Corona Flight Traveling: कोरोना के बाद ट्रेन से ज्यादा फ्लाइट में सफर करना पसंद कर रहे लोग, बढ़ी मुसाफिरों की संख्या

Flight Travel Vs Train Travel: मौजूदा वित्तीय वर्ष के फरवरी तक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019-20 के पहले 11 महीनों के लिए पैसेंजर बुकिंग में 1815 मिलियन से ज्यादा की कमी आई है।

Corona Flight Traveling

Indian Transportation System: कोरोना महामारी के दौरान लंबे समय तक लॉकडाउन रहने की स्थिति ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर और खास तौर पर पैसेंजर ट्रैफिक को तबाह कर दिया  है। हालांकि, जैसे-जैसे कोविड का प्रभाव कम होता जा रहा है, वैसे-वैसे भारतीय अपनी ट्रैवल रूटीन्स में वापस आ गए हैं। इन सबसे बीच एक बात जो सामने आई है, वो यह है कि भारतीय अब फ्लाइट से ट्रैवल करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं और कोविड संकट के बाद रेल यात्रा करने वालों की संख्या कम हो रही है। चालू वित्त वर्ष के फरवरी तक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019-20 के पहले 11 महीनों के लिए यात्री बुकिंग में 1,815 मिलियन से ज्यादा की कमी आई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा पिछले 5 साल के रेलवे मंथली इवैलुअशन रिपोर्ट से मिले आंकडों से पता चलता है कि रेलवे ने साल 2019-20 में 7,674 मिलियन और 2018-1 में 7,725 मिलियन से ज्यादा यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया। लॉकडाउन के कारण 2020-21 में महज 98.5 करोड़ यात्रियों की बुकिंग हुई। साल 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 3,063 मिलियन और 2022-23 में 5,858 मिलियन हो गई। हालांकि, अब भी 2019-20 की तुलना में यह संख्या लगभग 24 फीसदी कम है। 

दूसरी ओर, डोमेस्टिक फ्लायर्स की संख्या प्री-पैनडैमिक लेवल तक बढ़ गई है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA के शेयर आंकड़ों के अनुसार, डोमेस्टिक एयरलाइंस ने मार्च 2023 तक 12 महीनों में लगभग 1,360 लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया है। वित्त वर्ष 2022 में रिपोर्ट किए गए 852 लाख यात्रियों पर 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही डोमेस्टिक पैसेंजर ट्रैफिक अब वित्त वर्ष 2020 में 1,415 लाख के प्री-कोविड मार्क से लगभग 4 फीसद कम है। डोमेस्टिक एविएशन इंडस्ट्री में सुधार जारी है। मार्च 2023 के लिए घरेलू यात्री यातायात 130 लाख अनुमानित था, जो इस साल फरवरी में रिपोर्ट किए गए लगभग 121 लाख के घरेलू यातायात की तुलना में 8 फीसद ज्यादा है।

Indian Transportation System: कोरोना महामारी के दौरान लंबे समय तक लॉकडाउन रहने की स्थिति ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर और खास तौर पर पैसेंजर ट्रैफिक को तबाह कर दिया  है। हालांकि, जैसे-जैसे कोविड का प्रभाव कम होता जा रहा है, वैसे-वैसे भारतीय अपनी ट्रैवल रूटीन्स में वापस आ गए हैं। इन सबसे बीच एक बात जो सामने आई है, वो यह है कि भारतीय अब फ्लाइट से ट्रैवल करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं और कोविड संकट के बाद रेल यात्रा करने वालों की संख्या कम हो रही है। चालू वित्त वर्ष के फरवरी तक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019-20 के पहले 11 महीनों के लिए यात्री बुकिंग में 1,815 मिलियन से ज्यादा की कमी आई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा पिछले 5 साल के रेलवे मंथली इवैलुअशन रिपोर्ट से मिले आंकडों से पता चलता है कि रेलवे ने साल 2019-20 में 7,674 मिलियन और 2018-1 में 7,725 मिलियन से ज्यादा यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया। लॉकडाउन के कारण 2020-21 में महज 98.5 करोड़ यात्रियों की बुकिंग हुई। साल 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 3,063 मिलियन और 2022-23 में 5,858 मिलियन हो गई। हालांकि, अब भी 2019-20 की तुलना में यह संख्या लगभग 24 फीसदी कम है। 

दूसरी ओर, डोमेस्टिक फ्लायर्स की संख्या प्री-पैनडैमिक लेवल तक बढ़ गई है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA के शेयर आंकड़ों के अनुसार, डोमेस्टिक एयरलाइंस ने मार्च 2023 तक 12 महीनों में लगभग 1,360 लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया है। वित्त वर्ष 2022 में रिपोर्ट किए गए 852 लाख यात्रियों पर 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही डोमेस्टिक पैसेंजर ट्रैफिक अब वित्त वर्ष 2020 में 1,415 लाख के प्री-कोविड मार्क से लगभग 4 फीसद कम है। डोमेस्टिक एविएशन इंडस्ट्री में सुधार जारी है। मार्च 2023 के लिए घरेलू यात्री यातायात 130 लाख अनुमानित था, जो इस साल फरवरी में रिपोर्ट किए गए लगभग 121 लाख के घरेलू यातायात की तुलना में 8 फीसद ज्यादा है।

संवादपत्र

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