रिटेल डायरेक्ट स्कीम: अर्थ, पात्रता, रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता कैसे खोलें, फीस और चार्जेज

अगर कोई निवेशक सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदना-बेचना चाहे तो उसे डेट म्युचुअल फंड का सहारा लेना होता है। लेकिन, बहुत से निवेशक सरकारी प्रतिभूतियों को सीधे खरीदना और बेचना चाहते हैं। आरबीआई ने खुदरा निवेशकों की इसी इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है। उसने रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए दिशा-निर्देश जारी कर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोलकर आप सरकारी प्रतिभूतियों को खुद से खरीद और बेच सकते हैं।

रिटेल डायरेक्ट स्कीम

किसी भी खुदरा निवेशक को जुलाई 2021 से पहले सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए डेट म्युचुअल फंड का सहारा लेना होता था। इसके जरिये निवेश करने पर प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का नियंत्रण फंड मैनेजर के पास रहता है। निवेशकों का ऐसे में अपने पोर्टफोलियो पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है। लेकिन, 12 जुलाई 2021 को आरबीआई ने रिटेल डायरेक्ट स्कीम के दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जो खुदरा निवेशकों को आरबीआई के साथ गिल्ट खाते खोलने की अनुमति देते हैं।

खुदरा निवेशक इन खातों का उपयोग सीधे सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए कर सकते हैं। किसी भी निवेशक को अब किसी भी समय अपनी इच्छित प्रतिभूतियों को खरीदने का विकल्प होगा। आपके पास अपनी प्रतिभूतियों को किसी भी समय बेचने का विकल्प भी होगा। इस लेख में रिटेल डायरेक्ट स्कीम, इसकी विशेषताओं और कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग सीधे सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए कैसे कर सकता है, के बारे में जानकारी दी गई है।

रिटेल डायरेक्ट स्कीम क्या है?

रिटेल डायरेक्ट स्कीम एक व्यापक योजना है जो एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करती है। 

इसके जरिये कोई भी निवेशक निम्नलिखित काम कर सकता है:

  • रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोल सकत् है और जारी रख सकता है 
  • आरडीजी खाते का उपयोग करके प्राथमिक बाजार के जरिये सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकता है
  • आरडीजी खाते का उपयोग करते हुए द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीद और बेच सकता है।

एनडीएस-ओएम द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में व्यापार के लिए आरबीआई की स्क्रीन-आधारित, अनाम इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर मिलान प्रणाली है

सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा निवेशक निवेश कर सकते हैं

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता रहने पर कोई भी खुदरा निवेशक विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकता है जैसे:

  • भारत सरकार के ट्रेजरी बिल (टी-बिल)
  • भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियां (कोई भी दिनांकित प्रतिभूति एक सरकारी प्रतिभूति है, आमतौर पर इसकी अवधि 5 से 40 वर्ष तक की होती है)
  • सॉवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी)
  • राज्य विकास ऋण (विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियां)

संबंधित: सरकारी बॉन्ड में निवेश के लिए डमी गाइड या आरडीजी खाता खोलने के लिए सरकारी प्रतिभूति पात्रता मानदंड  

रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत आरडीजी खाता खोलने के लिए खुदरा निवेशक पंजीकरण कर सकते हैं, इसके लिए उनके पास निम्नलिखित होने चाहिए:

  • भारत में एक बचत बैंक खाता 
  • स्थायी खाता संख्या (पैन)
  • केवाईसी (आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता कार्ड, आदि) के लिए कोई भी आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी)
  • वैध ईमेल आईडी 
  • पंजीकृत मोबाइल नंबर 

खुदरा निवेशक अकेले या संयुक्त रूप से आरडीजी खाता खोल सकते हैं। 

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोलना 

कोई भी खुदरा निवेशक आरडीजी खाता खोलने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकता है:

  • पंजीकरण फॉर्म भरकर ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करें।
  • पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त होगा। फॉर्म को प्रमाणित और जमा करने के लिए ओटीपी का उपयोग करें।
  • पंजीकरण के समय आवेदक को केवाईसी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
  • सफल पंजीकरण पर, आरडीजी खाता खोला जाएगा, और ऑनलाइन पोर्टल एक्सेस विवरण उपयोगकर्ता को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा। 

जैसा कि पहले चर्चा की गई है, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खुदरा निवेशकों को प्राथमिक और द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों में भाग लेने की सुविधा देता है।

 प्राथमिक बाजार भागीदारी 

कोई भी खुदरा निवेशक प्राथमिक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों और एसजीबी  में निम्नलिखित तरीके से निवेश कर सकता है:

