बजट 2019: गांधीपीडिया के बारे में आपको ये बातें जानना जरूरी है

महात्मा गांधी सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले हैं। गांधीवादी विचारधारा के प्रचार के लिए सरकार के नए विचार के बारे में अधिक जानकारी प्राप्‍त कीजिए

बजट 2019: गांधीपीडिया के बारे में आपको ये बातें जानना जरूरी है

'पीडिया' के साथ समाप्त होने वाला शब्‍द शायद एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका से लोकप्रिय हुआ था, हालांकि इसका मूल ग्रीक साहित्य में है। सबसे आधुनिक पीडिया जो लोकप्रियता हासिल करने वाला है, वह है गांधीपीडिया। केंद्रीय बजट 2019 ने भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं के बीच गांधीवादी मूल्यों के प्रचार के लिए एक अनूठा प्रयास किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर गांधीपीडिया बनाने के सरकार के इरादे की घोषणा की है।

गांधीपीडिया को राष्ट्रपिता के जीवन की शिक्षा और कार्यों पर एक ऑनलाइन डेटाबेस के रूप में तैयार किया गया है। इसे नेशनल काउंसिल फॉर साइंस म्यूजियम द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य इस महापुरुष के बारे में युवाओं और समाज को जागरूक बनाना है।

महात्मा गांधी के कांग्रेस पार्टी से जुड़ाव के बारे में सभी को पता है, वहीं उनकी पार्टी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच वैचारिक मतभेद भी जगजाहिर हैं। स्वाभाविक रूप से, इस घोषणा पर समाज के विभिन्न वर्गों से कुछ प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पिछले दिनों गांधीजी के खिलाफ जो बातें कही हैं, उनके दावे को समर्थन देते हुए कांग्रेस ने भाजपा के इरादों को पाखंडी करार दिया है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने सबके सामने यह कहा है कि वे महात्मा गांधी का अपमान करने वाले को कभी माफ नहीं कर पाएंगे।

संबंधित: बजट 2019: आपके लिए इसका क्या मतलब है?

कैसी दिखेगी गांधीपीडिया?

गांधीपीडिया एक सोशल मीडिया पोर्टल होगा जिसमें गांधीजी के मूल कार्य दिए गए होंगे। पोर्टल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर चलेगा और सभी के लिए सुलभ होगा। इसे आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी-गांधीनगर द्वारा संयुक्त रूप से पेश किया जाएगा, यह गांधीजी पर ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करेगा और इसमें महात्मा गांधी की मूल तस्वीरें, विजुअल, भाषण और संकलित कार्य शामिल होंगे।

वर्तमान में गांधीजी का डेटाबेस तैयार किया गया है?

वर्तमान में, गांधीजी पर ज्ञान का भंडार साबरमती आश्रम प्रिजर्वेशन एवं मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गांधी विरासत पोर्टल (www.gandhiheritageportal.org) में सुरक्षित किया गया है। यह पोर्टल गांधीपीडिया के उद्घाटन के बाद भी उपलब्ध रहेगा।

गांधीपीडिया मौजूदा गांधीवादी डेटाबेस से अधिक समृद्ध कैसे होगा?

गांधीवादी जानकारी देश भर के अभिलेखागार और पुस्तकालयों में पुस्‍तकों और डिजिटल प्रारूपों में उपलब्ध है। गांधी हेरिटेज पोर्टल में गांधीजी के कार्य पोर्टेबल डॉक्‍यूमेंट फॉरमेट (पीडीएफ) में सुरक्षित किए गए हैं। हालांकि, गांधीपीडिया में संग्रहित की जाने वाली जानकारी को ऑप्टिकल करेक्‍टर रिकग्निशन और अन्य उन्नत तकनीकों में अपलोड किया जाएगा। इस प्रकार, गांधीपीडिया में सभी जानकारी एक खोजे जाने योग्य प्रारूप में होंगी। इसके अलावा, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, पोर्टल सोशल मीडिया आधारित होगा और एआई का उपयोग करेगा। आप पहले आए दूसरे पोर्टल की तुलना में इससे बहुत अधिक इंटरैक्टिव पोर्टल होने की उम्मीद कर सकते है।

