Train-Elephant Collision: अब रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की टक्कर से बेमौत नहीं मरेंगे हाथी, बेजुबान जानवर को बचाने के लिए होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल

ट्रेन और हाथी की टक्कर की घटनाओं को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी।

Train-Elephant Collision

Train-Elephant Collision: आर्टिफिशियस इंटेलिजेंस की मदद से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) रेलवे पटरियों पर ट्रेन-हाथी की टक्कर को रोकने की कोशिश में है। ट्रेन और हाथियों की टक्कर को रोकने के लिए एआई-बेस्ड घुसपैठ का पता लगाने वाले सिस्टम (IDS) की स्थापना के लिए एनएफआर वे रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन (MoU) पर बीते सोमवार को गुवाहाटी के मालीगांव में एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में दस्तखत किए गए।

एनएफआर के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि हम रेलवे ट्रैक पर आने वाले जंगली जानवरों, खासकर हाथियों की आवाजाही को रोकने और उनका पता लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और इनमें आईडीएस की स्थापना प्रमुख है। पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार डिवीजन के तहत डुआर्स इलाके के चलसा-हसीमारा सेक्शन और असम में लुमडिंग डिवीजन के तहत लंका-हवाईपुर सेक्शन में आईडीएस पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था और इसकी सफलता के बाद धीरे-धीरे इस सिस्टम को एनएफ रेलवे में फैले अन्य सभी हाथी गलियारों में स्थापित करने का फैसला किया गया है। 

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि आईडीएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है और इसमें मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल जंगली जानवरों की गतिविधियों की पहचान करने और कंट्रोल स्टेशन, स्टेशन मास्टर, गेटमैन और लोको पायलटों को सतर्क करने के लिए सेंसर के रूप में किया जाएगा। यह रेलवे ट्रैक पर हाथियों के रियल टाइम प्रजेंस को समझने के लिए डायलिसिस स्कैटरिंग घटना के सिद्धांत पर काम कर रहे फाइबर ऑप्टिक-बेस्ड साउंस सिस्टम का उपयोग करता है। रेलवे अधिकारी ने यह भी कहा कि पायलट प्रोजेक्ट पहले ही रेलवे ट्रैक की ओर आ रहे कई हाथियों की जान ट्रेनों की चपेट में आने से बचाने में सफल रहा है।

 

Train-Elephant Collision: आर्टिफिशियस इंटेलिजेंस की मदद से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) रेलवे पटरियों पर ट्रेन-हाथी की टक्कर को रोकने की कोशिश में है। ट्रेन और हाथियों की टक्कर को रोकने के लिए एआई-बेस्ड घुसपैठ का पता लगाने वाले सिस्टम (IDS) की स्थापना के लिए एनएफआर वे रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन (MoU) पर बीते सोमवार को गुवाहाटी के मालीगांव में एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में दस्तखत किए गए।

एनएफआर के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि हम रेलवे ट्रैक पर आने वाले जंगली जानवरों, खासकर हाथियों की आवाजाही को रोकने और उनका पता लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और इनमें आईडीएस की स्थापना प्रमुख है। पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार डिवीजन के तहत डुआर्स इलाके के चलसा-हसीमारा सेक्शन और असम में लुमडिंग डिवीजन के तहत लंका-हवाईपुर सेक्शन में आईडीएस पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था और इसकी सफलता के बाद धीरे-धीरे इस सिस्टम को एनएफ रेलवे में फैले अन्य सभी हाथी गलियारों में स्थापित करने का फैसला किया गया है। 

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि आईडीएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है और इसमें मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल जंगली जानवरों की गतिविधियों की पहचान करने और कंट्रोल स्टेशन, स्टेशन मास्टर, गेटमैन और लोको पायलटों को सतर्क करने के लिए सेंसर के रूप में किया जाएगा। यह रेलवे ट्रैक पर हाथियों के रियल टाइम प्रजेंस को समझने के लिए डायलिसिस स्कैटरिंग घटना के सिद्धांत पर काम कर रहे फाइबर ऑप्टिक-बेस्ड साउंस सिस्टम का उपयोग करता है। रेलवे अधिकारी ने यह भी कहा कि पायलट प्रोजेक्ट पहले ही रेलवे ट्रैक की ओर आ रहे कई हाथियों की जान ट्रेनों की चपेट में आने से बचाने में सफल रहा है।

 

संवादपत्र

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