- Date : 11/06/2021
- Read: 6 mins
- Read in English: What you must keep in mind when investing in pharma stocks?
यदि फार्मास्यूटिकल सेक्टर का प्रदर्शन एक निवेशक के रूप में आपको रोमांचित करता है, तो आपको उससे जुड़े खतरे का आकलन भी करना चाहिए।

भारत के नामचीन निवेशक राकेश झुंझुनवाला कहते हैं कि वे भारत के फार्मा सेक्टर को लेकर काफी “आशावान” हैं, जो उनकी नजर में काफी बदलाव झेल रहा है। वे कहते हैं, “भारत पहले से ही – और आगे भी – दुनिया का फार्मा राजधानी बना रहेगा।” “नॉलेज इंडस्ट्रीज निर्मित करना आसान नहीं है। मुझे...फार्मा पर काफी उम्मीद है।”
झुनझुनवाला जैसे करियर निवेशक फार्मा सेक्टर पर एक दीर्घकालिक नजरिया रखते हैं। और वर्तमान का आम नजरिया यह है कि इस सेक्टर ने वर्षों तक दबाव झेलने के बाद दीर्घकालिक बुल मार्केट में प्रवेश किया है। यदि एक निवेशक के रूप में यह आपको रोमांचित करता है, तो आपको उससे जुड़े खतरे का आकलन भी करना चाहिए।
आइए इससे जुड़े तमाम मुद्दों पर विचार करते हैं।
एक वृहत दृष्टिकोण
इस महामारी ने सरकार को सार्वजनिक हेल्थकेयर पर होने वाले खर्च में इजाफा करने के लिए मजबूर कर दिया है। नवीनतम केंद्रीय बजट में, संशोधित अनुमानित व्यय की तुलना में स्वास्थ्य सेवा के लिए 1118% का आवंटन किया गया।
2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा पर राष्ट्रीय व्यय जीडीपी का 2.5% अनुमानित है, जो वर्तमान से 1.15% से अधिक है। और तो और, वर्ष 2023 तक ड्रग कंपनियों द्वारा देशी रूप से घटक तत्त्वों के उत्पादन के लिए लगभग 1 लाख करोड़ ($1.3 बिलियन) फंड की योजना है।
स्थानीय विनिर्माण लागत दुनिया में काफी कम है। साथ भी भारत दुनिया भर में जेनरिक दवाइयों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जो वैश्विक निर्यात मात्रा का 20%-22% निर्मित करता है, जबकि यूएस की जेनरिक मांग 40% है और यूके की सारी दवाइयों की 25% है। उम्मीद है कि भारत का फार्मा सेक्टर 2025 तक $100 बिलियन तक फैल जाएगा।
विश्लेषकों ने गौर किया है कि पैटेंट का एक्सपायरी $45 बिलियन का है, जहां अगले तीन वर्षों में स्थानीय ड्रग निर्माताओं की भागीदारी होगी। बीओएफए सिक्योरिटीज सेक्टरगत नोट के मुताबिक, “लगभग 70 ड्रगों में, हम 35 एक्सपायरीज को समय पर मंजूरी, लॉन्च और मार्केट हिस्सेदारी कार्यान्वयन के लिहाज से इस सेक्टर के लिए अच्छा मानते हैं।”
दूसरे शब्दों में, भारतीय फार्मा कंपनियां ज्यादा जेनरिक ड्रग बनाएंगी, जो इसका किला-क्षेत्र है।
इससे जुड़ी बातें: कोविड-19 का परिणाम: कौन सा सेक्टर संघर्ष करेगा और कौन नहीं
एकाधिक संवर्धन
हाल के समय में कई तिमाहियों से भारत के फार्मास्यूटिकल सेक्टर को बढ़ावा मिला है। सबसे पहले, महामारी ने चीन की आपूर्ति-श्रृंखला बाधित कर दी है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बढ़ावा मिला। दूसरा, अपने प्लांटों में अमेरिकी गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने के कारण अमेरिका ने कुछ भारतीय फार्मा कंपनियों के ऊपर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया।
तीसरा, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध ने अपना ध्यान भारत की ओर लगा दिया है। चौता, भारत के फार्मा सेक्टर को घरेलू लॉकडाउन का सामना करना पड़ा; जो फिच रेटिंग्स के मुताबिक “समुचित इंवेंटरी” के कारण था। पांचवां, इस महामारी ने कुछ ड्रगों की मांग में वृद्धि की।
इन सभी कारकों से निफ़्टी फार्मा इंडेक्स में 60% उछाल आया, जो 2003 से सबसे अच्छा वार्षिक रिटर्न है- जिससे यह 2020 में टॉप सेक्टोरल परफॉर्मर बन गया।
एक नोट में बीओएफए सिक्योरिटीज ने कहा कि यह अब अमेरिका और यूएसएफडीए नियामक जोखिमों में कीमत में कमी की उम्मीद करता है - जो 2021 में कम रहने के लिए - अहम सेक्टर व्यवधान हैं। निर्यातों में वृद्धि करने के साथ, अगले पांच सालों में घरेलू बिक्री में भी 9%-12% के इजाफा की उम्मीद है।
घरेलू वित्तीय संस्थानों ने अब फार्मा सेक्टर के लिए अपने वाई-ओ-वाई आवंटन में 200% और घरेलो संस्थानों ने 120% तक का इजाफा किया।
इससे जुड़ी बातें: वैश्विक महामारी के दौरान आपको कौन से निवेश निर्णय लेने चाहिए?
