Adani Group Hindenburg Row: अडानी ग्रुप के ‘ऑफशोर डील’ वाले हिंडनबर्ग के आरोप की जांच में जुटा है सेबी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) इस मामले की जांच में जुटा है कि क्या हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट मामले में अदानी ग्रुप पर लगे ‘रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन’ नियमों का उल्लंघन हुआ कि नहीं?

Adani Group Hindenburg Row

Adani Group Hindenburg Row: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अदानी के अदानी ग्रुप की हालत खस्ता है। अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भी अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म द्वारा अडानी समूह पर लगाए आरोप की जांच में जुटी है। अदानी ग्रुप पर आरोप है कि इसने तीन ऑफशोर इकाइयों के साथ डील की है। अपनी जांच में सेबी यह पता करने की कोशिश में है कि डील में ‘रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन’ रूल्स का उल्लंघन हुआ है या नहीं। इन तीनों ऑफशोर एंटिटिज का संबंध अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो विनोद अडानी के कथित संबंधों वाली तीन संस्थाएं मॉरीशस की क्रुनाल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड और गार्डेनिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के साथ ही दुबई की इलेक्ट्रोजेन इन्फ्रा हैं। आशंका जताई जा रही है कि विनोद अडानी का इन तीनों संस्थाओं से कुछ न कुछ संबंध है और इस बारे में सेबी को जानकारी नहीं दी गई है। दरअसल, भारतीय कानूनों के मुताबिक किसी भी तरह के कनेक्शन से जुड़ी डील की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को देनी होती है। 

आपको बता दें कि अगर अदानी ग्रुप पर नियमों के उल्लंघन का आरोप साबित हो जाता है तो इसमें शामिल कंपनियों को भारी जुर्माना भरने के निर्देश दिए जा सकते हैं। हालांकि, अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया है कि विनोद अडानी किसी भी लिस्टेड अडानी इंटिटिज या उनकी सहायक कंपनियों में कोई मैनेजेरियल पोस्ट पर नहीं हैं। इस मामले में विनोद अडानी और दुबई में उनकी होल्डिंग कंपनी अडानी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट डीएमसीसी से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

Adani Group Hindenburg Row: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अदानी के अदानी ग्रुप की हालत खस्ता है। अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भी अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म द्वारा अडानी समूह पर लगाए आरोप की जांच में जुटी है। अदानी ग्रुप पर आरोप है कि इसने तीन ऑफशोर इकाइयों के साथ डील की है। अपनी जांच में सेबी यह पता करने की कोशिश में है कि डील में ‘रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन’ रूल्स का उल्लंघन हुआ है या नहीं। इन तीनों ऑफशोर एंटिटिज का संबंध अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो विनोद अडानी के कथित संबंधों वाली तीन संस्थाएं मॉरीशस की क्रुनाल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड और गार्डेनिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के साथ ही दुबई की इलेक्ट्रोजेन इन्फ्रा हैं। आशंका जताई जा रही है कि विनोद अडानी का इन तीनों संस्थाओं से कुछ न कुछ संबंध है और इस बारे में सेबी को जानकारी नहीं दी गई है। दरअसल, भारतीय कानूनों के मुताबिक किसी भी तरह के कनेक्शन से जुड़ी डील की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को देनी होती है। 

आपको बता दें कि अगर अदानी ग्रुप पर नियमों के उल्लंघन का आरोप साबित हो जाता है तो इसमें शामिल कंपनियों को भारी जुर्माना भरने के निर्देश दिए जा सकते हैं। हालांकि, अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया है कि विनोद अडानी किसी भी लिस्टेड अडानी इंटिटिज या उनकी सहायक कंपनियों में कोई मैनेजेरियल पोस्ट पर नहीं हैं। इस मामले में विनोद अडानी और दुबई में उनकी होल्डिंग कंपनी अडानी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट डीएमसीसी से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

संवादपत्र

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