FAQs about gold loan

क्या आप गोल्ड लेने लेने का सोच रहे हैं? गोल्ड लोन लेने से पहले इससे जुड़ी ज़रूरी बातों के बारे में पूरी जानकारी लेे के लिए इस लेख को पढ़ें।

गोल्ड लोन के बारे में आम तौर से पूछे जाने वाले प्रश्न
पैसे के लिए सोने को गिरवी रखना भारत में एक आम बात है। लोग नया व्यापार शुरू करने या इलाज का खर्च पूरा करने जैसी चीज़ों के लिए सोना   गिरवी रखकर पैसा लेते हैं। सोने के बदले में कर्ज़ लेना आसान है। अब यह व्यवस्था काफी संस्थागत हो गई है। अब बैंक और नॉन-बैंकिग वित्तीय कंपनियां ( एनबीएफसी) सोने के आधार पर कर्ज़ देती हैं।
 
अगर आपको इससे जुड़ी प्रक्रिया और तथ्यों की जानकारी है तो सोने के आधार पर कर्ज़ लेना बहुत आसान है। उदाहरण के लिए, क्या आपको पता था कि कम समय के लिए उधार लेना हो तो गोल्ड लोन सबसे आसान और तेज़ तरीका है? हालांकि, सोने को गिरवी रखकर बहुत बड़ा    कर्ज़ लेने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि उसकी ब्याज़ की राशि बहुत ज़्यादा हो    सकती है, जिससे हो सकता है कि आप सोने की कीमत से दुगना पैसा केवल ब्याज़ के रूप में ही चुका दें!
 
यहां कुछ ज़रूरी प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं जिन पर गोल्ड लोन लेने से पहले विचार   करना चाहिए।

गोल्ड लोन क्या है?

जब आप सोने को किसी महाजन या कर्ज़ देने वाले के पास गिरवी रखते हैं तो उस सोने के आधार पर कर्ज़ दिया जाता है। आम तौर पर गिरवी रखे सोने की कीमत का 75% पैसा कर्ज़ के रूप में दिया जाता है। आपको किश्तों में कर्ज़ चुकाना होता है। ब्याज़ के साथ पूरा कर्ज़ चुकाने के बाद आप अपना सोना वापस ले सकते हैं।
 
राष्ट्रीयकृत बैंक, निजी बैंक और एनबीएफसी सस्ती दरों पर गोल्ड लोन देते हैं। गोल्ड लोन की वार्षिक ब्याज़ दर 13% से 16% तक हो सकती है। आपको अगर कुछ समय के लिए पैसे की जरूरत है तो गोल्ड लोन का इस्तेमाल किया जा सकता है - जैसे बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल इमरजेंसी या परिवार की किसी की शादी पर होने पर वाला खर्च। अपने गहने बचने की तुलना में गोल्ड लोन लेना ज़्यादा बेहतर माना जाता है।

मैं किस तरह का सोना गिरवी रख सकता हूँ?
 
सोने से बनी कोई भी चीज़ गिरवी रखी जा सकती है। सोने की शुद्धता से ही कर्ज़ की रकम तय होगी। जैसे, सोने के सिक्कों और सोने की ईंट की कीमत ज़्यादा होगी क्योंकि उन्हें बहुत शुद्ध माना जाता है। अगर सोने के गहने में कीमती पत्थर लगे हैं तो केवल सोने की मात्रा के आधार पर ही  कर्ज़ मिलेगा।

मान लीजिए आपके पास 20 कैरट सोने के गहने हैं जिसमें से 10 ग्राम शुद्ध सोना है और 4 ग्राम चांदी और दूसरे कीमती पत्थर हैं। इस गहने पर कर्ज़ लेते समय केवल 10 ग्राम शुद्ध सोने की कीमत के आधार पर ही   आपको कर्ज़ दिया जाएगा।
 
मैं गोल्ड लोन कैसे ले सकता हूँ?

