- Date : 03/05/2023
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गूगल ने एंड्रॉयड मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के पूरे जुर्माने का भुगतान किया।

Google Paid Fine: गूगल ने एंड्रॉयड मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के पूरे जुर्माने का भुगतान कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को आईएएनएस को बताया गया कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) द्वारा अपने आदेश में दी गई 30 दिनों की समय सीमा के भीतर पूरे जुर्माने को भारत सरकार के खाते में जमा कर दिया गया है। गौरतलब है कि एंड्रॉइड मार्केट में अपने एकाधिकार का कथित रूप से शोषण करने के लिए Google को अक्टूबर 2022 में भारतीय बाजार नियामक द्वारा आर्थिक दंड का सामना करना पड़ा था।
गूगल ने जुर्माना भरने के साथ ही अपने बयान में कहा कि हम भारतीय नियमों के अनुसार एंड्रायर्ड से जुड़े ऐप को अप्डेट करेंगे। गूगल ने कहा कि गूगल बिल्डिंग मेथर्ड के अलावा डेवलपर्स को यूजर च्वाइस बिल्डिंग का भी विकल्प मिलेगा।
हालांकि गूगल ने पहले सीसीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि सीसीआई अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कोई फैसला नहीं सुना सकता लिहाजा इस मामले में एनसीएलएटी के आदेश को ही माना जाएगा। गूगल को किसी तरह की राहत ना देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गूगल को जुर्माना की दस फीसदी राशि जमा करते हुए 31 मार्च से पहले एनसीएलएटी में अपील करने का आदेश दिया था।
Google Paid Fine: गूगल ने एंड्रॉयड मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के पूरे जुर्माने का भुगतान कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को आईएएनएस को बताया गया कि नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) द्वारा अपने आदेश में दी गई 30 दिनों की समय सीमा के भीतर पूरे जुर्माने को भारत सरकार के खाते में जमा कर दिया गया है। गौरतलब है कि एंड्रॉइड मार्केट में अपने एकाधिकार का कथित रूप से शोषण करने के लिए Google को अक्टूबर 2022 में भारतीय बाजार नियामक द्वारा आर्थिक दंड का सामना करना पड़ा था।
गूगल ने जुर्माना भरने के साथ ही अपने बयान में कहा कि हम भारतीय नियमों के अनुसार एंड्रायर्ड से जुड़े ऐप को अप्डेट करेंगे। गूगल ने कहा कि गूगल बिल्डिंग मेथर्ड के अलावा डेवलपर्स को यूजर च्वाइस बिल्डिंग का भी विकल्प मिलेगा।
हालांकि गूगल ने पहले सीसीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि सीसीआई अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कोई फैसला नहीं सुना सकता लिहाजा इस मामले में एनसीएलएटी के आदेश को ही माना जाएगा। गूगल को किसी तरह की राहत ना देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गूगल को जुर्माना की दस फीसदी राशि जमा करते हुए 31 मार्च से पहले एनसीएलएटी में अपील करने का आदेश दिया था।