- Date : 09/12/2021
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होम लोन आपकी अभी की जरूरत है, जबकि पीएफ(PF) बैलेंस आपकी रिटायरमेंट की जरूरत है। यह कैसे तय करें कि आपको अपने रिटायरमेंट के लाभ का एक हिस्सा आपकी घर खरीदने की वर्तमान जरूरत की तरफ डालना चाहिए या नहीं?

किसी भी व्यक्ति के लिए घर खरीदना सबसे बड़ा सपना होता है। कई लोगों के लिए यह एक भावनात्मक निर्णय होता है, लेकिन इसके अपने बहुत बड़े वित्तीय प्रभाव भी होते है। इसकी शुरुआत होती है होम लोन के लिए डाउन पेमेंट की व्यवस्था करने से। यदि आपका घर खरीदने का निर्णय कुछ साल दूर है, तो आप व्यवस्थित तरीके से डाउन पेमेंट जमा कर सकते हैं। लेकिन आपको कोई अच्छी डील मिल रही है और आपको तुरंत पैसे की जरूरत है, तो आप अभी के लिए अपने निवेश में से निकाल सकते और बाद में उसकी पूर्ति कर सकते हैं।
एक निवेश जिस पर आप निर्भर रह सकते हैं वह है कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)। इस लेख में होम लोन डाउन पेमेंट के लिए ईपीएफ(EPF) से पैसे निकालने के फायदे और नुकसान पर चर्चा की जाएगी।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) क्या है?
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम है जिसे सरकार की ओर से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पेश करता है। ईपीएफ(EPF) स्कीम के अंतर्गत, नियोक्ता कर्मचारी के मासिक वेतन में एक निश्चित प्रतिशत (वर्तमान में मूल वेतन और डीए(DA) का 12%) की कटौती करता है और उसे ईपीएफओ(EPFO) में जमा कराता है। नियोक्ता भी कर्मचारी ईपीएफ(EPF) अकाउंट में उसी के बराबर योगदान देता है। सभी सदस्यों से जमा की गयी राशि को ईपीएफओ(EPFO) निवेश करता है और उन्हें वार्षिक ब्याज का भुगतान करता है। रिटायरमेंट होने पर, कर्मचारी को जमा की गयी राशि ब्याज के साथ मिल जाती है।
ईपीएफ(EPF) पर आयकर लाभ
कोई भी कर्मचारी अपने कर योग्य आय में से वार्षिक योगदान को आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत कटौती के लिए दावा कर सकता है। एक वित्तीय वर्ष में, अधिकतम रु. 1,50,000 या जो भी वार्षिक राशि जमा की हो, उसमें से जो भी कम हो, उसकी छूट के लिए दावा कर सकते हैं। पांच साल तक निरंतर चलने के बाद ईपीएफ(EPF) से पैसे निकालने पर कोई कर नहीं लगता है।
घर की जरूरतों के लिए EPF से पैसा निकालना
कर्मचारी अपने ईपीएफ(EPF) अकाउंट में हर महीने योगदान देता है, लेकिन वे किसी खास उद्देश्य के लिए कुछ नियम और शर्तों के अनुसार आंशिक रूप से निकाल भी सकते हैं। ईपीएफओ(EPFO) ने घर की जरूरत को पूरा करने के लिए ‘पीएफ(PF) सदस्यों के लिए ईपीएफओ(EPFO) हाउसिंग स्कीम’ शुरू की है जिसमें सदस्यों को उनके ईपीएफ(EPF) अकाउंट से राशि निकालने की सुविधा दी जाती है। आइए इस स्कीम की खास विशेषताओं को देखते हैं:
- घर खरीदने/ बनाने के लिए पैसा निकाला जा सकता है, इसमें प्लॉट खरीदना भी शामिल है।
- सदस्य, सरकार से हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत किसी हाउसिंग एजेन्सी से, या किसी प्रमोटर/ बिल्डर से घर खरीद सकते हैं।
- ईपीएफ(EPF) सदस्य पीएफ(PF) अकाउंट का 90% तक निकालने के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
- सिर्फ एक बार पैसे निकालने की अनुमति होगी।
- व्यक्ति कम से कम 3 साल के लिए ईपीएफ(EPF) सदस्य होना चाहिए, और अकाउंट में कम से कम रु. 20,000 होने चाहिए।
- ईपीएफ(EPF) सदस्य को एक रजिस्टर्ड सोसायटी का सदस्य होना चाहिए जिसमें कम से कम 10 या ज्यादा सदस्य हों।
- एक बार में निकालने के अलावा, सदस्य मासिक ईपीएफ(EPF) में योगदान से होम लोन के पूरे या आंशिक भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं।
- लोन को वापस करने के लिए ईपीएफ(EPF) सदस्य ईपीएफ(EPF) अकाउंट से ईएमआई(EMI) की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
क्या आपको होम लोन डाउन पेमेंट के लिए ईपीएफ(EPF) के पैसे का इस्तेमाल करना चाहिए?
