Is it wise to invest in US stocks from India?

निवेश के साथ एक जोखिम देश विशेष से जुड़ा खतरा है। इस जोखिम को आप अपने पोर्टफोलियो को भारत से बाहर यूएस(US) स्टॉक्स तक ले जाकर कम कर सकते हैं।

क्या आपको घरेलू इक्विटी के साथ-साथ यूएस(US) स्टॉक्स में अंतर्राष्ट्रीय एक्स्पोज़र की आवश्‍यकता है?

पिछले 5 सालों ने यूएस(US) शेयर बाजार ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। वास्तव में, 30 जून 2021 तक देखें तो यूएस(US) शेयर बाजार (Russell 1000 ग्रोथ इंडेक्स: 26% CAGR) ने भारत के शेयर बाजार (Nifty 50: 13% CAGR) से बेहतर नतीजे दिए हैं। स्वाभाविक तौर पर, कई निवेशकों के मन में सवाल आता है: क्या भारत से यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश करना समझदारी है?  

जवाब निश्चित रूप से ‘हाँ’ है। बढ़िया रिटर्न के अलावा, यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश करना निवेशकों को अन्य फायदे भी देता है, जैसे अंतर्राष्ट्रीय विविधता, रुपये के मूल्‍यह्रास का लाभ, भारत की बाजार से कम आपसी संबंध, आदि। इस लेख में यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश करने के फायदों के बारे में चर्चा की गयी है। 

1) बेहतर रिटर्न पाने का अवसर 

पिछले कुछ सालों में यूएस(US) बाजार ने बहुत अच्छे रिटर्न दिए हैं, और वह भी काफी कम उतार-चढ़ाव के साथ। कम उतार-चढ़ाव के साथ बढ़िया रिटर्न का मेल किसी भी निवेशक की चाह होती है। आइए हम यूएस(US), भारत और अन्य वैश्विक बाजारों के पिछले 10 साल के रिटर्न पर एक नजर डालते हैं। 

टेबल: वैश्विक बाजार - पिछले दस सालों का प्रदर्शन 

(स्रोत: IDFC म्यूचुअल फंड)

नोट: उपर्युक्त रिटर्न 30 जून 2011 और 30 जून 2021 के बीच की 10 वर्ष की अवधि के हैं। सभी देशों के रिटर्न यूएस(US) डॉलर में हैं। यूएस(US) और चीन को छोड़ कर बाक़ी सभी रिटर्न एमएससीआई(MSCI) सूचकांकों पर आधारित हैं। S&P 500 सूचकांक यूएस(US) के रिटर्न को प्रदर्शित करता हैं, और चीन के रिटर्न यूएस(US) डॉलर के रूप में CSI 300 सूचकांकों द्वारा प्रस्‍तुत किये गए हैं।

जैसा ऊपर की टेबल में दिख रहा है, 10 साल की अवधि में: 

  • यूएस(US) ने सबसे अच्छा सालाना रिटर्न 14.8% दिया है, जबकि भारत ने सिर्फ 5.6% का रिटर्न दिया है। 
  • यूएस(US) पिछले 10 सालों में से 2 में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है, और भारत पिछले 10 सालों में से 1 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है।
  • बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 3 बाजारों में यूएस(US) पिछले 10 सालों में से 7 में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है, और बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 3 बाजारों में भारत पिछले 10 सालों में से 5 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है।
  • उतार-चढ़ाव के संबंध में, पिछले 10 सालों में यूएस(US) बाजार दूसरा सबसे कम उतार-चढ़ाव वाला (13.6%) बाजार रहा है, और भारत दूसरा सबसे अधिक उतार-चढ़ाव वाला (22.4%) बाजार रहा है।

इस प्रकार, यूएस(US) ने बहुत कम उतार-चढ़ाव (13.6%) के साथ बेहतरीन वार्षिक रिटर्न (14.8%) दिए हैं। यह एक आदर्श मेल है जो कोई भी निवेशक चाहता है।

2) यूएस(US) और भारतीय शेयर बाजारों में कम आपसी संबंध  

ऐतिहासिक रूप से, यूएस(US) और भारतीय शेयर बाजार में आपसी संबंध या कोरिलेशन बहुत ही कम है, सिवाय उन मामलों के जहाँ वैश्विक घटनाएं शामिल हैं। कोरिलेशन वह डिग्री है जिसमें यूएस(US) और भारतीय शेयर बाजार एक दूसरे के साथ चलते हैं। इनमें कोरिलेशन या आपसी संबंध जितना कम हो निवेशकों के लिए उतना ही अच्छा है।  

(स्रोत: Edelweiss MF

उपर्युक्त चार्ट में दिख रहा है कि पिछले 30 सालों में, भारत (Nifty 50) और यूएस(US) (S&P 500) में आपसी संबंध सिर्फ 0.07 है। इसलिए, यह भारतीय शेयर बाजार से बाहर निकल कर यूएस(US) शेयर में निवेश करना एक फायदे का सौदा बनाता है। 

3) भारतीय रुपये के मूल्‍यह्रास का लाभ 

पिछले लगभग 15 साल से, यूएस(US) डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये में धीरे-धीरे गिरावट देखी गई है। भारतीय रुपये के मूल्‍यह्रास ने यूएस(US) की इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों के रिटर्न को बढ़ा दिया है।  

उदाहरण के लिए, मान लीजिए 5 साल पहले, एक भारतीय निवेशक ने 70/ USD डॉलर की दर से 1000 USD डॉलर खरीदे और उनका यूएस(US) इक्विटी में निवेश कर दिया। निवेश का मूल्य रु. 70,000 (1000 USD x रु 70/USD) होगा। 5 सालों में, निवेश का मूल्य दोगुना हो कर 2000 यूएस(US) डॉलर हो जाता है। निवेशक लाभ लेकर निकाल लेता है और उसको वर्तमान विनिमय दर रु. 75/ यूएस(US) डॉलर पर विनिमय कर लेता है।

निवेशक को रु. 1,50,000 (USD 2000 x रु 75/USD) मिलेंगे। यदि विनिमय दर समान 70/ यूएस(US) डॉलर होती, तो निवेशक को सिर्फ 1,40,000 (USD 2000 x रु 70/USD) मिलते। इस प्रकार, रु. 10,000 (रु 1,50,000 – रु 1,40,000) का अतिरिक्त रिटर्न सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि 5 साल में भारतीय रुपए का रु. 70/ यूएस(US) डॉलर से मूल्‍यह्रास होकर 75/ यूएस(US) डॉलर हो गया।      

ऊपर दिया गया उदाहरण यूएस(US) डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये के मूल्‍यह्रास के प्रभाव को समझने के लिए एक काल्पनिक उदाहरण है। यह वास्तविक यूएस(US) डॉलर/ रुपये की विनिमय दर और लागू कैपिटल गेन टैक्स पर ध्यान नहीं देता है।  

टेबल: भारतीय रूपये के मूल्‍यह्रास का लाभ 

(स्रोत: Edelweiss MF

नोटउपर्युक्त डेटा दिसंबर 2020 तक का है। मिले-जुले पोर्टफोलियो (80:20 और 60:40) में Nifty 50 ज्यादा दिया गया है और बचा हुआ S&P 500 है।

हम ऊपर की टेबल से देख सकते हैं:

  • यूएस(US) डॉलर के रूप में, &P 500 ने 14 साल की अवधि में 10% CAGR के रिटर्न दिए हैं।
  • इसी अवधि के दौरान, Nifty 50 ने भारतीय रुपये के संदर्भ में 11.7% (CAGR - भारतीय रुपये के रूप में) के रिटर्न दिए हैं जो S&P 500 (10 CAGR – यूएस(US) डॉलर के संदर्भ में) के रिटर्न से बेहतर थे।  
  • हालांकि, उसी समय के दौरान, भारतीय रुपये में वार्षिक कंपाउंड होते हुए 3.9% का मूल्‍यह्रास हुआ है।  
  • भारतीय रुपए के मूल्‍यह्रास को देखें तो,  S&P 500 के रिटर्न 10% प्रतिशत CAGR के रिटर्न से बढ़ कर 15.2% CAGR हो गए। यदि भारतीय रुपये के संदर्भ में देखें तो S&P 500 के बढ़े हुए 15.2% CAGR का रिटर्न Nifty 50 के 11.7% के रिटर्न से काफी बेहतर हैं।   
  • Nifty 50 (80% आवंटन) और S&P 500 (20% आवंटन) के साथ मिला-जुला पोर्टफोलियो रखने पर 13.2% CAGR के रिटर्न मिलते हैं, जो अकेले Nifty 50 के 11.7% CAGR के रिटर्न से ज्यादा है।  
  • Nifty 50 (60% आवंटन) और S&P 500 (40% आवंटन) के साथ मिला-जुला पोर्टफोलियो रखने पर 14.2% CAGR के रिटर्न मिलते हैं, जो अकेले Nifty 50 के 11.7% CAGR के रिटर्न से ज्यादा है। 

4) FAANG कम्पनियाँ: उपभोक्ता के साथ निवेशक बनने का अवसर

अधिकांश भारतीय अधिकतर FAANG कंपनियों (Facebook, Amazon, Apple, Netflix, and Google [अब Alphabet]) के उपभोक्ता हैं। यह सभी कंपनियां यूएस(US) स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं, और अमेरिकी शेयरों में निवेश करके ही हम भारतीय उनकी विकास की कहानी का हिस्‍सा बन सकते हैं। यूएस(US) स्टॉक हमको FAANG कंपनियों और अन्य जानी-मानी वैश्विक कंपनियों में निवेश करने का अवसर देते हैं जैसे Coca-Cola, Microsoft, McDonald's, Johnson & Johnson, Goldman Sachs, Bank of America वगैरह।    

5) देश-विशिष्‍ट जोखिमों के लिए विविधता 

सिर्फ भारतीय एसेट्स (भारतीय शेयर, बॉंड, रीयल स्टेट, आदि) में रहने से हमारा किसी खास देश से जुड़े खतरों से सामना होता है। राजनैतिक अस्थिरता, आतंकवादी हमला, युद्ध, RBI की आर्थिक नीति आदि के कारण यदि बाजार को विपरीत घटनाएं रास नहीं आती इसके फलस्वरूप कभी-कभी भारतीय एसेट्स की बिक्री हो सकती है। 

इस जोखिम को हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विविधता लाकर कम कर सकते हैं। यूएस(US) के स्टॉक अंतर्राष्ट्रीय विविधता के लिए एक अच्छा अवसर उपलब्ध कराते हैं। वास्तव में, अनेक यूएस(US) कंपनियां वैश्विक कंपनियां हैं, जिनकी आय का लगभग 50% अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से आता है। इसलिए, यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश करना हमको यूएस(US) के अलावा अन्य अनेक देशों में वैश्विक विविधता लाने का मौका देता है।  

यूएस(US) स्टॉक्स में कैसे निवेश करें?

यदि अब तक, आप यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश करने का मन बना चुके हैं, तो इसे करने के दो तरीके हैं: 

  • सीधे यूएस(US) इक्विटी: एक निवेशक के रूप में आप सीधे यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं। आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पड़ेगा जिसकी यूएस(US) शेयर बाजार तक पहुंच हो जैसे इंटरैक्टिव ब्रोकर्स, वेस्टेड फाइनेंस, स्टॉककेल आदि। आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर करना होगा, जिसमें ट्रांसफर चार्ज लगेंगे। फिर आप सीधे अपने पसंदीदा FAANG स्टॉक्स या कोई अन्य यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं।  
  • अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड: सीधे यूएस(US) स्टॉक्स में निवेश करने की अपनी चुनौतियां हैं। आपको कई तरह के चार्ज देने पड़ते हैं जैसे ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के चार्ज, देख-रेख के चार्ज, फंड ट्रांसफर करने के चार्ज, और ब्रोकरेज के चार्ज। इसके अलावा आप कौन सा स्टॉक खरीदें इसके लिए आपको अपनी रिसर्च करनी पड़ती है। यह सब आपके लिए बहुत ज्यादा हो सकता है, इसलिए आप म्यूचुअल फंड के रास्ते को चुन सकते हैं। बहुत से भारतीय म्यूचुअल फंड हाउस अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड स्कीम पेश करते हैं जो आपको यूएस(US) स्टॉक्स तक पहुंच देते हैं। इन म्यूचुअल फंड में निवेश करके, आप सीधे निवेश के झंझट से बच सकते हैं। 

अंतिम शब्द 

अंतर्राष्ट्रीय इक्विटी में जाना आपके एसेट आवंटन का एक हिस्सा होना चाहिए, चाहे आप सीधे यूएस(US) इक्विटी में निवेश करें या अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल निवेश का विकल्प चुनें। हमने देखा कि यूएस(US) इक्विटी आपको अनेक लाभ देती हैं- जैसे बेहतर रिटर्न अर्जित करने का अवसर, भारतीय रुपये के मूल्‍यह्रास का लाभ, भारतीय स्टॉक से कम आपसी संबंध, देश संबंधी जोखिम के लिए विविधता आदि। इसके अलावा, यूएस(US) स्टॉक आपको पसंदीदा FAANG स्टॉक्स या अन्य वैश्विक ब्रांड में निवेश करने का अवसर देते हैं।

अस्वीकरण: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे निवेश या कर या क़ानूनी सलाह के तौर पर नहीं लेना चाहिए। इस बारे में निर्णय लेते समय आपको अलग से व्यक्तिगत सलाह लेनी चाहिए। 

संवादपत्र

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