Mass Layoff: दुनियाभर के टेक्नॉलजी सेक्टर में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की क्यों हो रही छंटनी, जानें वजह

Mass Layoffs In Tech Sector: 365डेटासाइंस द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरी से निकाले गए लोगों में से करीब आधे 30 से 40 साल की उम्र के हैं और उनके पास औसतन 11.9 साल का वर्क एक्सपीरियंस है।

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Mass Layoffs: बीते कुछ समय के दौरान दुनियाभर के टेक सेक्टर में बड़े पैमाने पर हो रही छंटनी ने लोगों की नींदें उड़ा दी हैं और भारत में भी हजारों-लाखों कर्मचारी इस बात से परेशान हैं कि आर्थिक संकट के दौर में कहीं उनकी नौकरी पर भी संकट न आ जाए। दुनियाभर की टेक कंपनियां अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए हेडकाउंट कम करना चाहती हैं, हालांकि निकाले गए लोगों का सबसे बड़ा हिस्सा टेक्नॉलजी से संबंधित भूमिकाओं में नहीं है। 365डेटासाइंस (365datascience) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा नौकरी से निकाले गए कर्मचारी में करीब 28 पर्सेंट एचआर और टैलेंट सोर्सिंग में काम करते थे।

नौकरी से निकाले गए लोगों में 22.1 पर्सेंट सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। इसके बाद मार्केटिंग से 7.1 पर्सेंट और कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट से 4.6 पर्सेंट थे। आंकड़ों की मानें तो छंटनी का एक छोटा हिस्सा, यानी 4.4 पर्सेंट पीआर, कम्यूनिकेशन और स्ट्रैटजी डिपार्टमेंट से था। रिपोर्ट में कहा गया है कि निकाले गए लोगों में से लगभग आधे 30-40 साल की उम्र के हैं और उनके पास ऐवरेट 11.9 साल का कार्य अनुभव है। इस प्रकार छंटनी ने न केवल जूनियर एंप्लॉयी, बल्कि सीनियर एंप्लॉयी को भी प्रभावित किया। दरअसल, मुद्रास्फीति, सप्लाई चेन के मुद्दों और जियो-पॉलिटिकल अनरेस्ट ने इन कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित किया। 

कई सॉफ्टवेयर कंपनियों द्वारा डाउनसाइज किए जाने की वजह स्टॉक की कीमत में गिरावट, बिक्री में गिरावट और इकॉनोमिक फियर रही। छंटनी के लिए गए कई वेंचर-बैक्ड टेक स्टार्टअप्स ने स्टार्टअप वैल्यूएशन में गिरावट और वेंचर कैपिटल फंडिंग में मंदी को उन कारकों के रूप में इंगित किया, जिन्होंने उनके फैसले को प्रभावित किया। इनमें से ज्यादातर टेक दिग्गजों के लिए प्रति कर्मचारी नेट इनकम और रेवेन्यू में साल-दर-साल वृद्धि में कमी दिखाई दे रही है। इस दशक में पहली बार एमेजॉन ने साल 2022 में अपनी 2021 के नेट प्रॉफिट पर लगभग 115 पर्सेंट की गिरावट दर्ज की है, वो भी खास तौर से रिटेल यूनिट में।  मेटा, गूगल और सेल्सफोर्स उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने प्रति कर्मचारी राजस्व में गिरावट देखी।

 

Mass Layoffs: बीते कुछ समय के दौरान दुनियाभर के टेक सेक्टर में बड़े पैमाने पर हो रही छंटनी ने लोगों की नींदें उड़ा दी हैं और भारत में भी हजारों-लाखों कर्मचारी इस बात से परेशान हैं कि आर्थिक संकट के दौर में कहीं उनकी नौकरी पर भी संकट न आ जाए। दुनियाभर की टेक कंपनियां अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए हेडकाउंट कम करना चाहती हैं, हालांकि निकाले गए लोगों का सबसे बड़ा हिस्सा टेक्नॉलजी से संबंधित भूमिकाओं में नहीं है। 365डेटासाइंस (365datascience) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा नौकरी से निकाले गए कर्मचारी में करीब 28 पर्सेंट एचआर और टैलेंट सोर्सिंग में काम करते थे।

नौकरी से निकाले गए लोगों में 22.1 पर्सेंट सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। इसके बाद मार्केटिंग से 7.1 पर्सेंट और कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट से 4.6 पर्सेंट थे। आंकड़ों की मानें तो छंटनी का एक छोटा हिस्सा, यानी 4.4 पर्सेंट पीआर, कम्यूनिकेशन और स्ट्रैटजी डिपार्टमेंट से था। रिपोर्ट में कहा गया है कि निकाले गए लोगों में से लगभग आधे 30-40 साल की उम्र के हैं और उनके पास ऐवरेट 11.9 साल का कार्य अनुभव है। इस प्रकार छंटनी ने न केवल जूनियर एंप्लॉयी, बल्कि सीनियर एंप्लॉयी को भी प्रभावित किया। दरअसल, मुद्रास्फीति, सप्लाई चेन के मुद्दों और जियो-पॉलिटिकल अनरेस्ट ने इन कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित किया। 

कई सॉफ्टवेयर कंपनियों द्वारा डाउनसाइज किए जाने की वजह स्टॉक की कीमत में गिरावट, बिक्री में गिरावट और इकॉनोमिक फियर रही। छंटनी के लिए गए कई वेंचर-बैक्ड टेक स्टार्टअप्स ने स्टार्टअप वैल्यूएशन में गिरावट और वेंचर कैपिटल फंडिंग में मंदी को उन कारकों के रूप में इंगित किया, जिन्होंने उनके फैसले को प्रभावित किया। इनमें से ज्यादातर टेक दिग्गजों के लिए प्रति कर्मचारी नेट इनकम और रेवेन्यू में साल-दर-साल वृद्धि में कमी दिखाई दे रही है। इस दशक में पहली बार एमेजॉन ने साल 2022 में अपनी 2021 के नेट प्रॉफिट पर लगभग 115 पर्सेंट की गिरावट दर्ज की है, वो भी खास तौर से रिटेल यूनिट में।  मेटा, गूगल और सेल्सफोर्स उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने प्रति कर्मचारी राजस्व में गिरावट देखी।

 

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