- Date : 11/10/2019
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सॉवरेन गारंटी के साथ डेट में दीर्घ-कालिक निवेश के मौके अब रिटेल निवेशकों की उंगलियों के इशारे पर उपलब्ध

परंपरागत रूप से खुदरा निवेशक सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में सक्रिय भागीदार नहीं रहे हैं, वह भी तब जब वर्तमान में सरकारी बॉन्ड की यील्ड फिक्स डिपॉजिट और डेट म्यूचुअल फंड से काफी बेहतर रही है।
सरकारी प्रतिभूतियों को आम आदमी के लिए अधिक सुलभ बनाने और उच्च रिटर्न अर्जित करने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने 19 नवंबर को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जिससे रिटेल निवेशकों को ट्रेजरी उत्पादों के क्षेत्र में निवेश करना आसान हो जाएगा।
नई सर्विस, जिसका नाम एनएसई गोबिड है, इसे सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने लॉन्च किया था। यह मोबाइल एप्लीकेशन के साथ ही साथ वेब आधारित प्लेटफॉर्म के रूप में भी उपलब्ध है।
इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से, निवेशक 91 दिनों, 182 दिनों, और 364 दिनों (सोमवार और मंगलवार के बीच) के अल्पकालिक ट्रेजरी बिल (टी-बिल) से लेकर 1 साल से 40 वर्ष (मंगलवार तथा गुरुवार) तक लंबी अवधि के बॉन्ड तक खरीद सकते हैं।
निवेशकों को अपनी पसंद की प्रतिभूति चुनने के बाद बोली लगाने की जरूरत है। बोली न्यूनतम 10,000 रुपये से लेकर अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक विस्तृत होती है। एक बार बोली स्वीकार होने के बाद, प्रतिभूति निवेशक के डीमैट खाते में दो दिनों के भीतर आ जाती है और भविष्य में ब्याज आय भी उसी खाते में जमा की जाती है।
जी-सेक पर ब्याज आय और पूंजीगत लाभ दोनों घटक कर योग्य हैं। ब्याज से आय पर मामूली दर से टैक्स लगता है, वहीं कैपिटल गेन टैक्स 10% की दर से लगता है।
जी-सेक में खुदरा भागीदारी की अनुमति केवल सेबी द्वारा एक्सचेंजों को गैर प्रतिस्पर्धी बोली-प्रक्रिया प्लेटफार्म स्थापित करने की अनुमति दिए जाने के बाद ही मिली थी। आरबीआई ने 2016-17 के केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा की थी।
आरबीआई जी-सेक और टी-बिल की साप्ताहिक नीलामी की सुविधा प्रदान करता है। जहां गैर-प्रतिस्पर्धी बोली योजना के अंतर्गत निवेशकों के लिए अधिसूचित राशि का 5% उपलब्ध होता है।
ऐसे समय में जब देश डिजिटल भुगतान में वृद्धि का गवाह बन रहा है, एनएसई गोबिड एप समावेशी वित्तीय विकास के लिए एक और मील का पत्थर स्थापित कर रहा है। यह ऐप बैंकों और ब्रोकिंग एजेंसियों समेत किसी भी एनएसई के व्यापारिक सदस्य के साथ सभी पंजीकृत निवेशकों के लिए उपलब्ध होगा।
इस कदम से नए खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने की उम्मीद है। निवेशक इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से अपने बैंक खातों का उपयोग करके सीधे भुगतान कर पाएंगे।
सेबी नियमित रूप से ऐप के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी तथा सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए एक्सचेंजों के साथ समन्वय करेगी।