Where and how do millennials invest?

क्या आपने कभी सोचा है कि मिलेनियल कैसे और कहां निवेश करते हैं? उनके निवेश योजना प्रक्रिया पर आइए एक नज़र डालें।

मिलेनियल कहाँ और कैसे निवेश करते हैं?

मिलेनियल भारत की लगभग आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करते है और जब निवेश की बात आती है तो ये एक महत्वपूर्ण लक्षित समूह होते है। हालांकि मिलेनियल्स बहुत अधिक तकनीक-प्रेमी होते हैं और विभिन्न निवेश विकल्पों के साथ, कहाँ और कितना निवेश करना हैं, ये उनकी आयु और आय वर्ग पर निर्भर करता है ।

यद्यपि मिलेनियल भारतीय कार्यबल का लगभग 47% गठित करते है, वे एक विविध समूह हैं। 1981 और 1989 के बीच पैदा हुए लोगों को 'पुराने मिलेनियल ' के रूप में जाना जाता है, जबकि 1990 और 1996 के बीच जन्म लेने वालों को 'युवा मिलेनियल ' माना जाता है।

2008 की वैश्विक मंदी के आसपास, बड़ी संख्या में पुराने मिलेनियल ने नौकरी के बाजार में प्रवेश किया, इसलिए उनके पास एक संतुलित निवेश शैली है। उनमें से अधिकांश अब 30+ आयु वर्ग के हैं और परिवार और वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। वे अपने करियर में एक अच्छे स्थान पर हैं, अच्छी-खासी आय है, और उनके पास एक पोर्टफोलियो है जो उनके युवा समकक्षों की तुलना में बहुत अधिक विविध है।

युवा मिलेनियल ने अपने पेशेवर जीवन में 3 से 7 साल पूरे कर लिए हैं और अभी-अभी अपनी बचत को लेकर गंभीर होना शुरू किया है। वे डिजिटल दुनिया के निवासी हैं, स्व-निर्देशित निवेश विकल्प पसंद करते हैं, और एक आक्रामक निवेश दृष्टिकोण रखते हैं। वे टेक्नोलॉजी में उच्च विश्वास रखते हैं और विशेषकर सलाहकार के साथ काम नहीं करना चाहते, क्यूंकि उन्हें लगता है कि ऐसी सेवा का उपयोग करने के लिए सलाहकार के खर्च और प्रवेश-स्तर में समृद्धि की आवश्यकता होती है ।

मिलेनियल कहां निवेश करते हैं?

1. इक्विटी

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, विशेषज्ञ ज्ञान, विश्लेषण और उपकरणों तक की पहुंच ने इक्विटी निवेश के लिए अधिक पारदर्शिता को प्रेरित किया है। लंबी अवधि में, उच्च रिटर्न में निवेश करने की चाह रखने वाले लोगों को शेयर बाजारों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। पुराने मिलेनियल अधिक से अधिक प्रत्यक्ष इक्विटी में निवेश करते हैं, भले ही उम्र के बजाय संपन्नता यह निर्धारित करती हो कि प्रत्यक्ष इक्विटी में कितना निवेश किया जाना है। अमीर मिलेनियल लगभग दोगुना निवेश करते हैं, यह दर्शाता है कि उच्च आय एक सहारा स्वरुप है जो लोगों को अधिक जोखिम सहन करने की अनुमति देती है।

2. म्यूचुअल फंड्स

म्यूचुअल फंड, मिलेनियल के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है, चाहे उम्र या आय कुछ भी हो। निवेश में आसानी, विभिन्न प्रकार के फंड के विकल्प और पेशेवर प्रबंधन, म्यूचुअल फंड को बेहद आकर्षक बनाते हैं। अधिकांश मिलेनियल, एक इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ई.एल.एस.एस.) में कर-मुक्त निवेश के माध्यम से म्यूचुअल फंड की शुरुआत करते हैं। युवा मिलेनियल के लिए, कर-बचत के रास्ते कम होते हैं और प्रतिबद्धताओं जैसे कि होम लोन, बच्चे की शिक्षा ऋण आदि की कमी, ई.एल.एस.एस. को सबसे पसंदीदा कर-बचत विकल्प बनाती है।

डेट फंडों में से , ऐसे लिक्विड फंडों को प्राथमिकता दी जाती है जो त्वरित -रिडेम्पशन देते हैं। ये फंड न केवल संकट के समय में तरलता प्रदान करते हैं, बल्कि वे अच्छे पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर भी होते हैं और मिलेनियल के बीच छोटे जोखिम-वाले उप-खंडों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 85% मिलेनियल मुख्य रूप से सिस्टेमेटिक निवेश योजनाओं (एस.आई.पी.) के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते है।

कुल मिलाकर, जो लोग प्रति माह 20,000 रुपये से कम कमाते हैं, उनमे से अनुमानित 40% म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश करते हैं। 1 लाख रुपये से अधिक मासिक वेतन वाले लोगों के लिए यह अनुपात 80% है।

