- Date : 26/03/2023
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Hindenburg Adani Crisis: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इकोनॉमिक अडवाइजर संजीव सान्याल ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप में पैदा हुए संकट को लेकर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर कुछ जरूरी बातें कहीं हैं।

Hindenburg Adani Crisis: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि मोदी प्रशासन ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग के साथ अडानी समूह के विवाद में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं और कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने न्यूयॉर्क में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मोदी सरकार ने कहीं भी हस्तक्षेप नहीं किया है। हमारे सिस्टम में किसी को भी बचाने की जरूरत नहीं है।
संजीव सान्याल ने कहा कि देश के सबसे बड़े फाइनैंसर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन (LIC) से अडानी समूह की कंपनियों का एक्सपोजर बहुत कम है। ऐसे में दोनों में से किसी भी कंपनी के सामने किसी प्रकार का संकट नहीं है। आपको बता दें कि धोखाधड़ी और बाजार में हेरफेर का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। बिकवाली ने अडानी ग्रुप के बाजार मूल्य से 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का सफाया कर दिया है। हालांकि, एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है।
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन का अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए ऋण जोखिम 6,180 करोड़ (755 मिलियन डॉलर), जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लिए लगभग 27,000 करोड़ रुपये है। संजीव सान्याल ने कहा कि हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि बाजार ट्रांसपैरेंट, लिक्विड और फंक्शनल रहे, ऐसे में हम हस्तक्षेप नहीं करते। हमें बस पारदर्शिता और व्यवस्थित बाजार की परवाह हैं। अगर यह मेंटेन है तो प्राइस में उतार-चढ़ाव होता रहता है। सान्याल ने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक पतन का भारत के स्टार्टअप्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Hindenburg Adani Crisis: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि मोदी प्रशासन ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग के साथ अडानी समूह के विवाद में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं और कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने न्यूयॉर्क में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मोदी सरकार ने कहीं भी हस्तक्षेप नहीं किया है। हमारे सिस्टम में किसी को भी बचाने की जरूरत नहीं है।
संजीव सान्याल ने कहा कि देश के सबसे बड़े फाइनैंसर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन (LIC) से अडानी समूह की कंपनियों का एक्सपोजर बहुत कम है। ऐसे में दोनों में से किसी भी कंपनी के सामने किसी प्रकार का संकट नहीं है। आपको बता दें कि धोखाधड़ी और बाजार में हेरफेर का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। बिकवाली ने अडानी ग्रुप के बाजार मूल्य से 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का सफाया कर दिया है। हालांकि, एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है।
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन का अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए ऋण जोखिम 6,180 करोड़ (755 मिलियन डॉलर), जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लिए लगभग 27,000 करोड़ रुपये है। संजीव सान्याल ने कहा कि हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि बाजार ट्रांसपैरेंट, लिक्विड और फंक्शनल रहे, ऐसे में हम हस्तक्षेप नहीं करते। हमें बस पारदर्शिता और व्यवस्थित बाजार की परवाह हैं। अगर यह मेंटेन है तो प्राइस में उतार-चढ़ाव होता रहता है। सान्याल ने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक पतन का भारत के स्टार्टअप्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।