  • निवेशक को प्रतिभूतियों के लिए बोली जमा करनी होगी।
  • प्रतिभूतियों के लिए भुगतान या तो नेटबैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से लिंक किए गए बैंक खाते से किया जा सकता है।
  • पोर्टल पर बोलियां जमा करते समय राशि डेबिट कर दी जाएगी।
  • आबंटित प्रतिभूतियों को निपटान के दिन निवेशक के आरडीजी खाते में जमा किया जाएगा। 

द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री 

यदि कोई खुदरा निवेशक पहले से जारी सरकारी प्रतिभूति खरीदना चाहता है, तो वह द्वितीयक बाजार के माध्यम से ऐसा कर सकता है। कोई भी पंजीकृत निवेशक आरबीआई की एनडीएस-ओएम प्रणाली के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए द्वितीयक बाजार तक पहुंच सकता है।

  1. द्वितीयक बाजार से प्रतिभूतियों की खरीद: किसी भी निवेशक को प्रतिभूतियों के लिए 'खरीद' आदेश देना होगा और भुगतान करना होगा। खरीदी गई प्रतिभूतियों को निपटान के दिन निवेशक के आरडीजी खाते में जमा किया जाएगा। 
  2. द्वितीयक बाजार से प्रतिभूतियों की बिक्री: किसी भी निवेशक को प्रतिभूतियों के लिए 'बिक्री' आदेश देना होगा। आदेश देने के समय प्रतिभूतियों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा। निपटान के दिन, प्रतिभूतियों को डेबिट कर दिया जाएगा और प्रतिभूतियों की बिक्री के खिलाफ भुगतान निवेशक के लिंक किए गए बैंक खाते में जमा किया जाएगा। 

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाते के लिए निवेशक सेवाएं 

प्राथमिक और द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के अलावा, कोई भी निवेशक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निम्नलिखित सेवाओं का लाभ उठा सकता है: 

  • खाता विवरण: कोई भी निवेशक आरडीजी खाते में लॉग इन करके लेनदेन इतिहास और प्रतिभूतियों की होल्डिंग पता कर सकता है। निवेशक को सभी लेनदेन अलर्ट एसएमएस और ईमेल के माध्यम से प्राप्त होंगे। 
  • नामांकन सुविधा: कोई भी निवेशक नामांकन फॉर्म को निर्धारित प्रारूप में भर सकता है, उस पर विधिवत हस्ताक्षर कर उसे अपलोड कर सकता है। अधिकतम दो नॉमिनी नियुक्त किए जा सकते हैं। पंजीकृत निवेशक की मृत्यु की स्थिति में, आरडीजी खाते में उपलब्ध प्रतिभूतियों को मृत्यु प्रमाण पत्र और ट्रांसमिशन फॉर्म जमा करने पर नामांकित व्यक्ति के आरडीजी खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है। 
  • गिरवी/ग्रहणाधिकार: आरडीजी खाते में रखी गई प्रतिभूतियां गिरवी/ग्रहणाधिकार के लिए उपलब्ध होंगी। प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर ऋण ले सकते हैं।
  • उपहार लेनदेन: कोई भी खुदरा डायरेक्ट निवेशक के पास अन्य खुदरा डायरेक्ट निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों को उपहार में देने की ऑनलाइन सुविधा होगी। 
  • शिकायत निवारण: यदि किसी निवेशक के पास रिटेल डायरेक्ट स्कीम से संबंधित कोई प्रश्न या शिकायत है, तो वे इसे पोर्टल पर उठा सकते हैं। प्रश्न/शिकायत को आरबीआई के सार्वजनिक ऋण कार्यालय (पीडीओ) द्वारा नियंत्रित/समाधान किया जाएगा।

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) खाते की फीस और चार्जेज 

प्लेटफॉर्म पर किए गए किसी भी लेनदेन के लिए आरबीआई द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आरबीआई के साथ आरडीजी खाता खोलने और बनाए रखने के लिए कोई शुल्क नहीं होगा। यानी खाता मुफ्त खुलेगा। इसके अलावा, कोई वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं है। प्राथमिक निर्गम के समय प्रतिभूतियों की खरीद के लिए बोलियां जमा करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, निवेशक को पेमेंट गेटवे शुल्क, यदि कोई हो, तो वहन करना होगा। 

आखिरी शब्द 

लेख की शुरुआत में, हमने बताया कि कैसे सरकारी प्रतिभूति बाजार में भाग लेने का एक तरीका है डेट म्युचुअल फंड।यदि आप यह तरीका अपनाते हैं, तो फंड मैनेजर प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री करता है, और इसमें आपकी कोई हिस्सेदारी नहीं होती है। लेकिन, रिटेल डायरेक्ट स्कीम की शुरुआत के साथ अब आप आरबीआई के साथ आरडीजी खाता खोल सकते हैं और किसी भी समय सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद/बिक्री कर सकते हैं। संक्षेप में, यदि आपके पास रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता है, तो आप हमेशा अपने सरकारी प्रतिभूतियों के पोर्टफोलियो को अपने पूर्ण नियंत्रण में रख पाएंगे। 