होम लोन डाउन पेमेंट के लिए ईपीएफ(EPF) के पैसे का इस्तेमाल करने से पहले, आपको इस निर्णय के फायदे और नुकसान के बारे में सोचना चाहिए। आइए पहले फायदे देखते हैं:
- आसान उपलब्धता: ईपीएफ(EPF) का पैसा आपका अपना पैसा है जो खास उद्देश्य के लिए आपको किसी भी समय आसानी से उपलब्ध हो जाता है (योग्यता के मानदंडों के अनुसार)। आपको इस पैसे पर कोई ब्याज नहीं देना होता है। आपको इस पैसे को वापस लौटाने की भी कोई जरूरत नहीं होती।
- यदि छोटी जरूरत हो तो अंतर को आसानी से भर देता है: ऐसी स्थिति हो सकती है कि आपको जितने पैसे की जरूरत है उसका एक बड़ा भाग आप जमा कर चुके हों, और जो कम पड़ रहा हो वह छोटी सी धनराशि हो। इस मामले में, छोटे से अंतर को भरने के लिए आप अपने ईपीएफ(EPF) अकाउंट पर निर्भर कर सकते हैं।
होम लोन डाउन पेमेंट के लिए ईपीएफ(EPF) के पैसे को इस्तेमाल करने के कुछ नुकसान भी हैं:
- रिटायरमेंट के कोर्पस में कमी: आप जितना पैसा निकालेंगे आपका रिटायरमेंट कॉपर्स उतना ही कम हो जाएगा। भविष्य में कम्पाउंडिंग शेष राशि पर होती है, इसलिए बैलेंस कम हो जाने के कारण कम्पाउंडिंग प्रभाव कम हो जाएगा। यदि आपने होम लोन डाउन पेमेंट के लिए ईपीएफ(EPF) से पैसा निकाला तो उसके प्रभाव से आप आपने रिटायरमेंट फंड के लक्ष्य से पीछे रह जाएंगे।
- विकल्प लागत: यदि आप अपने ईपीएफ(EPF) बैलेन्स पर जो ब्याज कमा रहे हैं वह आपके होम लोन पर लगने वाले ब्याज से ज्यादा है तो ईपीएफ(EPF) से पैसा निकालना कोई अच्छा आर्थिक निर्णय नहीं है। उदाहरण के लिए, पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में, ईपीएफ(EPF) पर मिलने वाली ब्याज दर 8.5% वार्षिक थी। सितंबर 2021 तक, अनेक बैंक और एनबीएफसी(NBFCs) 6.5%–7.0% वार्षिक की दर पर लोन दे रहे हैं। इसलिए, आज के हिसाब से देखें, तो पिछले वित्तीय वर्ष में होम लोन उससे सस्ते पर उपलब्ध हैं जितना ब्याज अपने ईपीएफ(EPF) बैलेन्स पर कमा रहे हैं।
- प्रतिबंध कि आप कब और कितना पैसा निकाल सकते हैं: अपने पीएफ(PF) अकाउंट से घर खरीदने और होम लोन चुकाने जैसे कारणों के लिए पैसा निकालने के लिए आपकी पीएफ(PF) सदस्यता को कम से कम तीन साल पूरे होने चाहिए। घर के उद्देश्य के लिए आप जितना पैसा निकालें वह आपके पीएफ बैलेंस के 90% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- कर संबंधी नियम: यदि पांच साल लगातार पूरे होने से पहले आप पैसे निकालते हैं, तो यह राशि निम्नलिखित के अनुसार कर योग्य होगी। ईपीएफ(EPF) पर कमाया हुआ ब्याज “अन्य स्रोत से आय” के मद में कर योग्य होता है। नियोक्ता द्वारा दिया गया ईपीएफ(EPF) में योगदान “वेतन” के मद में कर योग्य होता है। आपके EPF योगदान, यदि आप पहले ही सेक्शन 80C के तहत कटौती का लाभ ले चुके हैं, तो उसे यह माना जाएगा कि सेक्शन 80C लाभ का दावा नहीं किया गया है और उसी के अनुसार कर लगेगा।
पीएफ(PF) में कमी करें या नहीं?
