विदेशी इक्विटीज में निवेश करने के 4 तरीके: स्टॉक ब्रोकर्स, विदेशी एक्सचेंज, म्युचुअल फंड्स के जरिये

विदेशी स्टॉक्स में निवेश करने के कई तरीके होते हैं। यहां कुछ विकल्पों की जानकारी दी गई है।

विदेशी शेयरों में निवेश करने के 4 तरीके

अमेजॉन, अलीबाबा, सऊदी आरामको, नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियां दुनिया की बाजारों में धूम मचा रही हैं। ये कंपनियां वैश्विक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। अगर आप इन कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको वैश्विक स्तर पर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय या वैश्विक निवेश भी फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इससे आपके निवेश पोर्टफोलियो में विविधता आती है और साथ ही अंतरराष्ट्रीय शेयरों की कीमत में वृद्धि से लाभ उठाने में मदद मिलती है।

लेकिन, सवाल है कि विदेशी शेयरों में निवेश कैसे करें? भारत में, विदेशों में निवेश काफी आसान है। आप निम्न में से किसी एक तरीके से विदेशी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं:

1. अपने स्टॉकब्रोकर के माध्यम से

कई स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा देते हैं। आप ऐसे ब्रोकर्स के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार खाता खोल सकते हैं और सीधे विदेशी शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

2. किसी अंतरराष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के माध्यम से 

आप किसी अंतरराष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के यहां खाता खोलकर उसके जरिये अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, स्टॉक में निवेश करने के लिए आपको ऐसे ब्रोकरों के साथ न्यूनतम जमा राशि बनाए रखने की आवश्यकता हो सकती है।

संबंधितभारत से निवेश करने के लिए सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले वैश्विक म्युचुअल फंड्स, यूएस एवं चीन इक्विटी फंड्स

3. किसी अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज के माध्यम से 

गुजरात के गिफ्ट शहर में आईएफएससी के दो अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज हैं – एनएसई इंटरनेशनल और इंडिया आईएनएक्स। आप इन स्टॉक मार्केट एक्सचेंजों में सूचीबद्ध अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश और कारोबार कर सकते हैं। 

4. म्युचुअल फंड्स के माध्यम से 

कई भारतीय म्युचुअल फंड अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ और फीडर फंड के माध्यम से विदेशी शेयरों में निवेश करते हैं। आप किसी ऐसे ईटीएफ को चुन सकते हैं जो अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में निवेश या फंड ऑफ फंड (एफओएफ) में निवेश करता है। फंड ऑफ फंड ऐसे म्युचुअल फंड प्लांस होते हैं जो दूसरे देशों में सूचीबद्ध म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं। ये दोनों विकल्प आपको विविध पोर्टफोलियो का लाभ देते हैं। एक स्टॉक में निवेश करने के बजाय, आप म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के माध्यम से कई शेयरों में निवेश कर सकते हैं। इसके जरिये निवेश करना सस्ता है, क्योंकि यदि आप निवेश का एसआईपी मोड चुनते हैं तो आप कम से कम 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं।

इसके अलावा, इन दिनों, ऐसे मोबाइल एप्लिकेशन हैं जो आपको अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश करने में मदद करते हैं। इसके लिए आपको बस अपना स्मार्टफोन और एक सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन चाहिए। एक बार जब आप इन ऐप्स पर पंजीकरण कर लेते हैं, तो आप अपनी निवेश यात्रा शुरू कर सकते हैं। 

संबंधित: क्या आपको अंतरराष्ट्रीय इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए?