किसी भी खुदरा निवेशक को जुलाई 2021 से पहले सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए डेट म्युचुअल फंड का सहारा लेना होता था। इसके जरिये निवेश करने पर प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का नियंत्रण फंड मैनेजर के पास रहता है। निवेशकों का ऐसे में अपने पोर्टफोलियो पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है। लेकिन, 12 जुलाई 2021 को आरबीआई ने रिटेल डायरेक्ट स्कीम के दिशा-निर्देशों की घोषणा की, जो खुदरा निवेशकों को आरबीआई के साथ गिल्ट खाते खोलने की अनुमति देते हैं।

खुदरा निवेशक इन खातों का उपयोग सीधे सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए कर सकते हैं। किसी भी निवेशक को अब किसी भी समय अपनी इच्छित प्रतिभूतियों को खरीदने का विकल्प होगा। आपके पास अपनी प्रतिभूतियों को किसी भी समय बेचने का विकल्प भी होगा। इस लेख में रिटेल डायरेक्ट स्कीम, इसकी विशेषताओं और कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग सीधे सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए कैसे कर सकता है, के बारे में जानकारी दी गई है।

रिटेल डायरेक्ट स्कीम क्या है?

रिटेल डायरेक्ट स्कीम एक व्यापक योजना है जो एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करती है। 

इसके जरिये कोई भी निवेशक निम्नलिखित काम कर सकता है:

  • रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोल सकत् है और जारी रख सकता है 
  • आरडीजी खाते का उपयोग करके प्राथमिक बाजार के जरिये सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकता है
  • आरडीजी खाते का उपयोग करते हुए द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीद और बेच सकता है।

एनडीएस-ओएम द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में व्यापार के लिए आरबीआई की स्क्रीन-आधारित, अनाम इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर मिलान प्रणाली है

सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा निवेशक निवेश कर सकते हैं

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता रहने पर कोई भी खुदरा निवेशक विभिन्न सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकता है जैसे:

  • भारत सरकार के ट्रेजरी बिल (टी-बिल)
  • भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियां (कोई भी दिनांकित प्रतिभूति एक सरकारी प्रतिभूति है, आमतौर पर इसकी अवधि 5 से 40 वर्ष तक की होती है)
  • सॉवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी)
  • राज्य विकास ऋण (विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियां)

संबंधित: सरकारी बॉन्ड में निवेश के लिए डमी गाइड या आरडीजी खाता खोलने के लिए सरकारी प्रतिभूति पात्रता मानदंड  

रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत आरडीजी खाता खोलने के लिए खुदरा निवेशक पंजीकरण कर सकते हैं, इसके लिए उनके पास निम्नलिखित होने चाहिए:

  • भारत में एक बचत बैंक खाता 
  • स्थायी खाता संख्या (पैन)
  • केवाईसी (आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता कार्ड, आदि) के लिए कोई भी आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज (ओवीडी)
  • वैध ईमेल आईडी 
  • पंजीकृत मोबाइल नंबर 

खुदरा निवेशक अकेले या संयुक्त रूप से आरडीजी खाता खोल सकते हैं। 

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाता खोलना 

कोई भी खुदरा निवेशक आरडीजी खाता खोलने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकता है:

  • पंजीकरण फॉर्म भरकर ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करें।
  • पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त होगा। फॉर्म को प्रमाणित और जमा करने के लिए ओटीपी का उपयोग करें।
  • पंजीकरण के समय आवेदक को केवाईसी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
  • सफल पंजीकरण पर, आरडीजी खाता खोला जाएगा, और ऑनलाइन पोर्टल एक्सेस विवरण उपयोगकर्ता को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा। 

जैसा कि पहले चर्चा की गई है, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खुदरा निवेशकों को प्राथमिक और द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों में भाग लेने की सुविधा देता है।

 प्राथमिक बाजार भागीदारी 

कोई भी खुदरा निवेशक प्राथमिक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों और एसजीबी  में निम्नलिखित तरीके से निवेश कर सकता है:

  • निवेशक को प्रतिभूतियों के लिए बोली जमा करनी होगी।
  • प्रतिभूतियों के लिए भुगतान या तो नेटबैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से लिंक किए गए बैंक खाते से किया जा सकता है।
  • पोर्टल पर बोलियां जमा करते समय राशि डेबिट कर दी जाएगी।
  • आबंटित प्रतिभूतियों को निपटान के दिन निवेशक के आरडीजी खाते में जमा किया जाएगा। 

