास मित्तल ने 1990 में 60 वर्ष की उम्र में अपना बिजनेस शुरू किया। आज उनका सोनालिका ग्रुप बाजार हिस्सेदारी के मामले में भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता बन गया है। उनके ट्रैक्टर संगठन, इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स ने जापानी फर्म यानमार से 30% हिस्सेदारी हासिल की है।

हालांकि मित्तल ने अपने बच्चों को रोजमर्रा के बिजनेस से जुड़े काम सौंप दिए हैं लेकिन फिर भी वे बिजनेस में गहरी रुचि रखते हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर है।

कुशल पाल सिंह - 91 वर्ष

कुशाल पाल सिंह ने 1961 में डीएलएफ में शामिल होने के लिए अपनी सेना की पोस्टिंग छोड़ दी थी। इस फर्म की स्थापना 1941 में उनके ससुर ने की थी। उसके बेटे राजीव की अध्यक्षता में डीएलएफ मार्केट कैपिटल के मामले में भारत की सबसे बड़ी लिस्टिड प्रॉपर्टी फर्म है जिसका हेडक्वॉटर दिल्ली में है।

चेयरमैन के रूप में पांच दशक से अधिक समय के बाद कुशल पाल सिंह ने जून 2020 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन अभी भी उनके पास डीएलएफ में चेयरमैन एमेरिटस का खिताब है। उनकी कुल संपत्ति 9.9 बिलियन डॉलर है।

बेनू गोपाल बांगुर - 91 वर्ष

बेनू गोपाल बांगड़ ने भारत के सबसे कुशल सीमेंट निर्माताओं में से एक श्री सीमेंट में नियंत्रण हिस्सेदारी से अपनी संपत्ति अर्जित की है। जयपुर में 1979 में स्थापित श्री सीमेंट, श्री अल्ट्रा जंग रोधक, बांगुर सीमेंट और रॉकस्ट्रांग की मूल कंपनी है।

1990 के दशक में पारिवारिक बंटवारे के बाद बांगुर ने श्री सीमेंट का नियंत्रण हासिल किया और कंपनी वर्तमान में उनके बेटे हरि मोहन बांगुर और पोते प्रशांत द्वारा चलाई जाती है। फोर्ब्स 2023 की सूची के अनुसार उनकी अनुमानित कुल संपत्ति $7.1 बिलियन है।

प्रताप रेड्डी - 91 वर्ष

हृदय रोग विशेषज्ञ प्रताप रेड्डी ने 1983 में अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की स्थापना की। 1.9 बिलियन डॉलर के राजस्व के साथ कंपनी 71 अस्पतालों, 291 प्राथमिक देखभाल क्लीनिकों और 5,000 से अधिक फार्मेसियों के नेटवर्क का संचालन करती है।

रेड्डी की चार बेटियां वर्तमान में कंपनी चलाती हैं, जिनमें सबसे बड़ी प्रीता रेड्डी और तीसरी बेटी शोभना कामिनेनी कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर काम करती हैं। उनकी दूसरी बेटी सुनीता रेड्डी, जनरल मैनेजर का पद संभालती हैं और सबसे छोटी बेटी संगीता रेड्डी, ज्वाइंट जीएम हैं। रेड्डी की नेटवर्थ 2.2 अरब डॉलर है।

हसमुख चुडगर - 89 वर्ष

जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी इंटास फार्मास्युटिकल्स को 1977 में हसमुख चुडगर द्वारा स्थापित किया गया था। चुडगर के बेटे निमिष और बिनीश अब 2.3 बिलियन डॉलर की राजस्व वाली इस कंपनी की देखरेख करते हैं। हसमुख चुडगर एंड फैमिली की कुल संपत्ति 7.6 अरब डॉलर है।

 

Forbes Billionaires List: दुनिया के सबसे अमीर और प्रभावशाली लोगों में कुछ ऐसे भारतीय शामिल हैं जिनकी खोज और तकनीक ने क्रांति ला दी है।  इन अरबपतियों ने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है बल्कि वैश्विक मंच पर भी प्रभाव डाला है।

