- Date : 02/03/2023
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कोई भी गाड़ी चलाते हैं तो आपको मोटर इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए।

Motor Insurance Claim: अगर आप कार, टू व्हीलर या किसी भी तरह का वाहन चलाते हैं तो आपको हर हालत में मोटर इंश्योरेंस लेना चाहिए। एक्सीडेंट होने पर या कार में अन्य किसी भी प्रकार का डेंट लगने के हालात में अगर आपके पास इंश्योरेंस है तो आपका खर्च बेहद कम हो जाएगा। लेकिन, सिर्फ इंश्योरेंस लेना ही काफी नहीं है। एक्सिडेंट की स्थिति में कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस ज्यादा कारगर साबित होता है। हालांकि कार इंश्योरेंस के बावजूद गाड़ी मालिक यह नहीं चाहता कि उसे इसकी जरूरत पड़े क्योंकि कार दुर्घनाग्रस्त होने के बाद कई चीजों को ध्यान में रखकर ही बीमा कंपनी आपका क्लेम सेटल करती है। इसलिए आपको अपनी पॉलिसी के क्लेम की सही जानकारी होना बेहद जरूरी है ताकि दुर्भाग्यवश कभी आपकी कार का एक्सीडेंट हो भी जाए तो आप जल्द से जल्द सही तरीके से अपने इंश्योरेंस का लाभ उठा सकें और वह बीमा कंपनी द्वारा रिजेक्ट न किया जाए।
आज इंटरनेट का ज़माना है, तो कार के लिए किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने से पहले ढेरों ऐसे प्लेटफॉर्म हैं, जहां आप बीमा पॉलिसी की तुलना कर सकते हैं, साथ ही एजेंट से बात करके सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपको अपने वाहन के लिए एक सही पॉलिसी खरीदने में काफी मदद मिल जाती है। इसके अलावा आपको अच्छी तरह इस बात की जानकारी एजेंट द्वारा दी जाती है कि आपकी पॉलिसी में क्या कुछ कवर किया गया है और दुर्घटना के बाद कार के रिपेयरिंग के वक्त आपको क्या-क्या बीमा कंपनी की तरफ से दिया जाएगा। इस बात का ध्यान रखें कि प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज अलग से होता है।
कई बार देखा जाता है कि सही तरीके से इंश्योरेंस की प्रक्रिया न करने पर आपके द्वारा किया गया क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, इसीलिए किसी भी पॉलिसी को खरीदने से पहले उसे समझना बेहद जरूरी है। आपको पॉलिसी को ध्यान से पढ़ना चाहिये ताकि इंश्योरेंस लेते वक्त आपके मन में कोई शक न हो कि पॉलिसी में आपके द्वारा क्लेम किया हुआ डैमेज कवर है या नहीं। इतना ही नहीं अपने सभी सवालों को आप पॉलिसी लेने से पहले एजेंट से भी पूछ सकते हैं, ताकि आपको बाद में कोई नुकसान न उठाना पड़े. इसके अलावा वाहन क्लेम लेने की कुछ जरूरी शर्तें हैं, जिनका आपको पालन करना आवश्यक होता है, जैसे- नशे की हालत में गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को मोटर क्लेम नहीं मिलता, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन से दुर्घटना होने पर आपका क्लेम रिजेक्ट होना तय है।
किसी भी क्लेम को लेने जाने से पहले आपको जरूरी दस्तावेजों की जांच अवश्य कर लेनी चाहिये जो आपके पास मौजूद होने चाहिये. इसमें सबसे पहले इंश्योरेंस पॉलिसी के कागज़ात, गाड़ी की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) आधार कार्ड जैसी चीज़ें अनिवार्य हैं, बताए गए किसी भी दस्तावेज़ की कमी के कारण आपको क्लेम के लिए आपको बीमा कंपनी के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं और उसमें अनावश्यक देरी हो सकती है.
ईमानदारी और पारदर्शिता का यहां पर भी अहम रोल होता है। अगर आप ईमानदार हैं यानी एक्सीडेंट की स्थिति की हर जानकारी दुर्घटना से लेकर वक्त और स्थान तक बीमा कंपनी को पारदर्शिता के साथ बताते हैं तो आपको आपका क्लेम मिलने में आसानी होगी। इसके उलट अगर आप सवालों का जवाब देने में किसी भी तरह का गोलमाल करते हैं तब फिर इसका सीधा- सीधा असर आपके क्लेम पर पड़ सकता है।
कैसे तय होती है रकम?
इस इंश्योरेंस कवर का क्लेम बेसिक सैलरी और DA पर निर्भर करता है। सीधे शब्दों में समझें आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना इसमें शामिल होता है।अधिकतम बोनस 1.75 लाख रुपए का है जो आखिरी 12 माह के दौरान एवरेज पीएफ बैलेंस का 50 परसेंट होता है।
कैसे करें क्लेम
नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी EPF सब्सक्राइबर की असमय मौत होने की स्थिति में इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकता है। जो व्यक्ति क्लेम कर रहा है यानी नॉमिनी उसकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। अगर नॉमिनी 18 साल से छोटा है तब फिर अभिभावक को इसके लिए क्लेम करना होगा। अभिभावक के पास गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डीटेल्स होनी चाहिए। सामान्य स्थिति में क्लेम करते समय मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है।