आप ईपीएफ(EPF) से पैसा निकालें या नहीं यह कुछ कारकों पर निर्भर करता है जैसे आपके ईपीएफ(EPF) अकाउंट में जमा बैलेंस, आपकी वर्तमान आर्थिक स्थिति, आप अपने आर्थिक लक्ष्यों में कहाँ तक पहुँचे हैं, ईपीएफ(EPF) से निकालने पर आपके आर्थिक लक्ष्य कितने प्रभवित होंगे आदि।
- यदि आपका रिटायरमेंट नज़दीक है और आपका रिटायरमेंट फंड पैसे निकालने से बहुत प्रभावित नहीं होगा, तो आपको यह कर लेना चाहिए।
- यदि आप 30 की दशक में चल रहे और आपके सामने लंबा करियर है जिसमें आप ज्यादा पैसे जमा करके ईपीएफ(EPF) से निकाले हुए पैसों की भरपाई कर सकते हैं, तो आप पैसे निकाल लें। यदि ईपीएफ(EPF) में बढ़ा कर योगदान करना संभव नहीं है तो रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करने के लिए आपको और तरीक़ों के बारे में सोचना चाहिए।
- ईपीएफ(EPF) की ब्याज दर और होम लोन की दर पर ध्यान दें। यदि ईपीएफ(EPF) दर (पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 8.5% वार्षिक) होम लोन की दर से ज्यादा है (अक्टूबर 2021 में अधिकांश बैंक 6.6-7.0% वार्षिक की दर पर होम लोन दे रहे हैं) तो आपको ईपीएफ(EPF) से नहीं निकालना चाहिए। इसकी बजाय, आपको होम लोन लेना चाहिए क्योंकि वह आपको अतिरिक्त आयकर लाभ भी देगा।
· दूसरी ओर, आपको ईपीएफ(EPF) में योगदान को आपका रिटायरमेंट फंड बनाने देना चाहिए। EPF से निकालना हमेशा आखिरी विकल्प होना चाहिए।
आखिरी बात
आपको अपनी घर की जरूरतों और रिटायरमेंट की जरूरतों के बीच एक बढ़िया संतुलन बनाना होगा। दोनों का बहुत अधिक आर्थिक और भावनात्मक मूल्य है। कुछ लोगों के लिए, मकान खरीदने का निर्णय जीवन में जल्दी आ जाता है, जैसे, लगभग 30 साल या उसके आसपास, और रिटायरमेंट वास्तव में बहुत देर से शुरू होता, लगभग 60 साल के आसपास। यही एक बात कि घर की जरूरत पहले आती है और रिटायरमेंट की बाद में - वर्तमान के घर की जरूरतें भविष्य के रिटायरमेंट पर भारी पड़ जाती है। लेख में ऑनलाइन तरीके से ईपीएफ(EPF) निकालने के बारे में