- Date : 21/03/2023
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सिलिकॉन वैली बैंक संकट और क्रेडिट सुइस का भारत में आईटी सेक्टर पर क्या होगा असर, जानें एक्सपर्ट्स की राय

SVB Impact on India: आईटी कंपनियों की कमाई में फाइनैंशियल सर्विसेज और बीमा (BFSI) का प्रमुख योगदान है। ऐसे में यूरोप के देशों में अमेरिका में कई प्रमुख बैंकों के पतन का असर भारत में आईटी सेक्टर के कई प्रमुख दिग्गजों पर पड़ सकता है। आप भी जानें कि कैसा असर किस रूप में हो सकता है और इस बारे में एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
भारत में विप्रो, टीसीएस और इन्फोसिस जैसी प्रमुख आईटी कंपनियां, जो कि अपने रेवेन्यू का 40 पर्सेंट तक बैंकिंग, फाइनैंशियल सर्विसेज और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों से प्राप्त करती हैं, वे अब यूरोपीय देशों और अमेरिका में उभरते बैंकिंग संकट के कारण विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही हैं। जानकारों का मानना है कि सिलिकॉन वैली बैंक (SVB), क्रेडिट सुइस, सिल्वरगेट और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के पतन से शॉर्ट टर्म में आईटी फर्मों के नए डील प्रभावित हो सकते हैं।
केंद्रीय आईटी स्टेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले में चिंता जाहिर की है और वह सहमत हैं कि बीएफएसआई से राजस्व प्रभावित हो सकता है। हालांकि वह इंडस्ट्री को लेकर आशावादी हैं। हाल ही में एक बड़े बिजनेस चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि मैं समझता हूं कि भारतीय आईटी कंपनियों में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र का बड़ा योगदान है। हमें इसे चलने देने की जरूरत है। उन्होंने विदेशों में चल रहे बैंकिंग संकट को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए बड़ी समस्या तो नहीं है, लेकिन इसका एक क्षेत्र में निश्चित रूप से असर दिख सकता है। हालांकि, इसके अन्य सेक्टर्स में फायदे भी हो सकते हैं।
आईटी इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय आईटी सेक्टर पर बैंकिंग संकट का सीधा असर नए डील्स की संख्या में कमी और मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी बातचीत पर दिख सकता है। एससीएल टेक्नोलॉजीज के पूर्व सीईओ विनीत नायर का कहना है कि अनिश्चित वातावरण का नए प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में थोड़ी मंदी दिख सकती है। हम मौजूदा अनुबंधों के लिए आउटसोर्सिंग और आगे की बातचीत जारी रखेंगे। बाजार विश्लेषकों को भी भारतीय आईटी क्षेत्र पर बैंकिंग संकट के नकारात्मक प्रभाव का अनुमान है।
SVB Impact on India: आईटी कंपनियों की कमाई में फाइनैंशियल सर्विसेज और बीमा (BFSI) का प्रमुख योगदान है। ऐसे में यूरोप के देशों में अमेरिका में कई प्रमुख बैंकों के पतन का असर भारत में आईटी सेक्टर के कई प्रमुख दिग्गजों पर पड़ सकता है। आप भी जानें कि कैसा असर किस रूप में हो सकता है और इस बारे में एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
भारत में विप्रो, टीसीएस और इन्फोसिस जैसी प्रमुख आईटी कंपनियां, जो कि अपने रेवेन्यू का 40 पर्सेंट तक बैंकिंग, फाइनैंशियल सर्विसेज और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों से प्राप्त करती हैं, वे अब यूरोपीय देशों और अमेरिका में उभरते बैंकिंग संकट के कारण विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रही हैं। जानकारों का मानना है कि सिलिकॉन वैली बैंक (SVB), क्रेडिट सुइस, सिल्वरगेट और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के पतन से शॉर्ट टर्म में आईटी फर्मों के नए डील प्रभावित हो सकते हैं।
केंद्रीय आईटी स्टेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले में चिंता जाहिर की है और वह सहमत हैं कि बीएफएसआई से राजस्व प्रभावित हो सकता है। हालांकि वह इंडस्ट्री को लेकर आशावादी हैं। हाल ही में एक बड़े बिजनेस चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि मैं समझता हूं कि भारतीय आईटी कंपनियों में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र का बड़ा योगदान है। हमें इसे चलने देने की जरूरत है। उन्होंने विदेशों में चल रहे बैंकिंग संकट को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय आईटी इंडस्ट्री के लिए बड़ी समस्या तो नहीं है, लेकिन इसका एक क्षेत्र में निश्चित रूप से असर दिख सकता है। हालांकि, इसके अन्य सेक्टर्स में फायदे भी हो सकते हैं।
आईटी इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय आईटी सेक्टर पर बैंकिंग संकट का सीधा असर नए डील्स की संख्या में कमी और मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी बातचीत पर दिख सकता है। एससीएल टेक्नोलॉजीज के पूर्व सीईओ विनीत नायर का कहना है कि अनिश्चित वातावरण का नए प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में थोड़ी मंदी दिख सकती है। हम मौजूदा अनुबंधों के लिए आउटसोर्सिंग और आगे की बातचीत जारी रखेंगे। बाजार विश्लेषकों को भी भारतीय आईटी क्षेत्र पर बैंकिंग संकट के नकारात्मक प्रभाव का अनुमान है।