द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री 

यदि कोई खुदरा निवेशक पहले से जारी सरकारी प्रतिभूति खरीदना चाहता है, तो वह द्वितीयक बाजार के माध्यम से ऐसा कर सकता है। कोई भी पंजीकृत निवेशक आरबीआई की एनडीएस-ओएम प्रणाली के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए द्वितीयक बाजार तक पहुंच सकता है।

  1. द्वितीयक बाजार से प्रतिभूतियों की खरीद: किसी भी निवेशक को प्रतिभूतियों के लिए 'खरीद' आदेश देना होगा और भुगतान करना होगा। खरीदी गई प्रतिभूतियों को निपटान के दिन निवेशक के आरडीजी खाते में जमा किया जाएगा। 
  2. द्वितीयक बाजार से प्रतिभूतियों की बिक्री: किसी भी निवेशक को प्रतिभूतियों के लिए 'बिक्री' आदेश देना होगा। आदेश देने के समय प्रतिभूतियों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा। निपटान के दिन, प्रतिभूतियों को डेबिट कर दिया जाएगा और प्रतिभूतियों की बिक्री के खिलाफ भुगतान निवेशक के लिंक किए गए बैंक खाते में जमा किया जाएगा। 

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाते के लिए निवेशक सेवाएं 

प्राथमिक और द्वितीयक बाजार के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के अलावा, कोई भी निवेशक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निम्नलिखित सेवाओं का लाभ उठा सकता है: 

  • खाता विवरण: कोई भी निवेशक आरडीजी खाते में लॉग इन करके लेनदेन इतिहास और प्रतिभूतियों की होल्डिंग पता कर सकता है। निवेशक को सभी लेनदेन अलर्ट एसएमएस और ईमेल के माध्यम से प्राप्त होंगे। 
  • नामांकन सुविधा: कोई भी निवेशक नामांकन फॉर्म को निर्धारित प्रारूप में भर सकता है, उस पर विधिवत हस्ताक्षर कर उसे अपलोड कर सकता है। अधिकतम दो नॉमिनी नियुक्त किए जा सकते हैं। पंजीकृत निवेशक की मृत्यु की स्थिति में, आरडीजी खाते में उपलब्ध प्रतिभूतियों को मृत्यु प्रमाण पत्र और ट्रांसमिशन फॉर्म जमा करने पर नामांकित व्यक्ति के आरडीजी खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है। 
  • गिरवी/ग्रहणाधिकार: आरडीजी खाते में रखी गई प्रतिभूतियां गिरवी/ग्रहणाधिकार के लिए उपलब्ध होंगी। प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर ऋण ले सकते हैं।
  • उपहार लेनदेन: कोई भी खुदरा डायरेक्ट निवेशक के पास अन्य खुदरा डायरेक्ट निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों को उपहार में देने की ऑनलाइन सुविधा होगी। 
  • शिकायत निवारण: यदि किसी निवेशक के पास रिटेल डायरेक्ट स्कीम से संबंधित कोई प्रश्न या शिकायत है, तो वे इसे पोर्टल पर उठा सकते हैं। प्रश्न/शिकायत को आरबीआई के सार्वजनिक ऋण कार्यालय (पीडीओ) द्वारा नियंत्रित/समाधान किया जाएगा।

रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (RDG) खाते की फीस और चार्जेज 

प्लेटफॉर्म पर किए गए किसी भी लेनदेन के लिए आरबीआई द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आरबीआई के साथ आरडीजी खाता खोलने और बनाए रखने के लिए कोई शुल्क नहीं होगा। यानी खाता मुफ्त खुलेगा। इसके अलावा, कोई वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं है। प्राथमिक निर्गम के समय प्रतिभूतियों की खरीद के लिए बोलियां जमा करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, निवेशक को पेमेंट गेटवे शुल्क, यदि कोई हो, तो वहन करना होगा। 

आखिरी शब्द 

लेख की शुरुआत में, हमने बताया कि कैसे सरकारी प्रतिभूति बाजार में भाग लेने का एक तरीका है डेट म्युचुअल फंड।यदि आप यह तरीका अपनाते हैं, तो फंड मैनेजर प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री करता है, और इसमें आपकी कोई हिस्सेदारी नहीं होती है। लेकिन, रिटेल डायरेक्ट स्कीम की शुरुआत के साथ अब आप आरबीआई के साथ आरडीजी खाता खोल सकते हैं और किसी भी समय सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद/बिक्री कर सकते हैं। संक्षेप में, यदि आपके पास रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता है, तो आप हमेशा अपने सरकारी प्रतिभूतियों के पोर्टफोलियो को अपने पूर्ण नियंत्रण में रख पाएंगे। 

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