गोल्ड लोन लेने के लिए आपको अपना सोना ऋणदाता के पास ले जाना होगा। वहां सोने की शुद्धता जांची जाएगी और उसके आधार पर कर्ज़ की रकम तय होगी। उसके बाद सोने के वर्तमान बाज़ार भाव का पता लगाया जाएगा और फिर आपका कर्ज़ स्वीकृत हो जाएगा। जैसा की पहले भी बताया गया है, कर्ज़ की राशि सोने की कीमत के 75% ( आरबीआई के दिशानिर्देशों के हिसाब से मिलने वाली अधिकतम राशि) के बराबर होगी। 

दूसरे शब्दों में कहें तो आपको मिलने वाले कर्ज़ की राशि आपके सोने की कीमत के 75% से ज़्यादा नहीं हो सकती। उसके बाद ऋणदाता प्रोसेसिंग फीस ( आम तौर से कर्ज़ की कुल राशि का 1 फीसदी) लेगा। प्रोसेसिंग फीस भरने के बाद आपको पैसे मिल जाएंगें। 20,000 रूपये तक का कर्ज़ नकद लिया जा सकता है।

क्या ऋणदाता के पास मेरा सोना सुरक्षित है?

आजकल पेशवर संस्थान गोल्ड लोन का प्रबंध करते हैं और वे आपके गहनों को सुरक्षित लॉकर्स में रखते हैं, जिन पर 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जाती है। कुछ संस्थाएं चोरी से सुरक्षा के लिए सोने का बीमा भी कराती हैं। किसी तरह की चोरी होने पर आपको सोने के बाज़ार भाव के बराबर पैसा दिया जाएगा।

मुझे कौनसे दस्तावेज़ जमा करने होंगे?

आपको एक पहचान के प्रमाण ( पैन या आधार कार्ड की कॉपी) , एक पते के प्रमाण ( बिजली का बिल, राशन कार्ड, पासपोर्ट, या टेलिफोन का बिल)  और एक हस्ताक्षर के प्रमाण ( पासपोर्ट कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) की जरूरत होगी। साथ ही दो पासपोर्ट आकार के फोटो भी ले जाने होंगे। अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो फॉर्म 60 भरना होगा। आपसे आपकी आय का प्रमाण भी मांगा जा सकता है।
 
गोल्ड लोन के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

18 वर्ष या उससे ज़्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति गोल्ड लोन ले सकता है। आप एक नौकरीपेशा, गृहणी या निजी व्यवसायी हो सकते हैं। किसान भी खेती या उससे जुड़ी ज़रूरतों के लिए गोल्ड लोन ले सकते हैं।
 
 गोल्ड लोन स्वीकृत होने में कितना समय लगता है?

गोल्ड लोन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत सरल और तेज़ है। अगर आप के पास सभी ज़रूरी दस्तावेज़ हैं तो आप एक ही दिन में लोन ले सकते हैं।
 
 कर्ज़ चुकाने के क्या विकल्प हैं?

आप किश्तों में गोल्ड लोन वापस कर सकते हैं। आपको ब्याज़ की पूरी राशि लोन लेते समय ही चुकाने और मूलधन लोन की समय   अवधि पूरी होने पर चुकाने का विकल्प भी मिलता है।

 
 गोल्ड लोन को वापस चुकाने के लिए कितना समय मिलता है?

कर्ज़ चुकाने के लिए आम तौर से 3-12 महीने का समय मिलता है। कर्ज़ का समय ढ़ाई वर्ष से ज़्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता इसलिए 30 (या 36 महीने , कर्ज़ देने वाले पर निर्भर)  महीने के भीतर इसे चुकाना होगा। कुछ कर्ज़ देने वाले समय सीमा ख़त्म होने पर फिर से उसे रिन्यू करने का विकल्प देते  हैं।
गोल्ड लोन के बारे में आम तौर से पूछे जाने वाले प्रश्न

अगर मैंने समय से कर्ज़ नहीं चुकाया को क्या होगा?

कर्ज़ चुकाने के लिए समय कम मिलता है इसलिए आपको भरोसा होना चाहिए कि आप समय से कर्ज़ चुका देंगे। ऐसा ना करने पर हो सकता है कि आपका गिरवी रखा सोना वापस ना मिले। ऋणदाता को आपका सोना बेच कर कर्ज़ का पैसा वसूल करने का अधिकार है।
 
 इसमें किस तरह की फीस और दूसरे शुल्क शामिल हैं?

