Adani Group: अडानी ग्रुप के लिए मुसीबत नहीं वरदान है हिंडनबर्ग रिपोर्ट, जानें इस दिग्गज अर्थशास्त्री ने ऐसा क्यों कहा?

अडानी ग्रुप के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट को देश प्रसिद्ध अर्थशास्त्री स्वामीनाथन एस ए अय्यर वरदान की तरह देख रहे हैं। उनका मानना है कि अब अडानी अपनी कारोबार को तेजी से फैलाने की नीति में बदलाव कर सकते हैं।

economist swaminathan aiyar  statement on Adani Group

Adani Group News: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से ही अडानी ग्रुप की मुश्किलें शुरू हुई हैं। लगातार शेयर टूट रहे हैं और नेटवर्थ घटता जा रहा है। लेकिन देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री स्वामीनाथन एस ए अय्यर का मानना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी के लिए एक वरदान जैसा है। अय्यर ने इकॉनमिक टाइम्स के एक लेख में यह दावा किया है। 


स्वामीनाथन ने इस लेख में कहा है कि इस रिपोर्ट में जो भी आरोप लगे हैं, उसकी जांच होनी चाहिए और जो दोषी हों, उन्हें सजा मिले लेकिन मैं जो बात करने जा रहा हूं, वह इसका एक दूसरा पहलू है। 

दरसअल, इस रिपोर्ट के आने के बाद कई लोगों ने अडानी को लेकर अलग-अलग तरह के सवाल उठाए। उसी में कुछ लोगों ने कहा कि वे चालबाजी और राजनीतिक संरक्षण के कारण इस मुकाम तक पहुंचे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह सही नहीं है। 


दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंचना वो भी एक साधारण परिवार से आकर यह बिना बिजनेस की जानकारी रखने वाले के लिए संभव ही नहीं है। दो दशक में ही अडानी ने यह मुकाम हासिल किया है तो उनमें जरूर यह स्किल रही होगी। 


उन्होंने आगे अपने लेख में लिखा,  'आलोचक कह रहे हैं कि बीजेपी की तरफ से उन्हें मूल्यवान एसेट्स जिसमें पोर्ट्स, माइंस, एययरपोर्ट्स शामिल है सभी दिया गया। लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप शुरू से देखें तो पहले उन्हें गुजरात के कच्छ में एक छोटा पोर्ट ही ऑपरेट करने को मिला था। उस समय उस जगह पर रेल तक की सुविधा नहीं थी। आज अडानी ने उसे देश का सबसे बड़ा पोर्ट बना दिया। आज अडानी देश के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर बन गए हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'इस लेख से पाठकों को लग सकता है कि मैं अडानी का प्रशंसक हूं लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरे पास उनकी कंपनी का कोई शेयर नहीं है। यह इसलिए क्योंकि यहां जोखिम बहुत है। अडानी ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया है और दुनियाभर में ऐसे तमाम उद्योगपति हुए हैं जिन्होंने ऐसा ही रास्ता अपनाया। पर, इसमें जोखिम था जिस कारण कई उद्योगपति बर्बाद हो गए।'

अय्यर ने आगे लिखा, 'मुझे इसीलिए लगता है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद अब अडानी अपनी रणनीति बदलेंगे। तेजी से कारोबार फैलाने की स्पीड कम करेंगे और इससे वित्तीय अनुशासन आएगा, जिसका फायदा इस ग्रुप को होगा। ऐसा हुआ तो यह रिपोर्ट इस ग्रुप के लिए वरदान साबित हो सकती है।' 

 

Adani Group News: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से ही अडानी ग्रुप की मुश्किलें शुरू हुई हैं। लगातार शेयर टूट रहे हैं और नेटवर्थ घटता जा रहा है। लेकिन देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री स्वामीनाथन एस ए अय्यर का मानना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी के लिए एक वरदान जैसा है। अय्यर ने इकॉनमिक टाइम्स के एक लेख में यह दावा किया है। 


स्वामीनाथन ने इस लेख में कहा है कि इस रिपोर्ट में जो भी आरोप लगे हैं, उसकी जांच होनी चाहिए और जो दोषी हों, उन्हें सजा मिले लेकिन मैं जो बात करने जा रहा हूं, वह इसका एक दूसरा पहलू है। 

दरसअल, इस रिपोर्ट के आने के बाद कई लोगों ने अडानी को लेकर अलग-अलग तरह के सवाल उठाए। उसी में कुछ लोगों ने कहा कि वे चालबाजी और राजनीतिक संरक्षण के कारण इस मुकाम तक पहुंचे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह सही नहीं है। 


दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंचना वो भी एक साधारण परिवार से आकर यह बिना बिजनेस की जानकारी रखने वाले के लिए संभव ही नहीं है। दो दशक में ही अडानी ने यह मुकाम हासिल किया है तो उनमें जरूर यह स्किल रही होगी। 


उन्होंने आगे अपने लेख में लिखा,  'आलोचक कह रहे हैं कि बीजेपी की तरफ से उन्हें मूल्यवान एसेट्स जिसमें पोर्ट्स, माइंस, एययरपोर्ट्स शामिल है सभी दिया गया। लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप शुरू से देखें तो पहले उन्हें गुजरात के कच्छ में एक छोटा पोर्ट ही ऑपरेट करने को मिला था। उस समय उस जगह पर रेल तक की सुविधा नहीं थी। आज अडानी ने उसे देश का सबसे बड़ा पोर्ट बना दिया। आज अडानी देश के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर बन गए हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'इस लेख से पाठकों को लग सकता है कि मैं अडानी का प्रशंसक हूं लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरे पास उनकी कंपनी का कोई शेयर नहीं है। यह इसलिए क्योंकि यहां जोखिम बहुत है। अडानी ने अपने कारोबार को तेजी से फैलाया है और दुनियाभर में ऐसे तमाम उद्योगपति हुए हैं जिन्होंने ऐसा ही रास्ता अपनाया। पर, इसमें जोखिम था जिस कारण कई उद्योगपति बर्बाद हो गए।'

अय्यर ने आगे लिखा, 'मुझे इसीलिए लगता है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद अब अडानी अपनी रणनीति बदलेंगे। तेजी से कारोबार फैलाने की स्पीड कम करेंगे और इससे वित्तीय अनुशासन आएगा, जिसका फायदा इस ग्रुप को होगा। ऐसा हुआ तो यह रिपोर्ट इस ग्रुप के लिए वरदान साबित हो सकती है।' 

 

संवादपत्र

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