निवेश का पारंपरिक तरीका नहीं अपनाना चाहते हैं? इन विकल्पों पर गौर करें

क्या आप पारंपरिक निवेश तरीकों से ऊब गए हैं? हम आपको गैर-पारंपरिक विकल्पों के बारे में बताते हैं जिनपर आप गौर कर सकते हैं।

non-traditional investment options

पारंपरिक निवेशक हमेशा ही दूसरे विकल्पों में निवेश करने के बारे में सोचते हैं; ऐसे निवेश विकल्प जो उन्हें ऊंचे रिटर्न दें, चाहे ये विकल्प सामान्य निवेश की तरह स्थिर न हों। मौजूदा समय में इन गैर-पारंपरिक विकल्पों को मान्यता मिल रही है और इनसे मिलने वाला रिटर्न कई बार शेयर और बॉन्ड्स के रिटर्न से भी ज्यादा होता है। तो फिर ये वैकल्पिक निवेश कौन से हैं?

डिजिटल गोल्ड

वास्तविक सोने के विकल्प में डिजिटल गोल्ड करेंसी (डीजीसी) उपलब्ध है जो सोने की यूनिट पर आधारिक एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक मनी है जिसे पैसों की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। तो फिर क्या बात इसे अच्छा निवेश विकल्प बनाती है?

  • डिजिटल गोल्ड का रखरखाव और भंडारण का खर्चा कम होता है।
  • वास्तविक सोने के विपरीत ये इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित होता है और जरूरत पड़ने पर इसे कभी भी पैसों में बदला जा सकता है। 
  • कई भारतीय कंपनियां डीजीसी जारी करती हैं, जैसे पेटीएम ने एमएमटीसी-पीएएमपी के साथ मिलकर किया है। मोतीलाल ओसवाल की भी डिजिटल गोल्ड इंवेस्टमेंट स्कीम है, जिसमें आप 500 रुपये की कम राशि के साथ भी सोने में निवेश कर सकते हैं।

कलाकृतियां (आर्टफैक्ट्स)

आर्ट या कलाकृति में निवेश करना आसान नहीं है, लेकिन लंबी अवधि में इससे काफी फायदा हो सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर 1990 के दशक में एम एफ हुसैन द्वारा बनाया गया एक चित्र 1 लाख रुपये में खरीदा गया था, तो मौजूदा वक्त में इसकी कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी है। इसी तरह दूसरे भारतीय कलाकार जैसे एस एच रजा और अंजलि इला मेनन के कलाकृतियों की कीमतों में काफी इजाफा हो चुका है, जो इन्हें अच्छा निवेश विकल्प बनाता है। चाहे कलाकृतियां जमा करना शेयर बाजार की तरह ही अनिश्चितता से भरा काम है और इसे जल्द पैसों में नहीं बदला जा सकता है, इसे लंबी अवधि के निवेश विकल्प की तरह माना जाता है। लेकिन, ये बात ध्यान में रखें कि कलाकृतियां का रखरखाव मुश्किल और महंगा हो सकता है। 

investment options

भारत में कला बाजार का करीब 99 फीसदी हिस्सा चित्रों का है। तो फिर कैसे इसमें निवेश करना शुरू कर सकते हैं? आप निवेश करने से पहले गैलरी में प्रदर्शनी देखें, मैगजीन में कलाकृतियों के बारे में पढ़ें और ऐसे करके आप अलग-अलग कलाकारों की नीलाम (क्रिस्टीज, सोथबे, बिड एंड हैमर, पुंडोल, सैफ्रॉन आर्ट में) हो रही कलाकृतियों के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर पाएंगे। 

हीरे

कहा जाता है कि हीरे किसी भी महिला के सच्चे दोस्त होते हैं और ये एक अच्छा निवेश विकल्प भी हैं। लेकिन, ज्यादातर लोगों के लिए हीरे खरीदना (इनमें निवेश तो दूर की बात है) काफी महंगा पड़ता है। इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) के डायमंड एसआईपी की मदद से ये बदल सकता है। आईसीईएक्स कमोडिटी का स्क्रीन बेस्ड ऑनलाइन डिरिवटिव एक्सचेंज है। डायमंड एसआईपी क्या ऑफर करता है?

