- Date : 15/06/2023
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पति-पत्नी के वित्तीय असंगतियों से घरेलू बजट असंतुलित हो तो वित्तीय लक्ष्यों को पाना मुश्किल हो जाता है। अपने पार्टनर के साथ वित्तीय मतभेदों को दूर करने और मजबूत संबंध बनाने के ये हैं 5 खास टिप्स।

- अपने पार्टनर के साथ वित्तीय असंगति को दूर करने के टिप्स।
- घरेलू बजट को पति-पत्नी के बीच बैलेंस करने के तरीके।
- खर्च और बचत में संतुलन, धन का प्रबंधन और वित्तीय लक्ष्य पाने के नियम।
पति-पत्नी के बीच घरेलू बजट को लेकर वित्तीय मतभेद उभरने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। घरेलू बजट पति-पत्नी के आपसी सामंजस्य से चलता है और इसमें संतुलन बनाए रखना ही वित्तीय सुरक्षा की कुंजी है। कई बार पति या पत्नी में से कोई एक अत्यधिक खर्चीला होता है और उसके द्वारा किए गए आवेगी खर्चों के कारण पूरा घरेलू बजट हिल जाता है। तो वहीं कई बार पति या पत्नी में से कोई इतना कंजूस होता है कि पैसे बचाने के चक्कर में जीवन का आनंद ही अधूरा रह जाता है। कई जोड़े खुद को वित्तीय असंगति में उलझा हुआ पाते हैं जो कि वैवाहिक कलह का मूल कारण है। हालांकि ऐसे वित्तीय मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं। इसके लिए इन 5 आसान युक्तियों को आजमा सकते हैं:
1. आपसी बातचीत से मुद्दे सुलझाएं।
संवाद हर समस्या का हल है। अगर पति या पत्नी में कोई अधिक खर्चीला है तो उसे यह बताने में कोई हर्ज नहीं कि ऐसा करते रहने से वित्तीय लक्ष्य अधूरे रह जाएंगे। इसी तरह अत्यधिक बचत करने वाले पार्टनर को भी यह समझाना जरूरी है कि बचत और खर्च का संतुलन बना कर जीवन का आनंद लेना भी जरूरी है। अगर पति-पत्नी साथ मिलकर बजट बनाएं तो ये समस्या हल हो सकती है। इसके अलावा समय-समय पर साथ बैठकर घरेलू बजट की समीक्षा करते रहना भी बेहतर अभ्यास है।
2. अपने वित्तीय लक्ष्यों का ध्यान रखें।
वित्तीय असंगतियों को कम करने के लिए एक व्यापक घरेलू बजट स्थापित बनाएं और स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें। एक बार जब आपके मन में दीर्घावधि की दृष्टि आ जाए और आपको यह पता चल जाए कि आपको हर महीने कितना खर्च और बचत करने की जरूरत है, तो एक-दूसरे को फालतू खर्च या अत्यधिक मितव्ययिता के बारे में लगातार याद दिलाने की कोई जरूरत नहीं है। बड़ी तस्वीर पर ध्यान केंद्रित करके, आप छोटी-छोटी बातों पर होने वाले झगड़ों को रोक सकते हैं।
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3. घरेलू खर्चों के लिए संयुक्त खाता रखें।
युगल के बीच बजट में अत्यधिक प्रतिबंध किसी भी रिश्ते में असंतोष पैदा कर सकते हैं। वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए, व्यक्तिगत वित्त के प्रबंधन में व्यक्तिगत स्वायत्तता बनाए रखना आवश्यक है। घरेलू खर्चों के लिए एक संयुक्त खाता रखना बुद्धिमानी है, जबकि व्यक्तिगत व्यय के लिए अलग खाते बनाए रखना भी फायदेमंद होता है। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि आपके व्यक्तिगत लक्ष्य अप्रभावित रहें और साथ ही आपको अपनी पसंदीदा जीवन शैली को बनाए रखने की स्वतंत्रता भी मिलती रहे।
4. पति-पत्नी संयमित बजट के लिए साझा जिम्मेदारियों को बढ़ावा दें।
केवल एक व्यक्ति पर वित्तीय दायित्वों का बोझ डालना असंतुष्टि पैदा करता है। जैसा कमाना हो, खर्च करना हो या वित्तीय योजनाएं बनाना, यह किसी एक साथी की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। वित्तीय कार्यों को समान रूप से वितरित करना यह सुनिश्चित करता है कि दोनों भागीदार खर्च और बचत का ध्यान रखें और संयमित बजट का अनुपालन करें।
5. वित्तीय असंगति को दूर करने के लिए वित्तीय परामर्श लें।
कभी-कभी कुछ वित्तीय समस्याएं जटिल हो सकती हैं। कुछ बड़े वित्तीय लक्ष्य मुश्किल लग सकते हैं, निवेश के विकल्पों को चुनने में उलझन हो सकती है या चाह कर भी घरेलू बजट का प्रबंधन मुश्किल लग सकता है। ऐसे में पैसा और रिश्ते दोनों को बनाए रखने के लिए किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेने में कोई दिक्कत नहीं है।
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