- Date : 30/03/2023
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सहारा ग्रुप के लिए करोड़ों इन्वेस्टर्स के लिए बड़ी अच्छी खबर आई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-सेबी अकाउंट से 5,000 करोड़ रुपये निकालने की अनुमति दी है। ऐसे में सरकार का कहना है कि 9 महीने में सभी निवेशकों को पैसा रिफंड हो जाएगा

Sahara Refund: सहारा ग्रुप की ढेर सारी कंपनियों में पैसा लगाने के बाद पछता रहे करोड़ों निवेशकों के लिए बड़ी सकारात्मक खबर आई है। जी हां, सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनका पैसा अगले 9 महीने में रिफंड हो जाएगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद सरकार ने कहा है कि सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा 9 महीनों में लौटाया जाएगा। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि सिक्यॉरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने 24 नवंबर 2010 को सहारा ग्रुप के किसी भी रूप में जनता से पैसा जुटाने पर रोक लगा दी थी। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सहारा ग्रुप को निवेशकों के पैसे 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। यह रकम 24,029 करोड़ रुपये थी। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट फैसले में कहा था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी कानूनों का उल्लंघन किया। सहारा ग्रुप पर आरोप है कि उनकी कंपनियों ने उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए, जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ तक नहीं उठा सकते थे।
सहारा ग्रुप पर आरोप लगे कि इस समूह की कंपनियों की आपस में साठ-गांठ थी। उन्होंने इन्वेस्टर्स से मिले पैसों की लॉन्ड्रिंग की और उसे अन्य एसेट में लगाया। दरअसल, सहारा ने आईपीओ लाने की प्लानिंग की थी। सहारा ने जब सेबी से आईपीओ के लिए आवेदन दिया तो सेबी ने उससे कंपनी का पूरा बायोडेटा मांगा। बाद में जब सेबी ने इसकी जांच की तो इसमें काफी अनियमितताएं मिलीं। इसके बाद सेबी ने सहारा इंडिया पर शिकंजा कसा और धीरे-धीरे सहारा ग्रुप की हालत खराब होती गई। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट को 25,781 करोड़ रुपये जमा करने का ऑर्डर दिया था। इन कंपनियों ने मार्च 2008 और अक्टूबर 2009 में करोड़ों निवेशकों से पैसे जुटाए थे। इन दो कंपनियों ने 15,569 करोड़ रुपये जमा कराए, जिस पर 9,410 करोड़ रुपये ब्याज बना है।
Sahara Refund: सहारा ग्रुप की ढेर सारी कंपनियों में पैसा लगाने के बाद पछता रहे करोड़ों निवेशकों के लिए बड़ी सकारात्मक खबर आई है। जी हां, सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनका पैसा अगले 9 महीने में रिफंड हो जाएगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद सरकार ने कहा है कि सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा 9 महीनों में लौटाया जाएगा। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि सिक्यॉरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने 24 नवंबर 2010 को सहारा ग्रुप के किसी भी रूप में जनता से पैसा जुटाने पर रोक लगा दी थी। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सहारा ग्रुप को निवेशकों के पैसे 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। यह रकम 24,029 करोड़ रुपये थी। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट फैसले में कहा था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी कानूनों का उल्लंघन किया। सहारा ग्रुप पर आरोप है कि उनकी कंपनियों ने उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए, जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ तक नहीं उठा सकते थे।
सहारा ग्रुप पर आरोप लगे कि इस समूह की कंपनियों की आपस में साठ-गांठ थी। उन्होंने इन्वेस्टर्स से मिले पैसों की लॉन्ड्रिंग की और उसे अन्य एसेट में लगाया। दरअसल, सहारा ने आईपीओ लाने की प्लानिंग की थी। सहारा ने जब सेबी से आईपीओ के लिए आवेदन दिया तो सेबी ने उससे कंपनी का पूरा बायोडेटा मांगा। बाद में जब सेबी ने इसकी जांच की तो इसमें काफी अनियमितताएं मिलीं। इसके बाद सेबी ने सहारा इंडिया पर शिकंजा कसा और धीरे-धीरे सहारा ग्रुप की हालत खराब होती गई। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट को 25,781 करोड़ रुपये जमा करने का ऑर्डर दिया था। इन कंपनियों ने मार्च 2008 और अक्टूबर 2009 में करोड़ों निवेशकों से पैसे जुटाए थे। इन दो कंपनियों ने 15,569 करोड़ रुपये जमा कराए, जिस पर 9,410 करोड़ रुपये ब्याज बना है।