  • तीन से कम अवधि के लिए हर महीने एक हजार रुपये से कम निवेश करके आप एसआईपी के जरिए हीरे खरीद सकते हैं।
  • डायमंड एसआईपी में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।
  • डिजिटल गोल्ड की तरह ही हीरों भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में लेन-देन किया जाता है। हालांकि, इन्हें वास्तविक हीरों में बदलने के लिए आपको तय मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक हीरे जमा करने होंगे (30 सेंट)। 

आईसीईएक्स का कहना है कि हीरों में जिनमें निवेश किया जाता है, उन्हें विश्व की प्रमुख कंपनी डी बीयर्स द्वारा प्रमाणिकता, ग्रेड, कट, चमक, आदि प्रमाणित किया गया है।

ऑल्टर्नटिव इंवेस्टमेंट फंड्स

सेबी के मुताबिक ‘ऑल्टर्नटिव इंवेस्टमेंट फंड या एआईएफ का मतलब ऐसी किसी निधि से है जिसे भारत में स्थापित या निगमित किया गया हो और जिसमें निजी तौर पर सुविज्ञ निवेशकों, चाहे वो भारतीय या विदेशी हों, से इकट्ठा किए गए धन को निवेशकों के हित को देखते हुए निर्धारित निवेश नीति के मुताबिक निवेश किया जाता है।’

  • भारत में एआईएफ निजी निधि होते हैं जो देश के किसी भी नियामक के अधिकार-क्षेत्र के तहत नहीं आते हैं। 
  • सफल निवेशकों के बीच इनको लेकर उत्साह बढ़ रहा है जो अपना पैसा वेंचर कैपिटल या प्राइवेट इक्विटी के जरिए विशिष्ट असूचीबद्ध कंपनियों और मुनाफे वाली अचल संपत्ति में लगाना चाहते हैं। 
  • समृद्ध निवेशक परंपरागत शेयर और बॉन्ड्स के बजाय ऑल्टर्नटिव इंवेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं और इसके पीछे अच्छी वजह भी है।

बेहतर रिटर्न की चाह और शेयरों की उठापटक को देखते हुए शेयर बाजार के अलावा दूसरी संपत्तियों में निवेश की मांग बढ़ी है। 

निष्कर्ष में

डिजिटल गोल्ड से लेकर कलाकृतियां, हीरे और एआईएफ, वैकल्पिक निवेश समझदार निवेशक के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, खासतौर पर उस निवेशक के लिए जिसे उस विशेष क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी हो। आज के पहले शेयर बाजार के अलावा दूसरे निवेश विकल्पों की तलाश करना इतना रोमांचक कभी नहीं रही है। अगर भविष्य में शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है और निवेशकों को भरोसेमंद विकल्पों की जरूरत पड़ेगी, लेकिन फिलहाल इन वैकल्पिक निवेश की जटिलता और सीमित नियमों को देखते हुए जरूरी है कि आप अलग-अलग निवेश विकल्पों में पैसा लगाएं।

पारंपरिक निवेशक हमेशा ही दूसरे विकल्पों में निवेश करने के बारे में सोचते हैं; ऐसे निवेश विकल्प जो उन्हें ऊंचे रिटर्न दें, चाहे ये विकल्प सामान्य निवेश की तरह स्थिर न हों। मौजूदा समय में इन गैर-पारंपरिक विकल्पों को मान्यता मिल रही है और इनसे मिलने वाला रिटर्न कई बार शेयर और बॉन्ड्स के रिटर्न से भी ज्यादा होता है। तो फिर ये वैकल्पिक निवेश कौन से हैं?

डिजिटल गोल्ड

वास्तविक सोने के विकल्प में डिजिटल गोल्ड करेंसी (डीजीसी) उपलब्ध है जो सोने की यूनिट पर आधारिक एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक मनी है जिसे पैसों की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। तो फिर क्या बात इसे अच्छा निवेश विकल्प बनाती है?

  • डिजिटल गोल्ड का रखरखाव और भंडारण का खर्चा कम होता है।
  • वास्तविक सोने के विपरीत ये इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित होता है और जरूरत पड़ने पर इसे कभी भी पैसों में बदला जा सकता है। 
  • कई भारतीय कंपनियां डीजीसी जारी करती हैं, जैसे पेटीएम ने एमएमटीसी-पीएएमपी के साथ मिलकर किया है। मोतीलाल ओसवाल की भी डिजिटल गोल्ड इंवेस्टमेंट स्कीम है, जिसमें आप 500 रुपये की कम राशि के साथ भी सोने में निवेश कर सकते हैं।

कलाकृतियां (आर्टफैक्ट्स)