3. बीमा और सेवानिवृत्ति योजना

बढ़ती उम्र और जीवन-चरण के लक्ष्य, बीमा में निवेश करने या सेवानिवृत्ति योजना शुरू करने के लिए सबसे बड़े प्रेरक हैं। अनुमानित 55% पुराने मिलेनियल और 38% युवा मिलेनियलों ने जीवन बीमा योजना की सदस्यता ली है। जबकि पुराने मिलेनियल बीमा को अपने परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा जाल मानते हैं, वहीं युवा मिलेनियल बीमा में निवेश के माध्यम से उपलब्ध कर कटौती से लाभान्वित होना चाहते हैं।

भारत में स्वास्थ्य बीमा में निवेश काफी कम है। किसी भी श्रेणी में केवल 35% और 27% मिलेनियल के पास कोई स्वास्थ्य बीमा योजना होती है, जो आकस्मिक परिस्थिति में उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर बना देती है।

मिलेनियल्स कैसे निवेश करते हैं: मामले का अध्ययन

मेहुल शाह एक 30 वर्षीय विवाहित पेशेवर है जो एम.एन.सी. के लिए काम कर रहे है और उनका मासिक वेतन 70,000 रु है । किराए, उपयोगिताओं, जीवन शैली के खर्च और अन्य जीवन-साधन के खर्च मिलाकर उनके निश्चित मासिक परिव्यय लगभग 30,000 रुपये होते हैं । चूंकि उसने हाल ही में शादी की है और जल्द ही एक बच्चा भी जन्म लेने वाला है , इसलिए वह अधिक जोखिम उठाए बिना सर्वश्रेष्ठ निवेश विकल्पों की तलाश कर रहे है।

शाह एक महीने में दो ई.एल.एस.एस. योजनाओं में एस.आई.पी. के माध्यम से 2500 रुपये प्रति योजना निवेश करते है, जो उन्हें सालाना 60,000 रुपये के कर बचाने में मदद करता है। उन्होंने दस साल के भुगतान अवधि के लिए एक करोड़ के टर्म इंश्योरेंस में एक नया निवेश किया है ,जिसमे दो अर्धवार्षिक किस्तों में 22,000 रुपये भुगतान करने होंगे और यह बीमा आकस्मिक मृत्यु लाभ भी प्रदान करती है। उन्होंने अपने नियोक्ता से मेडिक्लेम बीमा लिया है, लेकिन एक अतिरिक्त पारिवारिक फ्लोटर पॉलिसी भी ली है जिसमें 20,000 रुपये में अपनी पत्नी के लिए भी कवरेज शामिल किया है,जिससे परिवार के लिए 10 लाख की कुल स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त होगी। कुछ वर्षों के बाद, वह अपने बच्चे को भी इस बीमा योजना में जोड़ना चाहते है।

हर महीने उनके सार्वजनिक भविष्य निधि (पी.पी.एफ.) खाते में 5000 रुपये भी आते हैं, जो सालाना 60,000 रु होते है। विभिन्न जीवन लक्ष्यों जैसे कि बच्चे की शिक्षा और सेवानिवृत्ति योजना के लिए विविध इक्विटी लार्ज कैप फंडों में 2000 रुपये प्रति माह के पांच एस.आई.पी. शुरू किये हैं जो सालाना 1,20,000 रुपये होते हैं।

शाह बीमा के लिए औसतन 3500 रुपये और निवेश के लिए 20,000 रुपये का औसत योगदान देते है, जिससे उसे हर महीने लगभग 6500 रुपये नकदी ही बचते है। डेट निवेश पर 7.9% रिटर्न और इक्विटी पर 12% का अनुमान लगाए तो, उसका कोष इस समय कुछ ऐसा दिखेगा।

कार्यकाल निवेश कोष लाभ

3 साल 7,20,000 8,79,567 1,59,567

5 साल 12,00,000 16,03,046 4,03,046

अच्छी आय और सही आयु के कारण,मिलेनियल के लिए सबसे अच्छी निवेश योजना इक्विटी निवेश और म्यूचुअल फंड के लिए '100 में से आपके वर्तमान उम्र को घटा दो ' के फार्मूले का पालन करना है। इतने वर्षों में,, पूंजी के संरक्षित हेतु आवंटन, स्थिर संपत्ति की तरफ जा रहा है।

भले ही इक्विटी-आधारित निवेश लंबी अवधि में निवेश पर सबसे अच्छा रिटर्न प्रदान करते हैं, फिर भी अगर आपकी जोखिम उठाने की शक्ति नहीं है तो इनमे ज़रूरी आवंटन न करें। अंत में, सबसे अच्छा निवेश वही है जो आपको रात में शांति से सोने देता हो ।

संवादपत्र

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