यह पढ़ें केंद्रीय बजट 2019 की मुख्य विशेषताएं।

'पीडिया' के साथ समाप्त होने वाला शब्‍द शायद एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका से लोकप्रिय हुआ था, हालांकि इसका मूल ग्रीक साहित्य में है। सबसे आधुनिक पीडिया जो लोकप्रियता हासिल करने वाला है, वह है गांधीपीडिया। केंद्रीय बजट 2019 ने भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं के बीच गांधीवादी मूल्यों के प्रचार के लिए एक अनूठा प्रयास किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर गांधीपीडिया बनाने के सरकार के इरादे की घोषणा की है।

गांधीपीडिया को राष्ट्रपिता के जीवन की शिक्षा और कार्यों पर एक ऑनलाइन डेटाबेस के रूप में तैयार किया गया है। इसे नेशनल काउंसिल फॉर साइंस म्यूजियम द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य इस महापुरुष के बारे में युवाओं और समाज को जागरूक बनाना है।

महात्मा गांधी के कांग्रेस पार्टी से जुड़ाव के बारे में सभी को पता है, वहीं उनकी पार्टी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच वैचारिक मतभेद भी जगजाहिर हैं। स्वाभाविक रूप से, इस घोषणा पर समाज के विभिन्न वर्गों से कुछ प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पिछले दिनों गांधीजी के खिलाफ जो बातें कही हैं, उनके दावे को समर्थन देते हुए कांग्रेस ने भाजपा के इरादों को पाखंडी करार दिया है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने सबके सामने यह कहा है कि वे महात्मा गांधी का अपमान करने वाले को कभी माफ नहीं कर पाएंगे।

संबंधित: बजट 2019: आपके लिए इसका क्या मतलब है?

कैसी दिखेगी गांधीपीडिया?

गांधीपीडिया एक सोशल मीडिया पोर्टल होगा जिसमें गांधीजी के मूल कार्य दिए गए होंगे। पोर्टल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर चलेगा और सभी के लिए सुलभ होगा। इसे आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी-गांधीनगर द्वारा संयुक्त रूप से पेश किया जाएगा, यह गांधीजी पर ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करेगा और इसमें महात्मा गांधी की मूल तस्वीरें, विजुअल, भाषण और संकलित कार्य शामिल होंगे।

वर्तमान में गांधीजी का डेटाबेस तैयार किया गया है?

वर्तमान में, गांधीजी पर ज्ञान का भंडार साबरमती आश्रम प्रिजर्वेशन एवं मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा गांधी विरासत पोर्टल (www.gandhiheritageportal.org) में सुरक्षित किया गया है। यह पोर्टल गांधीपीडिया के उद्घाटन के बाद भी उपलब्ध रहेगा।

गांधीपीडिया मौजूदा गांधीवादी डेटाबेस से अधिक समृद्ध कैसे होगा?

गांधीवादी जानकारी देश भर के अभिलेखागार और पुस्तकालयों में पुस्‍तकों और डिजिटल प्रारूपों में उपलब्ध है। गांधी हेरिटेज पोर्टल में गांधीजी के कार्य पोर्टेबल डॉक्‍यूमेंट फॉरमेट (पीडीएफ) में सुरक्षित किए गए हैं। हालांकि, गांधीपीडिया में संग्रहित की जाने वाली जानकारी को ऑप्टिकल करेक्‍टर रिकग्निशन और अन्य उन्नत तकनीकों में अपलोड किया जाएगा। इस प्रकार, गांधीपीडिया में सभी जानकारी एक खोजे जाने योग्य प्रारूप में होंगी। इसके अलावा, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, पोर्टल सोशल मीडिया आधारित होगा और एआई का उपयोग करेगा। आप पहले आए दूसरे पोर्टल की तुलना में इससे बहुत अधिक इंटरैक्टिव पोर्टल होने की उम्मीद कर सकते है।

यह पढ़ें केंद्रीय बजट 2019 की मुख्य विशेषताएं।

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