- Date : 20/01/2020
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उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन कैमरे का उपयोग करके मुद्रा नोट को स्कैन कर सकते हैं और मूल्यवर्ग जानने के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ऑडियो सुन सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांता दास ने बुधवार को भारत में लाखों दृष्टिहीन लोगों की मदद के लिए एक नया मोबाइल ऐप- 'मनि' (मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर) लॉन्च किया, जिससे विमुद्रीकरण के बाद नए मुद्रा नोटों की पहचान करने में मदद मिल सके।
नवंबर 2016 के बाद, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के मूल्यवर्ग में 'महात्मा गांधी सीरीज' के तहत नए मुद्रा नोटों की एक श्रृंखला शुरू की गई थी। हालाँकि, यह सामने आया कि दृष्टिबाधित व्यक्तियों को नई मुद्रा नोटों के बीच अंतर करना मुश्किल हो रहा था। इस चुनौती के जवाब के रूप में यह ऐप लॉन्च किया गया था।
यह कैसे काम करता है?
यह ऐप एंड्रॉइड प्लेस्टोर और आई.ओ.एस. ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है और डाउनलोड मुफ्त है। उपयोगकर्ता मोबाइल ऐप से जुड़े अपने मोबाइल फोन के कैमरे का उपयोग करके मुद्रा को स्कैन कर सकते हैं। उपयोगकर्ता को मूल्यवर्ग का पता लगाने के लिए यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों में एक ऑडियो आउटपुट प्रदान करता है।
एक बार इंस्टॉल होने के बाद ऐप ऑफलाइन भी काम करता है। हालांकि, यह मुद्रा के वास्तविक या नकली होने का प्रमाण नहीं कर सकता है।
ऐप की विशेषताएं क्या हैं?
ऐप न केवल सामने और पीछे , दोनों तरफ से एक बैंक नोट का पता लगाने में सक्षम होगा, बल्कि अलग-अलग तरीके से आधे मुड़े हुए नोटों को कम रोशनी सहित अलग-अलग प्रकाश परिस्थितियों में रखे जाने पर भी पहचान करने में सक्षम होगा।
हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, यह ऐप श्रवण और दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए एक गैर-ध्वनि या कंपन मोड में प्रतिक्रिया प्रदान करता है।
ऐप की सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक यह है कि यदि फोन और ऑपरेटिंग सिस्टम वाणी -सक्षम नियंत्रण का समर्थन करते हैं, तो इस ऐप के वाणी कमांड से इस ऐप को खोलकर संचालन किया जा सकता है।
भारत 40 मिलियन से अधिक नेत्रहीन लोगों का घर है और यह तकनीकी प्रगति मुद्रा की पहुंच में सुधार करने में मदद करती है और उनके लिए दिन-प्रतिदिन लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है।
आइये नज़र डालिए ऐसे ही कुछ बेहतरीन ऐप्स पर जो पैसे बचाने और ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांता दास ने बुधवार को भारत में लाखों दृष्टिहीन लोगों की मदद के लिए एक नया मोबाइल ऐप- 'मनि' (मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर) लॉन्च किया, जिससे विमुद्रीकरण के बाद नए मुद्रा नोटों की पहचान करने में मदद मिल सके।
नवंबर 2016 के बाद, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के मूल्यवर्ग में 'महात्मा गांधी सीरीज' के तहत नए मुद्रा नोटों की एक श्रृंखला शुरू की गई थी। हालाँकि, यह सामने आया कि दृष्टिबाधित व्यक्तियों को नई मुद्रा नोटों के बीच अंतर करना मुश्किल हो रहा था। इस चुनौती के जवाब के रूप में यह ऐप लॉन्च किया गया था।
यह कैसे काम करता है?
यह ऐप एंड्रॉइड प्लेस्टोर और आई.ओ.एस. ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है और डाउनलोड मुफ्त है। उपयोगकर्ता मोबाइल ऐप से जुड़े अपने मोबाइल फोन के कैमरे का उपयोग करके मुद्रा को स्कैन कर सकते हैं। उपयोगकर्ता को मूल्यवर्ग का पता लगाने के लिए यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों में एक ऑडियो आउटपुट प्रदान करता है।
एक बार इंस्टॉल होने के बाद ऐप ऑफलाइन भी काम करता है। हालांकि, यह मुद्रा के वास्तविक या नकली होने का प्रमाण नहीं कर सकता है।
ऐप की विशेषताएं क्या हैं?
ऐप न केवल सामने और पीछे , दोनों तरफ से एक बैंक नोट का पता लगाने में सक्षम होगा, बल्कि अलग-अलग तरीके से आधे मुड़े हुए नोटों को कम रोशनी सहित अलग-अलग प्रकाश परिस्थितियों में रखे जाने पर भी पहचान करने में सक्षम होगा।
हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, यह ऐप श्रवण और दृष्टि दोष दोनों से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए एक गैर-ध्वनि या कंपन मोड में प्रतिक्रिया प्रदान करता है।
ऐप की सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक यह है कि यदि फोन और ऑपरेटिंग सिस्टम वाणी -सक्षम नियंत्रण का समर्थन करते हैं, तो इस ऐप के वाणी कमांड से इस ऐप को खोलकर संचालन किया जा सकता है।
भारत 40 मिलियन से अधिक नेत्रहीन लोगों का घर है और यह तकनीकी प्रगति मुद्रा की पहुंच में सुधार करने में मदद करती है और उनके लिए दिन-प्रतिदिन लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है।
आइये नज़र डालिए ऐसे ही कुछ बेहतरीन ऐप्स पर जो पैसे बचाने और ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं।