- Date : 24/11/2020
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आपका भी सपना एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ाई करने का है। तो इस सपने को सच बनाने के लिए जरूरी है कि आप वित्तीय योजना तैयार करें।

उच्च शिक्षा के लिए आपके सपने न केवल आप बल्कि आपके माता-पिता के लिए भी बहुत महत्व रखते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपको अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए वे वह सबकुछ कर रहे हैं जो वे कर सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने हिस्से की जिम्मेदारी न निभाएं।
मौजूदा रुझान बताते हैं कि उच्च शिक्षा की लागत हर साल लगभग 15 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ रही है। यदि आप विदेश में पढ़ाई का विकल्प चुनती हैं तो यह खर्च और भी अधिक हो सकता है।
लेकिन निराश मत हों। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो आपको अपने सपने के कोर्स में दाखिला लेने में मदद करेंगे :
1. एजुकेशन लोन
बहुत से छात्रों ने एजुकेशन लोन का लाभ उठाकर एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ाई का अपना सपना पूरा किया है। यह आपको अपनी एजुकेशन फीस का भुगतान करने में मदद करता है। आप अगले कुछ वर्षों में ब्याज के साथ यह राशि वापस चुका सकती हैं। एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करने से पूर्व यहां कुछ बातें आपको जान लेनी चाहिए:
योग्यता– कोई भी भारतीय छात्र जिसने किसी एजुकेशनल अथॉरिटी से मान्यता प्राप्त भारतीय या विदेशी कॉलेज/विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त किया है, वह लोन के लिए आवेदन कर सकता है। स्वाभाविक रूप से, इससे पहले आपको अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करनी होगी।
इसमें क्या शामिल होता है? – ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के सभी फुल-टाइम, पार्ट-टाइम और व्यवसायिक पाठ्यक्रम। इसमें आवास और स्टेशनरी खर्च भी शामिल होंगे।
इसमें कितनी राशि मिलती है? – कुछ बैंक पूरी राशि के लिए लोन मंजूर करते हैं। वहीं कुछ बैंक 4 लाख रुपए तक का लोन देते हैं। भारतीय संस्थानों के लिए, आपको शेष राशि पर लोन प्राप्त करने के लिए कुल राशि के 5 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। विदेशी संस्थानों के लिए, आपको कुल राशि के 15 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
कोलेटरल एवं गारंटी –
- 7.5 लाख रुपए से अधिक के लोन के लिए कोलेटरल की जरूरत होती है
- 4 से 7.5 लाख रुपए तक के लोन के लिए थर्ड-पार्टी गारंटी की जरूरत पड़ती है
- 4 लाख रुपए तक के लोन के लिए किसी भी कोलेटरल या गारंटी की जरूरत नहीं होती
ब्याज की दर –8% से 10% वार्षिक के बीच (कुछ मामलों में यह 12% तक भी जा सकती है)
जरूरी दस्तावेज़ -
- शैक्षणिक संस्थान का प्रवेश पत्र
- चयनित कोर्स का फीस ढांचा
- 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन (यदि लागू हो) के सर्टिफिकेट्स
- आपके सह-आवेदकों (अभिभावक/संरक्षक) की सैलरी स्लिप या इनकम टैक्स रिटर्न
पुनर्भुगतान– कुछ बैंक पाठ्यक्रम पूरा करने या नौकरी प्राप्त करने के बाद छह महीने या एक साल की छूट अवधि प्रदान कर सकते हैं। आम तौर पर एजुकेशन लोन को 5 से 7 वर्षों में चुकाया जाना चाहिए, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
इसके अलावा, आप अपने एजुकेशन लोन पर आठ साल तक ब्याज पर कटौती का लाभ उठा सकती हैं। इस प्रकार आप यह समझेंगी, कि एजुकेशन लोन एक बहुत जरूरी वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे आप फीस के बारे में चिंता किए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

2. इंटर्नशिप
यदि क्लास में जाने और असाइनमेंट पूरा करने के बाद भी आपके पास कुछ खाली समय बचता है, तो आप इंटर्नशिप के लिए नामांकन कीजिए। चाहें डेटा एंट्री हो या फिर ब्लॉग लिखने का काम, संस्थान हमेशा ही इंटर्न की तलाश में रहते हैं। एक इंटर्नशिप न केवल आपको सीखने का एक मूल्यवान अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि आय का एक स्रोत भी साबित होगी। यदि आपके माता-पिता आपकी फीस का भुगतान कर रहे हैं या आपने कोई लोन लिया है तो एक छोटी सी राशि भी बड़ी मदद कर सकती है।
3. स्कॉलरशिप
किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए, कई कॉलेज और संस्थान अपने छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान करते हैं। इसके तहत आम तौर पर कुछ परीक्षाएं और साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं, जिसके बाद संबंधित अधिकारी निर्णय लेते हैं कि आप इसके योग्य हैं या नहीं। स्कॉलरशिप आपकी पूरी फीस या फिर इसके एक हिस्से को कवर करेगी, ये संस्था के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है। तो आप स्कॉलरशिप के लिए आवेदन क्यों नहीं करतीं? क्या पता; आपको स्कॉलरशिप मिल जाए, साथ में वित्तीय मदद भी।
आप सरकारी कार्यक्रमों के तहत भी स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकती हैं। उदाहरण के लिए, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में 'प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो (पीएमआरएफ) स्कीम' की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य प्रमुख संस्थानों से हर साल 1,000 सर्वश्रेष्ठ बीटेक छात्रों की पहचान करना और आईआईटी और आईआईएस में पीएचडी के लिए उन्हें शानदार फैलोशिप प्रदान करना है।
निष्कर्ष:
संभव है कि आप अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी की पढ़ाई का खर्च खुद उठाने में सक्षम न हों, लेकिन जो भी आप कर सकती हैं उसे करने से खुद को हतोत्साहित न करें। उच्च शिक्षा की लागत साल दर साल बढ़ती जा रही है, ऐसे में आप कम से कम इतनी मदद जरूर कर सकती हैं कि पढ़ाई का पूरा बोझ आपके माता-पिता पर ना पड़े।
उच्च शिक्षा के लिए आपके सपने न केवल आप बल्कि आपके माता-पिता के लिए भी बहुत महत्व रखते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपको अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए वे वह सबकुछ कर रहे हैं जो वे कर सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने हिस्से की जिम्मेदारी न निभाएं।
मौजूदा रुझान बताते हैं कि उच्च शिक्षा की लागत हर साल लगभग 15 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ रही है। यदि आप विदेश में पढ़ाई का विकल्प चुनती हैं तो यह खर्च और भी अधिक हो सकता है।
लेकिन निराश मत हों। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जो आपको अपने सपने के कोर्स में दाखिला लेने में मदद करेंगे :
1. एजुकेशन लोन
बहुत से छात्रों ने एजुकेशन लोन का लाभ उठाकर एक प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ाई का अपना सपना पूरा किया है। यह आपको अपनी एजुकेशन फीस का भुगतान करने में मदद करता है। आप अगले कुछ वर्षों में ब्याज के साथ यह राशि वापस चुका सकती हैं। एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करने से पूर्व यहां कुछ बातें आपको जान लेनी चाहिए:
योग्यता– कोई भी भारतीय छात्र जिसने किसी एजुकेशनल अथॉरिटी से मान्यता प्राप्त भारतीय या विदेशी कॉलेज/विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त किया है, वह लोन के लिए आवेदन कर सकता है। स्वाभाविक रूप से, इससे पहले आपको अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी करनी होगी।
इसमें क्या शामिल होता है? – ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के सभी फुल-टाइम, पार्ट-टाइम और व्यवसायिक पाठ्यक्रम। इसमें आवास और स्टेशनरी खर्च भी शामिल होंगे।
इसमें कितनी राशि मिलती है? – कुछ बैंक पूरी राशि के लिए लोन मंजूर करते हैं। वहीं कुछ बैंक 4 लाख रुपए तक का लोन देते हैं। भारतीय संस्थानों के लिए, आपको शेष राशि पर लोन प्राप्त करने के लिए कुल राशि के 5 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। विदेशी संस्थानों के लिए, आपको कुल राशि के 15 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।
कोलेटरल एवं गारंटी –
- 7.5 लाख रुपए से अधिक के लोन के लिए कोलेटरल की जरूरत होती है
- 4 से 7.5 लाख रुपए तक के लोन के लिए थर्ड-पार्टी गारंटी की जरूरत पड़ती है
- 4 लाख रुपए तक के लोन के लिए किसी भी कोलेटरल या गारंटी की जरूरत नहीं होती
ब्याज की दर –8% से 10% वार्षिक के बीच (कुछ मामलों में यह 12% तक भी जा सकती है)
जरूरी दस्तावेज़ -
- शैक्षणिक संस्थान का प्रवेश पत्र
- चयनित कोर्स का फीस ढांचा
- 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन (यदि लागू हो) के सर्टिफिकेट्स
- आपके सह-आवेदकों (अभिभावक/संरक्षक) की सैलरी स्लिप या इनकम टैक्स रिटर्न
पुनर्भुगतान– कुछ बैंक पाठ्यक्रम पूरा करने या नौकरी प्राप्त करने के बाद छह महीने या एक साल की छूट अवधि प्रदान कर सकते हैं। आम तौर पर एजुकेशन लोन को 5 से 7 वर्षों में चुकाया जाना चाहिए, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
इसके अलावा, आप अपने एजुकेशन लोन पर आठ साल तक ब्याज पर कटौती का लाभ उठा सकती हैं। इस प्रकार आप यह समझेंगी, कि एजुकेशन लोन एक बहुत जरूरी वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे आप फीस के बारे में चिंता किए बिना अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

2. इंटर्नशिप
यदि क्लास में जाने और असाइनमेंट पूरा करने के बाद भी आपके पास कुछ खाली समय बचता है, तो आप इंटर्नशिप के लिए नामांकन कीजिए। चाहें डेटा एंट्री हो या फिर ब्लॉग लिखने का काम, संस्थान हमेशा ही इंटर्न की तलाश में रहते हैं। एक इंटर्नशिप न केवल आपको सीखने का एक मूल्यवान अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि आय का एक स्रोत भी साबित होगी। यदि आपके माता-पिता आपकी फीस का भुगतान कर रहे हैं या आपने कोई लोन लिया है तो एक छोटी सी राशि भी बड़ी मदद कर सकती है।
3. स्कॉलरशिप
किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए, कई कॉलेज और संस्थान अपने छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान करते हैं। इसके तहत आम तौर पर कुछ परीक्षाएं और साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं, जिसके बाद संबंधित अधिकारी निर्णय लेते हैं कि आप इसके योग्य हैं या नहीं। स्कॉलरशिप आपकी पूरी फीस या फिर इसके एक हिस्से को कवर करेगी, ये संस्था के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है। तो आप स्कॉलरशिप के लिए आवेदन क्यों नहीं करतीं? क्या पता; आपको स्कॉलरशिप मिल जाए, साथ में वित्तीय मदद भी।
आप सरकारी कार्यक्रमों के तहत भी स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकती हैं। उदाहरण के लिए, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में 'प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो (पीएमआरएफ) स्कीम' की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य प्रमुख संस्थानों से हर साल 1,000 सर्वश्रेष्ठ बीटेक छात्रों की पहचान करना और आईआईटी और आईआईएस में पीएचडी के लिए उन्हें शानदार फैलोशिप प्रदान करना है।
निष्कर्ष:
संभव है कि आप अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी की पढ़ाई का खर्च खुद उठाने में सक्षम न हों, लेकिन जो भी आप कर सकती हैं उसे करने से खुद को हतोत्साहित न करें। उच्च शिक्षा की लागत साल दर साल बढ़ती जा रही है, ऐसे में आप कम से कम इतनी मदद जरूर कर सकती हैं कि पढ़ाई का पूरा बोझ आपके माता-पिता पर ना पड़े।