- Date : 10/02/2023
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जानिए कौन हैं रिलायंस के चाणक्य जिन पर मुकेश अंबानी करते हैं हद से ज्यादा भरोसा।

Manoj Modi's role in Reliance: रिलायंस इंडस्ट्रीज में अंबानी परिवार के बाद जिनका सबसे ऊँचा मकाम हैं वो मनोज मोदी हैं। रिलायंस की बड़ी से बड़ी डील के पीछे उन्हीं की रणनीति मानी जाती है। मनोज मोदी को 2007 में रिलायंस रिटेल का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया। उन्होंने रिलायंस रिफाइनरी में काम के दौरान कॉन्ट्रैक्टरों और व्यापारियों के बीच बड़ी डील की थी।
रिलायंस की जियो सर्विस के पीछे भी उन्हीं का दिमाग बताया जाता है। उन्होंने रिलायंस के लिए हजीरा पेट्रोकेमिकल, जामनगर रिफाइनरी, टेलीकॉम बिजनेस और रिलायंस रिटेल जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने ही आकाश अंबानी और ईशा अंबानी को बिजनेस के गुर सिखाए।
कृष्ण और सुदामा जैसी दोस्ती
भगवान कृष्ण और सुदामा की कहानी तो सुनी ही होगी। दुनिया के अमीरों में 12वां स्थान रखने वाले मुकेश अंबानी और मनोज मोदी की कहानी भी कुछ-कुछ वैसी ही है। मुकेश अंबानी और मनोज मोदी की दोस्ती मुम्बई कॉलेज में कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान हुई थी। दोनों ही कृष्ण और सुदामा की तरह क्लासमेट रहे हैं। दोनों एक ही साथ इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर कॉलेज से निकले और दोनों ही अलग-अलग भूमिकाओं में रिलायंस से जुड़े रहे।
45 साल से हैं मुकेश अंबानी के साथ
मनोज मोदी ने 1980 में धीरूभाई के जमाने में रिलायंस ज्वाइन की थी। रिलायंस से उनका रिश्ता 43 साल पुराना हो चुका है। रिलायंस में उन्होंने बहुत से उतार चढ़ाव देखे लेकिन वो हमेशा ही मुकेश अंबानी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। साल 2002 में जब धीरूभाई का निधन हुआ तब भी और साल 2005 में जब रिलायंस का बंटवारा हुआ तब भी मुकेश अंबानी के साथ ही रहे।
मुकेश से पारिवारिक रिश्ता
मनोज मोदी और मुकेश अंबानी का सिर्फ कामकाजी रिश्ता नहीं है बल्कि पारिवारिक रिश्ता है। मनोज मोदी की बेटी भक्ति की जब शादी हुई तो मुकेश अंबानी के घर से उसकी डोली उठी थी। इतना ही नहीं मुकेश अंबानी ने मनोज मोदी को एक घर तोहफे में दिया जिसकी कीमत 1500 करोड़ आंकी जाती है। मनोज मोदी, मुकेश अंबानी और आकाश अंबानी जियो के ओपन ऑफिस में साथ-साथ ही बैठते हैं।
मनोज मोदी सुदामा से कैसे बने चाणक्य?
रिलायंस इंडसट्रीज में बंटवारे के बाद मनोज की भूमिका भी बढ़ गई। वह मुकेश अंबानी के साथ हर उस डील में शामिल रहे जो कम्पनी के लिए अहम मानी जाती थी। कुछ जानकारों का यहां तक कहना है कि उन्होंने ही टेलीकॉम के बिजनेस के लिए मुकेश अंबानी को राजी किया था। उसी समय से मनोज मोदी को अंबानी परिवार के बाद रिलायंस इंडसट्रीज का सबसे ज्यादा प्रभाव रणनीतिकार माना जाता है।
Manoj Modi's role in Reliance: रिलायंस इंडस्ट्रीज में अंबानी परिवार के बाद जिनका सबसे ऊँचा मकाम हैं वो मनोज मोदी हैं। रिलायंस की बड़ी से बड़ी डील के पीछे उन्हीं की रणनीति मानी जाती है। मनोज मोदी को 2007 में रिलायंस रिटेल का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया। उन्होंने रिलायंस रिफाइनरी में काम के दौरान कॉन्ट्रैक्टरों और व्यापारियों के बीच बड़ी डील की थी।
रिलायंस की जियो सर्विस के पीछे भी उन्हीं का दिमाग बताया जाता है। उन्होंने रिलायंस के लिए हजीरा पेट्रोकेमिकल, जामनगर रिफाइनरी, टेलीकॉम बिजनेस और रिलायंस रिटेल जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने ही आकाश अंबानी और ईशा अंबानी को बिजनेस के गुर सिखाए।
कृष्ण और सुदामा जैसी दोस्ती
भगवान कृष्ण और सुदामा की कहानी तो सुनी ही होगी। दुनिया के अमीरों में 12वां स्थान रखने वाले मुकेश अंबानी और मनोज मोदी की कहानी भी कुछ-कुछ वैसी ही है। मुकेश अंबानी और मनोज मोदी की दोस्ती मुम्बई कॉलेज में कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान हुई थी। दोनों ही कृष्ण और सुदामा की तरह क्लासमेट रहे हैं। दोनों एक ही साथ इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर कॉलेज से निकले और दोनों ही अलग-अलग भूमिकाओं में रिलायंस से जुड़े रहे।
45 साल से हैं मुकेश अंबानी के साथ
मनोज मोदी ने 1980 में धीरूभाई के जमाने में रिलायंस ज्वाइन की थी। रिलायंस से उनका रिश्ता 43 साल पुराना हो चुका है। रिलायंस में उन्होंने बहुत से उतार चढ़ाव देखे लेकिन वो हमेशा ही मुकेश अंबानी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। साल 2002 में जब धीरूभाई का निधन हुआ तब भी और साल 2005 में जब रिलायंस का बंटवारा हुआ तब भी मुकेश अंबानी के साथ ही रहे।
मुकेश से पारिवारिक रिश्ता
मनोज मोदी और मुकेश अंबानी का सिर्फ कामकाजी रिश्ता नहीं है बल्कि पारिवारिक रिश्ता है। मनोज मोदी की बेटी भक्ति की जब शादी हुई तो मुकेश अंबानी के घर से उसकी डोली उठी थी। इतना ही नहीं मुकेश अंबानी ने मनोज मोदी को एक घर तोहफे में दिया जिसकी कीमत 1500 करोड़ आंकी जाती है। मनोज मोदी, मुकेश अंबानी और आकाश अंबानी जियो के ओपन ऑफिस में साथ-साथ ही बैठते हैं।
मनोज मोदी सुदामा से कैसे बने चाणक्य?
रिलायंस इंडसट्रीज में बंटवारे के बाद मनोज की भूमिका भी बढ़ गई। वह मुकेश अंबानी के साथ हर उस डील में शामिल रहे जो कम्पनी के लिए अहम मानी जाती थी। कुछ जानकारों का यहां तक कहना है कि उन्होंने ही टेलीकॉम के बिजनेस के लिए मुकेश अंबानी को राजी किया था। उसी समय से मनोज मोदी को अंबानी परिवार के बाद रिलायंस इंडसट्रीज का सबसे ज्यादा प्रभाव रणनीतिकार माना जाता है।