- Date : 11/02/2021
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नए लॉन्च किए गए फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स जो कम आयकर ब्रैकेट में आने वाले सीनियर सिटीज़न्स या रिटायर्ड लोगों को निवेश का एक अच्छा मौका देते हैं.

भारत सरकार ने 7.15% की ब्याज दर वाले फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स बाज़ार में उतारे हैं जो 1 जुलाई, 2020 से सदस्यता के लिए उपलब्ध हैं. भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, इनकी ब्याज दर हर छह महीने के अंत में रीसेट की जाएगी. गिरते हुए ब्याज दर की स्थिति में, इन बॉन्ड्स ने उन 7.75% टैक्सेबल सेविंग्स बॉन्ड्स की जगह ले ली है जिन्हें कोरोनावायरस के चलते हुई आर्थिक मंदी की वजह से वापस ले लिया गया था.
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स के बारे में ज़्यादा जानकारी नीचे दी जा रही है:
ब्याज दर और भुगतान
ब्याज 1 जनवरी और 1 जुलाई को अर्ध-वार्षिक अंतराल पर दिया जाएगा. पहली जनवरी 2021 को पहली बार और उसके बाद हर छह महीने में ब्याज दर को रीसेट किया जाएगा.
ब्याज दर में परिवर्तन को मौजूदा नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) दर के साथ आंका जाता है और इसे एनएससी द्वारा दी जा रही मौजूदा दर के ऊपर 35 बेसिस पॉइंट्स (0.35%) के तौर पर एडजस्ट किया जाएगा. इस ऐसे समझते हैं, 1 जनवरी 2021 को दी जाने वाली ब्याज दर 6.8% (मौजूदा एनएससी दर) + 0.35% = 7.15% होगी. अगले छमाही (यानी, जुलाई 2021) के लिए ब्याज दर 1 जनवरी 2021 को रीसेट की जाएगी.
इसके बाद दिया जाने वाला ब्याज निवेशक के खाते में जमा हो जाएगा क्योंकि यह चुकाया जाना है और संचयी आधार पर ब्याज का भुगतान करने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है.
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स पर टैक्स चुकाना
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स 2020 पर टैक्स, आपको अपनी आय पर लागू इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से चुकाना होगा. टीडीएस भी लागू होगा.
निवेश की सीमा
हालांकि निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन न्यूनतम निवेश सीमा 1,000 रुपये है. आप इन बॉन्ड्स को 1,000 रुपये के गुणकों (जैसे 1000 x 1, 1000 x 2) में खरीद सकते हैं.
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में निवेश कैसे करें
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स नकद (20,000 रुपये तक), डिमांड ड्राफ्ट, चेक या किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई और एक्सिस बैंक की नामित शाखाओं से ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से देकर खरीदे जा सकते हैं. ये बॉन्ड्स, बॉन्ड लेजर एकाउंट में डीमैटरियलाइज्ड फॉर्मेट में होंगे और निवेशक को इनके लिए एक सर्टिफिकेट इशू किया जाएगा.
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में कौन लोग निवेश कर सकते हैं?
भारत में रहने वाले नागरिक (जॉइंट होल्डिंग्स के साथ) और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) इन फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, एनआरआई को इनमें निवेश करने की इजाज़त नहीं है.
टेन्योर और रिडेम्पशन
इन बॉन्ड्स का टेन्योर 7 वर्ष है. हालांकि, कुछ ख़ास मामलों में, कुछ विशिष्ट मामलों में सीनियर सिटीज़न्स समय से पहले भी रिडेम्पशन का फ़ायदा उठा सकते हैं. 60-70 आयु वर्ग के निवेशक तय वर्षों के बाद उन्हें रेडीम कर सकते हैं. 70-80 आयु वर्ग के निवेशक 5 साल के बाद उन्हें रेडीम कर सकते हैं और 80 से अधिक लोग 4 साल बाद ऐसा कर सकते हैं. हालांकि, इन्हें निकालने पर मामूली पेनल्टी लगती है.
फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स को सीनियर सिटीज़न्स एक आकर्षक निवेश विकल्प क्यों मानते हैं?
ज़ीरो क्रेडिट रिस्क और बहुत कम निवेश राशि के साथ, सीनियर सिटीज़न्स के लिए फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स एक अच्छा दांव साबित हो सकते हैं. साथ ही, ये एक जोखिम-मुक्त निवेश साधन भी हैं जो अच्छा रिटर्न देते हैं.
इन बॉन्डों की गैर-संचयी, अर्ध-वार्षिक ब्याज भुगतान सुविधा इस बात को पक्का करती है कि सीनियर सिटीज़न्स को अपने रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पैसे नियमित तौर पर मिलते रहें. ख़ास तौर पर, जो सीनियर सिटीज़न्स निचले टैक्स ब्रैकेट में हैं और अपना पैसा निवेश करने के विकल्प तलाश रहे हैं वे भी फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.
कोरोना महामारी के कारण हुई मंदी से निपटने के लिए, सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है, ताकि अर्थव्यवस्था में जान फूंकी जा सके. इसके चलते, महंगाई बढ़ने की भी उम्मीद है. अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो इन फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स पर ब्याज की बढ़ी हुई दर का फ़ायदा सीनियर सिटीज़न्स को भी मिलेगा.
और आखिर में
हर निवेश के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. किसी भी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने से पहले अपने आर्थिक लक्ष्यों, जोखिम लेने की क्षमता और रिटायरमेंट की ज़रूरतों का मूल्यांकन करें.