Share Market 2023: बजट के बाद बाजार का भारी उतार-चढ़ाव क्या संकेत दे रहा है? क्या कहता है ट्रेंड?

अमूमन देखा गया है कि बजट का सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता है। बजट के बाद स्टॉक मार्किट को कई उम्मीदें होती हैं और अक्सर बजट में लिए गए फैसले बाजार पर सीधा असर डालते हैं। ऐसे में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य होता है। अगर साल 2010 से 2022 के दौरान शेयर बाजार ट्रेंड्स की बात की जाए तो अधिकांश बार शेयर बाजार में बजट के बाद तेजी देखी गई है। इस बार भी ट्रेंड कुछ ऐसा ही है।

Share Market 2023

बजट 2023 के बाद शेयर बाजार का प्रदर्शन

बजट डे पर सेंसेक्स में जोरदार रैली देखी गई और सेंसेक्स ऊपरी स्तरों से 1061 अंक तक टूटकर बंद हुआ। इतना ही नहीं, बजट के अगले दिन भी सेंसेक्स में 200 अंकों से ज्यादा की तेजी देखी गई।

हालांकि, बजट डे और उसके अगले दिन निफ्टी लाल निशान पर बंद हुआ। अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार होती बिकवाली से बाजार पर दबाव बढ़ा है। वैसे तो साल 2023 का ओवरऑल आउट्लुक बेहतर नजर आ रहा है, मगर निवेशकों को फिलहाल की चिंता सता रही है।

तमाम अटकलों के बीच निवेशकों के मन में यह सवाल है कि आने वाला समय बाजार के लिए कैसा होगा। पिछले दस सालों के पोस्ट बजट मन्थ ट्रेंड्स को देखते हुए समझते हैं कि कैसी रहेगी बाजार की चाल।

पोस्‍ट बजट मंथ: पिछले दस सालों का ट्रेंड

मजबूती वाले साल: पिछले कई सालों से पोस्ट बजट मन्थ में बाजार मजबूत हुआ है। अगर साल 2010 की बात की जाए तो सेंसेक्स 7.40 फीसदी मजबूत हुआ था। साल 2011 भी तेजी वाला रहा और इस साल सेंसेक्स 6.28 फीसदी मजबूत हुआ। वहीं साल 2014 में बजट वाले महीने के दौरान सेंसेक्स में करीब 6.69 फीसदी की मजबूती आई। इसी तरह साल 2016 में बजट के बाद के महीने में सेंसेक्स 6.5 फीसदी की मजबूती देखी गई। साल 2017 के पोस्ट बजट मंथ में अपेक्षाकृत मजबूती थोड़ी कम रही और सेंसेक्स 3 फीसदी तक मजबूत हुआ। ऐसे ही 2019 में बजट के बाद वाले महीने में सेंसेक्स में 4.6 फीसदी की मजबूती आई और साल 2021 में पोस्ट बजट मंथ में सेंसेक्स में 2.6 फीसदी की तेजी देखी गई।

कमजोरी वाले साल: हालांकि पिछले कुछ सालों में कई मौकों पर बाजार में कमजोरी भी देखी गई। अगर 2012 के साल को याद करें तो तब पोस्‍ट बजट मंथ में सेंसेक्स 1.80 में फीसदी की कमजोरी आई थी। इसके अगले साल 2013 में सेंसेक्‍स फ्लैट रहा था। इसके बाद, साल 2015 में बजट के बाद वाले महीने में सेंसेक्‍स 4.7 फीसदी तक टूट गया था। इसी तरह, साल 2018 में भी सेंसेक्स में 5.18 फीसदी गिरावट देखी गई थी। साल 2020 में भी बजट के बाद वाला महीना सुस्ती वाला रहा था जब सेंसेक्स में करीब 3.5 फीसदी की कमजोरी आई थी। वहीं, पिछले साल यानि 2022 के पोस्‍ट बजट मंथ में सेंसेक्‍स में 4.5 फीसदी की गिरावट आई थी।

साल 2023 के लिए अनुमान

शेयर बाजार विशेषज्ञों ने इस साल के लिए शेयर बाजार की भविष्यवाणी करते हुए इसके बेहतर रहने की उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज के अनुसार साल 2023 के अंत तक सेंसेक्स 20,000 की ऊंचाई को छू सकता है। इतना ही नहीं, निफ्टी के भी 13 से 14 फीसदी तक मजबूत होने की संभावना है।

