- Date : 18/04/2023
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Phishing Attacks: फिशिंग एक तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें भरोसेमंद सोर्स का बहाना बनाकर लोगों को पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी हासिल की जाती है और फिर बैंक से पैसे निकाल लिए जाते हैं। फिशिंग ईमेल, सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइट्स के जरिये की जाती है।

Phishing Attacks: फिशिंग हमलों, यानी ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में साल 2021 की तुलना में 2022 में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। खास तौर पर एजुकेशन सेक्टर में इसके जरिये काफी धोखाधड़ी की गई और यहां फिशिंग अटैक्स में 576 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल के दिनों में चैटजीपीटी और फिशिंक किट जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से हैकर्स को काफी आसानी हुई है।
मंगलवार को क्लाउड सिक्यॉरिटी लीडर जेडस्केलर ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकारों में फाइनैंस और गवर्नमेंट्स भी हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा और रूस में सबसे ज्यादा फिशिंग अटैक्स हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप टारगेट ब्रैंड्स में माइक्रोसॉफ्ट, बायनेंस, नेटफ्लिक्स, फेसबुक और अडोबी शामिल हैं। जस्केलर के ग्लोबल सीआईएसओ और सिक्यॉरिटी चीफ दीपेन देसाई का कहना है कि खतरनाक फिशिंग किट और एआई टूल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ज्यादा प्रभावी ई-मेल, एसएमआईशिंग और विशिंग कैंपेन शुरू करने के लिए कर रहे हैं।
चैटजीपीटी और फिशिंग किट जैसे एआई टूल ने फिशिंग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपराधियों के लिए प्रवेश की तकनीकी बाधाओं को कम किया है और उनका समय और संसाधन बचाया है। विशिंग या वॉयसमेल-थीम वाले फिशिंग कैंपेन, एसएमएस या एसएमआईशिंग अटैक्स से विकसित हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लिंक्डइन और अन्य नौकरी भर्ती साइटों पर भर्ती घोटाले भी बढ़ रहे हैं।
यहां बता दें कि फिशिंग ऐसे मेसेज भेजकर काम करती है, जो किसी वैध कंपनी या वेबसाइट के दिखते हैं। फिशिंग मैसेज में आमतौर पर एक लिंक होता है, जो यूजर्स को वास्तविक जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट पर ले जाता है। यूजर्स को तब पर्सनल जानकारी देने के लिए कहा जाता है, जैसे कि उनका क्रेडिट कार्ड नंबर। इस जानकारी का उपयोग तब व्यक्ति की पहचान चुराने या उनके क्रेडिट कार्ड पर धोखाधड़ी करने के लिए किया जाता है।
Phishing Attacks: फिशिंग हमलों, यानी ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में साल 2021 की तुलना में 2022 में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। खास तौर पर एजुकेशन सेक्टर में इसके जरिये काफी धोखाधड़ी की गई और यहां फिशिंग अटैक्स में 576 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल के दिनों में चैटजीपीटी और फिशिंक किट जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से हैकर्स को काफी आसानी हुई है।
मंगलवार को क्लाउड सिक्यॉरिटी लीडर जेडस्केलर ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकारों में फाइनैंस और गवर्नमेंट्स भी हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा और रूस में सबसे ज्यादा फिशिंग अटैक्स हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप टारगेट ब्रैंड्स में माइक्रोसॉफ्ट, बायनेंस, नेटफ्लिक्स, फेसबुक और अडोबी शामिल हैं। जस्केलर के ग्लोबल सीआईएसओ और सिक्यॉरिटी चीफ दीपेन देसाई का कहना है कि खतरनाक फिशिंग किट और एआई टूल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ज्यादा प्रभावी ई-मेल, एसएमआईशिंग और विशिंग कैंपेन शुरू करने के लिए कर रहे हैं।
चैटजीपीटी और फिशिंग किट जैसे एआई टूल ने फिशिंग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपराधियों के लिए प्रवेश की तकनीकी बाधाओं को कम किया है और उनका समय और संसाधन बचाया है। विशिंग या वॉयसमेल-थीम वाले फिशिंग कैंपेन, एसएमएस या एसएमआईशिंग अटैक्स से विकसित हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लिंक्डइन और अन्य नौकरी भर्ती साइटों पर भर्ती घोटाले भी बढ़ रहे हैं।
यहां बता दें कि फिशिंग ऐसे मेसेज भेजकर काम करती है, जो किसी वैध कंपनी या वेबसाइट के दिखते हैं। फिशिंग मैसेज में आमतौर पर एक लिंक होता है, जो यूजर्स को वास्तविक जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट पर ले जाता है। यूजर्स को तब पर्सनल जानकारी देने के लिए कहा जाता है, जैसे कि उनका क्रेडिट कार्ड नंबर। इस जानकारी का उपयोग तब व्यक्ति की पहचान चुराने या उनके क्रेडिट कार्ड पर धोखाधड़ी करने के लिए किया जाता है।