फार्मा से जुड़े जोखिम
निवेशक समुदाय के मनोभाव का आकलन करते हुए, एलिक्सिर इक्विटीज के संस्थापक-निदेशक दिपेन मेहता द इकोनॉमिक टाइम्स में लिखते हैं: “संपूर्ण [दलाल] स्ट्रीट फार्मा को लेकर सकारात्मक है”।
और हों भी क्यों न? पांच फार्मा स्टॉक्स ने एक साल में दुगना से ज्यादा निवेश किया, जहां अजंता फार्मा ने 51.7% का रिटर्न लिया, जो औसत 27.89% रिटर्न देने वाली टॉप 15 कंपनियों में सबसे ऊपर रहा।
हालांकि उसी अख़बार में एमएसएस सिक्योरिटीज डाइरेक्टर अजित आर संघवी ने लिखा कि पांच वर्ष का पांच वर्ष का संचित रिटर्न ज्यादातर मामलों में एक वर्ष के रिटर्न से कम था।
इसका अर्थ यह है कि जीवन काल में आई ऐसी एक महामारी ने फार्मा सेक्टर के आकर्षण को वापस ला दिया है। हालांकि, लंबे समय में देखें तो यह चमक फीकी पड़ जाएगी। जैसा कि वैल्यू रिसर्च विश्लेषण दिखाता है, फार्मा स्टॉक्स को 2020 (दिसम्बर 2020) की अंतिम तिमाही में कई अन्य सेक्टरों ने पीछे छोड़ दिया था।
विश्लेषक इस बात की भी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि आप इक्विटी मार्केट में सतही तौर से दिलचस्पी ले रहे हैं, तो जबतक किसी ख़ास सेक्टर के बारे में आपको अच्छी जानकारी न हो, वह जोखिम भरा हो सकता है।
विशेषकर यह फार्मा के लिए सही है; यह अभी भी एक परिवर्तनशील सेक्टर है और ऊंचे रिटर्न की हमेशा उम्मीद नहीं है। उदाहरण के लिए, यूएसएफडीए प्रतिबंधों का खतरा हमेशा बना रहेगा; यदि आपने कंपनी में निवेश किया है, तो क्या होगा?
इसके अलावा, इस वर्ष के स्वास्थ्य के लिए आवंटन में बजट वृद्धि वास्तव में कोविड-19 वैक्सीनेशन और पानी और सैनिटाइजेशन के लिए ग्रांट के कारण से है; वास्तव में फार्मा सेक्टर के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।
इससे जुड़ी बातें: 9 वर्क-फ़्रॉम-होम स्टॉक्स जिसने महामारी के दौरान जबर्दस्त प्रदर्शन किया
अंतिम शब्द
निश्चित रूप से, फार्मा सेक्टर के मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए, यह दीर्घकालिक संभावना पैदा करता है, जिसके लिए सरकार की आगामी योजनाओं और यूएस की मदद को श्रेय जाता है, इसलिए इसकी अनदेखी करने का कोई मतलब नहीं है। उस स्थिति में, आप अपने पैसे को सीधा स्टॉक्स में लगाने के बजाए अपने पोर्टफोलियों का 5%-10% फार्मा फंडों में लगाने पर विचार कर सकते हैं।
इसके कई लाभ हैं। सबसे पहले, जैसा कि यह सेक्टर अभी दिख रहा है, यदि ऐसा ही आगे भी दिखे, तो मार्केट कैपिटलाइजेशन में फार्मा स्टॉक्स में इन फंडों का निवेश बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में आपको अधिक रिटर्न हासिल करने का मौका देता है। यह आपके रिस्क एक्सपोजर को भी घटाता है।
दूसरा, आप पेशेवर फंड मैनेजरों की सेवाएं हासिल करते हैं। तीसरा, यह आपके पोर्टफोलियों में विविधता लाता है। साथ ही, यदि आप एसआइपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) रूट लेते हैं, तो आप अपने निवेश को एक अवधि में फैलाएंगे। और अंत में, इसमें टैक्स ब्रेक्स भी हैं।
हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि जोखिम तो बना रहेगा। साथ ही, आप संबंधित एएमसी तथा फंड मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड से भी संतुष्ट हो लें। इन्हें देखें 4 स्मार्ट धन गतिविधियां जो आपको 2021 में करनी चाहिए।