सरकार ने मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एक्‍सपोर्ट समेंत लॉन्‍ग टर्म डेवलपनमेंट पर जोर दिया है। साथ ही टैक्‍स इंसेंटिव, जीएसटी कलेक्‍शन और पीएमआई-मैन्‍युफैक्‍चरिंग जैसे इकोनॉमिक इंडीकेटर बाजार को सहयोग दे रहे हैं। इन सब पहलुओं को देखते हुए साल 2023 में ओवरआल ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है।

बजट 2023 के बाद शेयर बाजार का प्रदर्शन

बजट डे पर सेंसेक्स में जोरदार रैली देखी गई और सेंसेक्स ऊपरी स्तरों से 1061 अंक तक टूटकर बंद हुआ। इतना ही नहीं, बजट के अगले दिन भी सेंसेक्स में 200 अंकों से ज्यादा की तेजी देखी गई।

हालांकि, बजट डे और उसके अगले दिन निफ्टी लाल निशान पर बंद हुआ। अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार होती बिकवाली से बाजार पर दबाव बढ़ा है। वैसे तो साल 2023 का ओवरऑल आउट्लुक बेहतर नजर आ रहा है, मगर निवेशकों को फिलहाल की चिंता सता रही है।

तमाम अटकलों के बीच निवेशकों के मन में यह सवाल है कि आने वाला समय बाजार के लिए कैसा होगा। पिछले दस सालों के पोस्ट बजट मन्थ ट्रेंड्स को देखते हुए समझते हैं कि कैसी रहेगी बाजार की चाल।

पोस्‍ट बजट मंथ: पिछले दस सालों का ट्रेंड

मजबूती वाले साल: पिछले कई सालों से पोस्ट बजट मन्थ में बाजार मजबूत हुआ है। अगर साल 2010 की बात की जाए तो सेंसेक्स 7.40 फीसदी मजबूत हुआ था। साल 2011 भी तेजी वाला रहा और इस साल सेंसेक्स 6.28 फीसदी मजबूत हुआ। वहीं साल 2014 में बजट वाले महीने के दौरान सेंसेक्स में करीब 6.69 फीसदी की मजबूती आई। इसी तरह साल 2016 में बजट के बाद के महीने में सेंसेक्स 6.5 फीसदी की मजबूती देखी गई। साल 2017 के पोस्ट बजट मंथ में अपेक्षाकृत मजबूती थोड़ी कम रही और सेंसेक्स 3 फीसदी तक मजबूत हुआ। ऐसे ही 2019 में बजट के बाद वाले महीने में सेंसेक्स में 4.6 फीसदी की मजबूती आई और साल 2021 में पोस्ट बजट मंथ में सेंसेक्स में 2.6 फीसदी की तेजी देखी गई।

कमजोरी वाले साल: हालांकि पिछले कुछ सालों में कई मौकों पर बाजार में कमजोरी भी देखी गई। अगर 2012 के साल को याद करें तो तब पोस्‍ट बजट मंथ में सेंसेक्स 1.80 में फीसदी की कमजोरी आई थी। इसके अगले साल 2013 में सेंसेक्‍स फ्लैट रहा था। इसके बाद, साल 2015 में बजट के बाद वाले महीने में सेंसेक्‍स 4.7 फीसदी तक टूट गया था। इसी तरह, साल 2018 में भी सेंसेक्स में 5.18 फीसदी गिरावट देखी गई थी। साल 2020 में भी बजट के बाद वाला महीना सुस्ती वाला रहा था जब सेंसेक्स में करीब 3.5 फीसदी की कमजोरी आई थी। वहीं, पिछले साल यानि 2022 के पोस्‍ट बजट मंथ में सेंसेक्‍स में 4.5 फीसदी की गिरावट आई थी।

साल 2023 के लिए अनुमान

शेयर बाजार विशेषज्ञों ने इस साल के लिए शेयर बाजार की भविष्यवाणी करते हुए इसके बेहतर रहने की उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज के अनुसार साल 2023 के अंत तक सेंसेक्स 20,000 की ऊंचाई को छू सकता है। इतना ही नहीं, निफ्टी के भी 13 से 14 फीसदी तक मजबूत होने की संभावना है।

सरकार ने मैन्‍युफैक्‍चरिंग और एक्‍सपोर्ट समेंत लॉन्‍ग टर्म डेवलपनमेंट पर जोर दिया है। साथ ही टैक्‍स इंसेंटिव, जीएसटी कलेक्‍शन और पीएमआई-मैन्‍युफैक्‍चरिंग जैसे इकोनॉमिक इंडीकेटर बाजार को सहयोग दे रहे हैं। इन सब पहलुओं को देखते हुए साल 2023 में ओवरआल ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है।

संवादपत्र

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