- Date : 08/09/2022
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इंडेक्स फंड के बारे में जानिए महत्वपूर्ण बातें जिससे निवेशकों को मिल सकेगा कम लागत में ज्यादा फायदा।

Index Funds: भारतीय परिवेश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई विकल्प उभर कर आ रहे हैं। निवेशक इन विभिन्न विकल्पों में अब अधिक रुचि लेने लगे हैं। म्यूचुअल फंड के दो प्रकारों, एक्टिव फंड (Active Fund) और पैसिव स्कीम फंड में मिलनेवाले रिटर्न में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। साथ ही एक्टिव फंड में बाहरी मैनेजर के जरूरत पड़ने के कारण लागत भी बढ़ती है। पैसिव स्कीम्स में मैनेजर कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाता जिसके कारण लागत भी कम ही आती है। इसके चलते लोगों का रुझान पैसिव स्कीम्स की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप 2020 की तुलना में 2021 में पैसिव फंड का एएमयू 57% से बढ़ गया। इंडेक्स फंड में निवेश की कम लागत के कारण वह निवेशकों और म्यूचुअल फंड हाउस दोनों की ही पसंद बनता जा रहा है।
इंडेक्स फंड के लोकप्रिय होने का सबसे बड़ा कारण है उसके पोर्टफोलियो की सरलता। पोर्टफोलियो में सिर्फ़ वे शेयर शामिल होते हैं जो सेंसेक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स में दर्ज होते हैं। इसका मतलब यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा निफ्टी50 इंडेक्स फंड जारी किया गया है तो उसमें निफ्टी50 के ही शेयर होते हैं। इंडेक्स फंड के बारे में और अधिक जानकारी और निवेश के फायदों के बारे में अश्विन पाटनी ने विस्तार से बताया है। वे ऐक्सिस एएमसी के प्रोडक्ट्स एंड ऑल्टरनेटिव हेड हैं।
कई शेयरों में एक साथ निवेश का अवसर
इंडेक्स फंड में निवेश करने से कई सारे निवेश शेयरों में एक साथ निवेश करने का अवसर मिलता है। जैसे ही यदि किसी निवेशक ने बीएससी500 इंडेक्स से संबंधित इंडेक्स फंड में निवेश किया तो पूरे बीएसई के टॉप-500 कंपनियों में उसका निवेश फैल जाएगा। उसी तरह यदि निफ्टी100 इंडेक्स को ट्रैक करनेवाले फंड में निवेश किया जाए तो एनएसीई के टॉप-100 शेयरों में आपका निवेश हो जाता है।
यह भी पढ़ें: राकेश झुनझुनवाला के स्टार हेल्थ इनश्योरेंस के शेयर में करीब एक माहिने के बाद तेजी आई
निवेश की कम लागत से फ़ायदा
इंडेक्स फंड में निवेश करने पर लागत ऐक्टिव फंड से काफी कम आती है। जहाँ एक ओर इंडेक्स फंड में लागत का अनुपात 0.02-0.2% है, वहीं एक्टिव फंड में यही रेश्यो 0.5-1.0% तक होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि 1,00,000 का निवेश करना है तो इंडेक्स फंड में उसके लिए लागत केवल ₹20-₹200 तक आती है जो ऐक्टिव फंड की लागत ₹500-₹1000 से कहीं कम है।
निवेश की रणनीति में पारदर्शिता
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव भरे माहौल को देखते हुए हर निवेशक यह चाहता है कि पोर्टफोलियो की पारदर्शिता बनी रहे, जिससे उसे निवेश की जानकारी मिलती रहे। इंडेक्स फंड में उन्हीं कंपनियों के शेयर को शामिल किया जाता है जो अपने संबंधित इंडेक्स में सूचीबद्ध किए गए हों। इस वजह से निवेशक अपने निवेश के बारे में पूरी खबर रख पाता है।
निवेश के लिए थीम की सुविधा भी
हाल-फ़िलहाल यह देखा गया है कि निवेशक किसी एक सेक्टर या थीम पर आधारित निवेश में दिलचस्पी ले रहे हैं; जैसे कि क्लाउड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकॉनमीज़ आदि। कुल मिलाकर फंड मैनेजर के साथ निवेशक भी आनेवाले दिनों में तेजी से बढ़नेवाले और मजबूती से प्रदर्शन करनेवाले थिमैटिक इन्वेस्टमेंट पर नजर बनाए रखते हैं। इंडेक्स फंड अपने निवेशकों को इस प्रकार की थीम पर आधारित निवेश करने का अवसर देता है।
एक्टिव फंड में टॉप-100 शेयर से कम रिटर्न
पिछले कई सालों में देखा जा रहा है कि म्यूचुअल फंड अब बेंचमार्क से ऊपर रिटर्न कम दे रहे हैं। दो तिहाई से ज्यादा एक्टिव फंड टॉप-100 शेयर के बेंचमार्क से कम रिटर्न दे रहे हैं। उनकी लागत भी ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में कम लागत के कारण इंडेक्स फंड एक फायदे का विकल्प हो सकता है।
यह भी पढ़ें: भारत में 10,000 से कम के निवेश में छोटे बिजनेस के फायदेमंद आइडियाज-
What is Mutual Fund?
