Bournvita Row: एनसीपीसीआर ने बॉर्नविटा पर कसा शिकंजा, भ्रामक विज्ञापन हटाने को कहा, जानें क्या है वजह

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को एक शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बॉर्नविटा बच्चों के विकास में सुधार करने वाले हेल्थ ड्रिंक के रूप में खुद को बढ़ावा देती है, लेकिन इसमें काफी मात्रा में चीनी होती है, जो बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

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Bournvita Row: खुद को हेल्थ ड्रिंक और बच्चों के मानसिक-शारीरिक विकार से जरूरी पेय पदार्थ बताने वाले बॉर्नविटा के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)  ने उसपर शिकंजा कस दिया है। 1 अप्रैल को इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने एक वीडियो में कहा था कि बॉर्नविटा में हाई शुगर, कोको सॉलिड्स और कैंसर पैदा करने वाले कलरेंट हैं। इसके बाद अब एनसीपीसीआर ने बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल इंडिया से मिल्क सप्लीमेंट से संबंधित सभी भ्रामक विज्ञापनों, पैकेजिंग और लेबल की समीक्षा करने और हटाने को कहा है। .

इस मामले में एनसीपीसीआर ने भेजे गए नोटिस में पैनल को अवगत कराने के लिए 7 दिनों के अंदर एक विस्तृत स्पष्टीकरण भेजने को कहा है। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले एक हेल्थ इन्फ्लुएंसर के वीडियो में कैडबरी के एक उत्पाद बोर्नविटा की बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक के रूप में आलोचना की गई थी। रेवंत हिमतसिंगका ने वीडियो में बॉर्नविटा पर तंज करते हुए कहा था कि बॉर्नविटा के टैगलाइन ‘तैयारी जीत की’ को बदलकर ‘तैयारी मधुमेह की’ कर देना चाहिए। बाद में बॉर्नविटा ने हिमतसिंगका को एक कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उनका वीडियो भ्रामक था।

हिमतसिंगका ने बाद में अपने वीडियो को सभी प्लेटफॉर्म से हटा दिया, लेकिन यह पहले ही वायरल हो चुका था और लगभग 12 मिलियन बार देखा जा चुका था। इस पोस्ट को परेश रावल, कीर्ति आजाद समेत अन्य हसितों ने शेयर किया था। कई हस्तियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हेल्थ ड्रिंक और उनकी सामग्री के बारे में चिंता व्यक्त की है। बॉर्नविटा ने पहले कहा था कि पिछले 7 दशकों में इसने वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए उत्पाद के रूप में भारत में उपभोक्ताओं का विश्वास अर्जित किया है, जो गुणवत्ता मानकों का पालन करता है और देश के कानूनों का पालन करता है।

Bournvita Row: खुद को हेल्थ ड्रिंक और बच्चों के मानसिक-शारीरिक विकार से जरूरी पेय पदार्थ बताने वाले बॉर्नविटा के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)  ने उसपर शिकंजा कस दिया है। 1 अप्रैल को इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने एक वीडियो में कहा था कि बॉर्नविटा में हाई शुगर, कोको सॉलिड्स और कैंसर पैदा करने वाले कलरेंट हैं। इसके बाद अब एनसीपीसीआर ने बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल इंडिया से मिल्क सप्लीमेंट से संबंधित सभी भ्रामक विज्ञापनों, पैकेजिंग और लेबल की समीक्षा करने और हटाने को कहा है। .

इस मामले में एनसीपीसीआर ने भेजे गए नोटिस में पैनल को अवगत कराने के लिए 7 दिनों के अंदर एक विस्तृत स्पष्टीकरण भेजने को कहा है। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले एक हेल्थ इन्फ्लुएंसर के वीडियो में कैडबरी के एक उत्पाद बोर्नविटा की बच्चों के लिए हेल्थ ड्रिंक के रूप में आलोचना की गई थी। रेवंत हिमतसिंगका ने वीडियो में बॉर्नविटा पर तंज करते हुए कहा था कि बॉर्नविटा के टैगलाइन ‘तैयारी जीत की’ को बदलकर ‘तैयारी मधुमेह की’ कर देना चाहिए। बाद में बॉर्नविटा ने हिमतसिंगका को एक कानूनी नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उनका वीडियो भ्रामक था।

हिमतसिंगका ने बाद में अपने वीडियो को सभी प्लेटफॉर्म से हटा दिया, लेकिन यह पहले ही वायरल हो चुका था और लगभग 12 मिलियन बार देखा जा चुका था। इस पोस्ट को परेश रावल, कीर्ति आजाद समेत अन्य हसितों ने शेयर किया था। कई हस्तियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हेल्थ ड्रिंक और उनकी सामग्री के बारे में चिंता व्यक्त की है। बॉर्नविटा ने पहले कहा था कि पिछले 7 दशकों में इसने वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए उत्पाद के रूप में भारत में उपभोक्ताओं का विश्वास अर्जित किया है, जो गुणवत्ता मानकों का पालन करता है और देश के कानूनों का पालन करता है।

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