कर्ज़ की राशि का 1% प्रोसेसिंग फीस के रूप में लिया जाता है। इस पैसे को लोन मिलने से पहले ही चुकाना होता है। बैंक प्रोसेसिंग फीस लेते हैं जबकि कुछ ऋणदाता यह फीस नहीं लेते। हो सकता है कि आपको वैल्यूएशन शुल्क भी चुकाना पड़े। कुछ ऋणदाताओं के पास अपने वैल्यूएटर होते हैं, उस स्थिति में हो सकता है कि    वैल्यूएशन की फीस ना लगे। यह फीस लेना ऋणदाता पर निर्भर करता है।
कुछ कर्ज़ देने वाले कर्ज़ की राशि के आधार पर रिन्यूवल शुल्क और राज्य के नियमों के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी लेते हैं। हो सकता है कि आपको देर से भुगतान करने का जुर्माना चुकाना पड़े, हालांकि यह    ऋणदाता पर निर्भर करता है।
 
इसके साथ ही, ऋणदाता जीएसटी या सर्विस टैक्स ले सकता है। अगर आप लोन की समय अवधि से पहले उसे चुका देते हैं तो समय से पहले भुगतान करने का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। यह जुर्माना ऋणदाता पर निर्भर करता है, इसलिए अलग-अलग ऋणदाताओं के बीच तुलना कर लेना बेहतर होता है। कुछ ऋणदाता समय से पहले चुकाने पर कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लेते।

बैंक या एनबीएफसी- कौनसा बेहतर है?

अब बैंक और एनबीएफसी गोल्ड लोन दे रहे हैं। आरबीआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, दोनों ही सोने की कीमत के 75% के बराबर कर्ज़ देते हैं। दोनों में तुलना से आपको पता चलेगा कि आपके लिए कौनसा बेहतर है:
  • बैंकों की ब्याज़ दर एनबीएफसी की तुलना में कम होती है। सार्वजनिक बैंकों में ब्याज़ दर और भी कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंकों की कॉस्ट ऑफ फंड कम होती है।
  • एनबीएफसी में बैंकों की तुलना में तेज़ी से लोन मिल जाता है। एनबीएफसी को केवल आपके केवाईसी दस्तावेज़ों  की ज़रूरत होती है इसलिए  कम दस्तावेज़ों में काम हो जाता है।
  • कर्ज़ चुकाने के समय के दौरान केवल ब्याज़ चुकाने और मूल पैसा समय सीमा के ख़त्म होने पर चुकाने की सुविधा केवल एनबीएफसी ही देते हैं।
  • एनबीएफसी समय से पहले कर्ज़ चुकाने पर कोई जुर्माना नहीं लेते।
अगर आपको कम ब्याज़ दरों पर गोल्ड लोन चाहिए तो आपकी पहली प्राथमिकता बैंक होनी चाहिए। दूसरी तरफ, अगर आपको जल्दी और सरल प्रक्रिया से कर्ज़ लेना है तो एनबीएफसी को चुनना बेहतर रहेगा।
 
 गोल्ड लोन लेने के क्या फायदे हैं?
 
  • सोने के आधार पर कर्ज़ लेने के बहुत से फायदे हैं:
  • इसकी प्रक्रिया तेज़ और सरल है। इसमें आपको कोई आय का प्रमाण या क्रडिट कार्ड हिस्ट्री नहीं दिखानी होती;   आपको बस गिरवी रखने के लिए सोने की ज़रूरत होती है।
  • गोल्ड लोन लेने के लिए दस्तावेज़ों की प्रक्रिया भी सरल है। आपको काफी कम दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ती है।
  • गोल्ड लोन पर्सनल लोन जैसे अन्सिक्युर्ड लोन की तुलना में काफी कम ब्याज़ दर पर मिल जाता है। पर्सनल लोन की ब्याज़ दर 15% या उससे ज्यादा हो सकती है।
 ध्यान रखने वाली बात
गोल्ड लोन तभी लें जब आपको भरोसा हो कि आप इसे समय से वापस चुका देंगे। ऐसा नहीं करने पर आप अपना सोना खो देंगे क्योंकि बैंक या एनबीएफसी को अपना  कर्ज़ का पैसा वसूल करने के लिए आपका सोना बेचने का अधिकार है। इसलिए सलाह यही है कि आप कम समय के लिए ही गोल्ड लोन लें और उसे समय से चुका दें जिससे आपको सोना वापस मिल सके।
 

संवादपत्र

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