आर्ट या कलाकृति में निवेश करना आसान नहीं है, लेकिन लंबी अवधि में इससे काफी फायदा हो सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर 1990 के दशक में एम एफ हुसैन द्वारा बनाया गया एक चित्र 1 लाख रुपये में खरीदा गया था, तो मौजूदा वक्त में इसकी कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा हो चुकी है। इसी तरह दूसरे भारतीय कलाकार जैसे एस एच रजा और अंजलि इला मेनन के कलाकृतियों की कीमतों में काफी इजाफा हो चुका है, जो इन्हें अच्छा निवेश विकल्प बनाता है। चाहे कलाकृतियां जमा करना शेयर बाजार की तरह ही अनिश्चितता से भरा काम है और इसे जल्द पैसों में नहीं बदला जा सकता है, इसे लंबी अवधि के निवेश विकल्प की तरह माना जाता है। लेकिन, ये बात ध्यान में रखें कि कलाकृतियां का रखरखाव मुश्किल और महंगा हो सकता है। 

investment options

भारत में कला बाजार का करीब 99 फीसदी हिस्सा चित्रों का है। तो फिर कैसे इसमें निवेश करना शुरू कर सकते हैं? आप निवेश करने से पहले गैलरी में प्रदर्शनी देखें, मैगजीन में कलाकृतियों के बारे में पढ़ें और ऐसे करके आप अलग-अलग कलाकारों की नीलाम (क्रिस्टीज, सोथबे, बिड एंड हैमर, पुंडोल, सैफ्रॉन आर्ट में) हो रही कलाकृतियों के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर पाएंगे। 

हीरे

कहा जाता है कि हीरे किसी भी महिला के सच्चे दोस्त होते हैं और ये एक अच्छा निवेश विकल्प भी हैं। लेकिन, ज्यादातर लोगों के लिए हीरे खरीदना (इनमें निवेश तो दूर की बात है) काफी महंगा पड़ता है। इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) के डायमंड एसआईपी की मदद से ये बदल सकता है। आईसीईएक्स कमोडिटी का स्क्रीन बेस्ड ऑनलाइन डिरिवटिव एक्सचेंज है। डायमंड एसआईपी क्या ऑफर करता है?

  • तीन से कम अवधि के लिए हर महीने एक हजार रुपये से कम निवेश करके आप एसआईपी के जरिए हीरे खरीद सकते हैं।
  • डायमंड एसआईपी में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।
  • डिजिटल गोल्ड की तरह ही हीरों भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में लेन-देन किया जाता है। हालांकि, इन्हें वास्तविक हीरों में बदलने के लिए आपको तय मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक हीरे जमा करने होंगे (30 सेंट)। 

आईसीईएक्स का कहना है कि हीरों में जिनमें निवेश किया जाता है, उन्हें विश्व की प्रमुख कंपनी डी बीयर्स द्वारा प्रमाणिकता, ग्रेड, कट, चमक, आदि प्रमाणित किया गया है।

ऑल्टर्नटिव इंवेस्टमेंट फंड्स

सेबी के मुताबिक ‘ऑल्टर्नटिव इंवेस्टमेंट फंड या एआईएफ का मतलब ऐसी किसी निधि से है जिसे भारत में स्थापित या निगमित किया गया हो और जिसमें निजी तौर पर सुविज्ञ निवेशकों, चाहे वो भारतीय या विदेशी हों, से इकट्ठा किए गए धन को निवेशकों के हित को देखते हुए निर्धारित निवेश नीति के मुताबिक निवेश किया जाता है।’

  • भारत में एआईएफ निजी निधि होते हैं जो देश के किसी भी नियामक के अधिकार-क्षेत्र के तहत नहीं आते हैं। 
  • सफल निवेशकों के बीच इनको लेकर उत्साह बढ़ रहा है जो अपना पैसा वेंचर कैपिटल या प्राइवेट इक्विटी के जरिए विशिष्ट असूचीबद्ध कंपनियों और मुनाफे वाली अचल संपत्ति में लगाना चाहते हैं। 
  • समृद्ध निवेशक परंपरागत शेयर और बॉन्ड्स के बजाय ऑल्टर्नटिव इंवेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं और इसके पीछे अच्छी वजह भी है।

बेहतर रिटर्न की चाह और शेयरों की उठापटक को देखते हुए शेयर बाजार के अलावा दूसरी संपत्तियों में निवेश की मांग बढ़ी है। 

निष्कर्ष में

डिजिटल गोल्ड से लेकर कलाकृतियां, हीरे और एआईएफ, वैकल्पिक निवेश समझदार निवेशक के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, खासतौर पर उस निवेशक के लिए जिसे उस विशेष क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी हो। आज के पहले शेयर बाजार के अलावा दूसरे निवेश विकल्पों की तलाश करना इतना रोमांचक कभी नहीं रही है। अगर भविष्य में शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है और निवेशकों को भरोसेमंद विकल्पों की जरूरत पड़ेगी, लेकिन फिलहाल इन वैकल्पिक निवेश की जटिलता और सीमित नियमों को देखते हुए जरूरी है कि आप अलग-अलग निवेश विकल्पों में पैसा लगाएं।

संवादपत्र

संबंधित लेख

Union Budget