ध्यान रखें कि अंतरराष्ट्रीय निवेश के अपने जोखिम हैं। आपका निवेश वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में उतार-चढ़ाव, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव, अंतर्राष्ट्रीय नीतियों आदि से प्रभावित होगा। यदि आप सीधे भारतीय या अंतर्राष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के माध्यम से शेयरों में निवेश करना चुनते हैं, तो आपको काफी पैसे रखने की जरूरत होगी, क्योंकि प्रमुख विदेशी कंपनियों के शेयर्स काफी महंगे होते हैं। 

इसलिए, इसमें शामिल जोखिमों को समझें और फिर अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश करें। अपनी पसंद का निवेश मोड चुनें और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर के साथ अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं।

अमेजॉन, अलीबाबा, सऊदी आरामको, नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियां दुनिया की बाजारों में धूम मचा रही हैं। ये कंपनियां वैश्विक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। अगर आप इन कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको वैश्विक स्तर पर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय या वैश्विक निवेश भी फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इससे आपके निवेश पोर्टफोलियो में विविधता आती है और साथ ही अंतरराष्ट्रीय शेयरों की कीमत में वृद्धि से लाभ उठाने में मदद मिलती है।

लेकिन, सवाल है कि विदेशी शेयरों में निवेश कैसे करें? भारत में, विदेशों में निवेश काफी आसान है। आप निम्न में से किसी एक तरीके से विदेशी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं:

1. अपने स्टॉकब्रोकर के माध्यम से

कई स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा देते हैं। आप ऐसे ब्रोकर्स के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार खाता खोल सकते हैं और सीधे विदेशी शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

2. किसी अंतरराष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के माध्यम से 

आप किसी अंतरराष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के यहां खाता खोलकर उसके जरिये अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, स्टॉक में निवेश करने के लिए आपको ऐसे ब्रोकरों के साथ न्यूनतम जमा राशि बनाए रखने की आवश्यकता हो सकती है।

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3. किसी अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज के माध्यम से 

गुजरात के गिफ्ट शहर में आईएफएससी के दो अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज हैं – एनएसई इंटरनेशनल और इंडिया आईएनएक्स। आप इन स्टॉक मार्केट एक्सचेंजों में सूचीबद्ध अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश और कारोबार कर सकते हैं। 

4. म्युचुअल फंड्स के माध्यम से 

कई भारतीय म्युचुअल फंड अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ और फीडर फंड के माध्यम से विदेशी शेयरों में निवेश करते हैं। आप किसी ऐसे ईटीएफ को चुन सकते हैं जो अंतरराष्ट्रीय सूचकांकों में निवेश या फंड ऑफ फंड (एफओएफ) में निवेश करता है। फंड ऑफ फंड ऐसे म्युचुअल फंड प्लांस होते हैं जो दूसरे देशों में सूचीबद्ध म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं। ये दोनों विकल्प आपको विविध पोर्टफोलियो का लाभ देते हैं। एक स्टॉक में निवेश करने के बजाय, आप म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के माध्यम से कई शेयरों में निवेश कर सकते हैं। इसके जरिये निवेश करना सस्ता है, क्योंकि यदि आप निवेश का एसआईपी मोड चुनते हैं तो आप कम से कम 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं।

इसके अलावा, इन दिनों, ऐसे मोबाइल एप्लिकेशन हैं जो आपको अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश करने में मदद करते हैं। इसके लिए आपको बस अपना स्मार्टफोन और एक सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन चाहिए। एक बार जब आप इन ऐप्स पर पंजीकरण कर लेते हैं, तो आप अपनी निवेश यात्रा शुरू कर सकते हैं। 

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ध्यान रखें कि अंतरराष्ट्रीय निवेश के अपने जोखिम हैं। आपका निवेश वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में उतार-चढ़ाव, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव, अंतर्राष्ट्रीय नीतियों आदि से प्रभावित होगा। यदि आप सीधे भारतीय या अंतर्राष्ट्रीय स्टॉकब्रोकर के माध्यम से शेयरों में निवेश करना चुनते हैं, तो आपको काफी पैसे रखने की जरूरत होगी, क्योंकि प्रमुख विदेशी कंपनियों के शेयर्स काफी महंगे होते हैं। 

इसलिए, इसमें शामिल जोखिमों को समझें और फिर अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश करें। अपनी पसंद का निवेश मोड चुनें और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर के साथ अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं।

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