Index Funds: भारतीय परिवेश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई विकल्प उभर कर आ रहे हैं। निवेशक इन विभिन्न विकल्पों में अब अधिक रुचि लेने लगे हैं। म्यूचुअल फंड के दो प्रकारों, एक्टिव फंड (Active Fund) और पैसिव स्कीम फंड में मिलनेवाले रिटर्न में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। साथ ही एक्टिव फंड में बाहरी मैनेजर के जरूरत पड़ने के कारण लागत भी बढ़ती है। पैसिव स्कीम्स में मैनेजर कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाता जिसके कारण लागत भी कम ही आती है। इसके चलते लोगों का रुझान पैसिव स्कीम्स की ओर बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप 2020 की तुलना में 2021 में पैसिव फंड का एएमयू 57% से बढ़ गया। इंडेक्स फंड में निवेश की कम लागत के कारण वह निवेशकों और म्यूचुअल फंड हाउस दोनों की ही पसंद बनता जा रहा है।
इंडेक्स फंड के लोकप्रिय होने का सबसे बड़ा कारण है उसके पोर्टफोलियो की सरलता। पोर्टफोलियो में सिर्फ़ वे शेयर शामिल होते हैं जो सेंसेक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स में दर्ज होते हैं। इसका मतलब यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा निफ्टी50 इंडेक्स फंड जारी किया गया है तो उसमें निफ्टी50 के ही शेयर होते हैं। इंडेक्स फंड के बारे में और अधिक जानकारी और निवेश के फायदों के बारे में अश्विन पाटनी ने विस्तार से बताया है। वे ऐक्सिस एएमसी के प्रोडक्ट्स एंड ऑल्टरनेटिव हेड हैं।
कई शेयरों में एक साथ निवेश का अवसर
इंडेक्स फंड में निवेश करने से कई सारे निवेश शेयरों में एक साथ निवेश करने का अवसर मिलता है। जैसे ही यदि किसी निवेशक ने बीएससी500 इंडेक्स से संबंधित इंडेक्स फंड में निवेश किया तो पूरे बीएसई के टॉप-500 कंपनियों में उसका निवेश फैल जाएगा। उसी तरह यदि निफ्टी100 इंडेक्स को ट्रैक करनेवाले फंड में निवेश किया जाए तो एनएसीई के टॉप-100 शेयरों में आपका निवेश हो जाता है।
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निवेश की कम लागत से फ़ायदा
इंडेक्स फंड में निवेश करने पर लागत ऐक्टिव फंड से काफी कम आती है। जहाँ एक ओर इंडेक्स फंड में लागत का अनुपात 0.02-0.2% है, वहीं एक्टिव फंड में यही रेश्यो 0.5-1.0% तक होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि 1,00,000 का निवेश करना है तो इंडेक्स फंड में उसके लिए लागत केवल ₹20-₹200 तक आती है जो ऐक्टिव फंड की लागत ₹500-₹1000 से कहीं कम है।
निवेश की रणनीति में पारदर्शिता
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव भरे माहौल को देखते हुए हर निवेशक यह चाहता है कि पोर्टफोलियो की पारदर्शिता बनी रहे, जिससे उसे निवेश की जानकारी मिलती रहे। इंडेक्स फंड में उन्हीं कंपनियों के शेयर को शामिल किया जाता है जो अपने संबंधित इंडेक्स में सूचीबद्ध किए गए हों। इस वजह से निवेशक अपने निवेश के बारे में पूरी खबर रख पाता है।
निवेश के लिए थीम की सुविधा भी
हाल-फ़िलहाल यह देखा गया है कि निवेशक किसी एक सेक्टर या थीम पर आधारित निवेश में दिलचस्पी ले रहे हैं; जैसे कि क्लाउड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकॉनमीज़ आदि। कुल मिलाकर फंड मैनेजर के साथ निवेशक भी आनेवाले दिनों में तेजी से बढ़नेवाले और मजबूती से प्रदर्शन करनेवाले थिमैटिक इन्वेस्टमेंट पर नजर बनाए रखते हैं। इंडेक्स फंड अपने निवेशकों को इस प्रकार की थीम पर आधारित निवेश करने का अवसर देता है।
एक्टिव फंड में टॉप-100 शेयर से कम रिटर्न
पिछले कई सालों में देखा जा रहा है कि म्यूचुअल फंड अब बेंचमार्क से ऊपर रिटर्न कम दे रहे हैं। दो तिहाई से ज्यादा एक्टिव फंड टॉप-100 शेयर के बेंचमार्क से कम रिटर्न दे रहे हैं। उनकी लागत भी ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में कम लागत के कारण इंडेक्स फंड एक फायदे का विकल्प हो सकता है।
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