इन व्यक्तियों ने अपने जीवन काल में विशाल संपत्ति अर्जित की है। बिजनेस मैग्नेट से लेकर हेल्थकेयर पायनियर्स तक इस लिस्ट में देश के कुछ सबसे प्रभावशाली और काबिल लोगों को शामिल किया गया है। फोर्ब्स की 2023 की भारतीय अरबपतियों की सूची के अनुसार भारत के सबसे पुराने अरबपतियों पर एक नजर डालते हैं।

लछमन दास मित्तल - 92 वर्ष

भारतीय जीवन बीमा निगम से रिटायर होने के बाद लछमन दास मित्तल ने 1990 में 60 वर्ष की उम्र में अपना बिजनेस शुरू किया। आज उनका सोनालिका ग्रुप बाजार हिस्सेदारी के मामले में भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता बन गया है। उनके ट्रैक्टर संगठन, इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स ने जापानी फर्म यानमार से 30% हिस्सेदारी हासिल की है।

हालांकि मित्तल ने अपने बच्चों को रोजमर्रा के बिजनेस से जुड़े काम सौंप दिए हैं लेकिन फिर भी वे बिजनेस में गहरी रुचि रखते हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर है।

कुशल पाल सिंह - 91 वर्ष

कुशाल पाल सिंह ने 1961 में डीएलएफ में शामिल होने के लिए अपनी सेना की पोस्टिंग छोड़ दी थी। इस फर्म की स्थापना 1941 में उनके ससुर ने की थी। उसके बेटे राजीव की अध्यक्षता में डीएलएफ मार्केट कैपिटल के मामले में भारत की सबसे बड़ी लिस्टिड प्रॉपर्टी फर्म है जिसका हेडक्वॉटर दिल्ली में है।

चेयरमैन के रूप में पांच दशक से अधिक समय के बाद कुशल पाल सिंह ने जून 2020 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन अभी भी उनके पास डीएलएफ में चेयरमैन एमेरिटस का खिताब है। उनकी कुल संपत्ति 9.9 बिलियन डॉलर है।

बेनू गोपाल बांगुर - 91 वर्ष

बेनू गोपाल बांगड़ ने भारत के सबसे कुशल सीमेंट निर्माताओं में से एक श्री सीमेंट में नियंत्रण हिस्सेदारी से अपनी संपत्ति अर्जित की है। जयपुर में 1979 में स्थापित श्री सीमेंट, श्री अल्ट्रा जंग रोधक, बांगुर सीमेंट और रॉकस्ट्रांग की मूल कंपनी है।

1990 के दशक में पारिवारिक बंटवारे के बाद बांगुर ने श्री सीमेंट का नियंत्रण हासिल किया और कंपनी वर्तमान में उनके बेटे हरि मोहन बांगुर और पोते प्रशांत द्वारा चलाई जाती है। फोर्ब्स 2023 की सूची के अनुसार उनकी अनुमानित कुल संपत्ति $7.1 बिलियन है।

प्रताप रेड्डी - 91 वर्ष

हृदय रोग विशेषज्ञ प्रताप रेड्डी ने 1983 में अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की स्थापना की। 1.9 बिलियन डॉलर के राजस्व के साथ कंपनी 71 अस्पतालों, 291 प्राथमिक देखभाल क्लीनिकों और 5,000 से अधिक फार्मेसियों के नेटवर्क का संचालन करती है।

रेड्डी की चार बेटियां वर्तमान में कंपनी चलाती हैं, जिनमें सबसे बड़ी प्रीता रेड्डी और तीसरी बेटी शोभना कामिनेनी कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर काम करती हैं। उनकी दूसरी बेटी सुनीता रेड्डी, जनरल मैनेजर का पद संभालती हैं और सबसे छोटी बेटी संगीता रेड्डी, ज्वाइंट जीएम हैं। रेड्डी की नेटवर्थ 2.2 अरब डॉलर है।

हसमुख चुडगर - 89 वर्ष

जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी इंटास फार्मास्युटिकल्स को 1977 में हसमुख चुडगर द्वारा स्थापित किया गया था। चुडगर के बेटे निमिष और बिनीश अब 2.3 बिलियन डॉलर की राजस्व वाली इस कंपनी की देखरेख करते हैं। हसमुख चुडगर एंड फैमिली की कुल संपत्ति 7.6 अरब डॉलर है।

 

संवादपत्र

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