नए निवेशकों के लिए एसआईपी | सिस्‍टेमेटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लान का अर्थ

एसआईपी के अंतर्गत एक लंबी अवधि के लिए छोटी मात्रा में व्‍यवस्थित रूप से निवेश किया जाता है। यह प्‍लान जोखिम को कम करने के साथ पूंजी निर्माण का प्रयास कर रहे व्यक्तियों के लिए सबसे आसान विकल्प है।

नए निवेशकों के लिए एसआईपी | सिस्‍टेमेटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लान का अर्थ

सिस्‍टेमेटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लान या एसआईपी एक ऐसा निवेश विकल्‍प है जो किसी भी व्‍यक्ति को 500 रुपए जितनी छोटी सी राशि भी निवेश करने का मौका देता है। एसआईपी उन्‍हें यह राशि इक्विटी, डेट और अन्य एसेट क्‍लास में धीरे-धीरे लेकिन स्थिर तरीके से निवेश करने में मदद करता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये प्‍लान अनियमित अंतराल पर किए गए बड़े निवेश के विपरीत व्यवस्थित निवेश के साथ स्थिर रिटर्न प्रदान करने पर ध्‍यान केंद्रित करते हैं।

एसआईपी काम कैसे करते हैं?

आगे बढ़ने से पहले एसआईपी से जुड़ी सभी जरूरी बातों को समझना बेहद जरूरी है। अधिकांश एसआईपी में 500 रुपए प्रति माह के न्यूनतम निवेश की आवश्यकता होती है। इस राशि का उपयोग आपकी पसंद के एक या एक से अधिक एसआईपी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को खरीदने में किया जाएगा। इस प्रकार, यदि आप 10 रुपए प्रति यूनिट की नेट एसेट वैल्यू वाला इक्विटी फंड चुनते हैं, तो 500 रुपए आपके अकाउंट से कट जाएंगे और आप पहले महीने में इससे 50 यूनिट खरीद लेंगे। 12 महीनों में, आपने 6000 रुपए का निवेश किया होगा और आप 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से 600 म्‍यूचुअल फंड यूनिट्स खरीद लेंगे। 

यह संपत्ति, जो कि यहां एक इक्विटी बाजार है, यदि बेहतर प्रदर्शन करती है तो आपकी यूनिट की एनएवी भी बढ़ेगी। इस प्रकार, एनएवी बढ़कर 12 रुपए होने पर आपका निवेश भी बढ़कर 7200 रुपए हो जाएगा। आप इन यूनिट्स को रिडीम कर सकते हैं यानि कि आप इन्‍हें मौजूदा एनएवी पर बेच सकते हैं और अपने विवेकानुसार निवेश को वापस पा सकते हैं। 

एसआईपी क्‍यों?

सबसे अच्छी निवेश रणनीति वह है जो निवेश के नुकसान के जोखिम को न्‍यूनतम और पूंजी निर्माण की संभावना को अधिकतम करती है। हालांकि, इक्विटी जैसे उच्च जोखिम वाले पूंजी निर्माण के विकल्प खतरनाक भी साबित हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, सुरक्षित विकल्प आकर्षक रिटर्न नहीं प्रदान करते हैं। एसआईपी आपको इसी अंतर को पाटने में मदद कर सकता है। साथ ही यह एक ऐसी निवेश रणनीति बनाने में भी मदद कर सकती है जहां आप उतार-चढ़ाव से भरे बाजारों में भी बेहतर दीर्घकालिक रिटर्न प्राप्‍त कर सकते हैं।

दूसरी बात यह है कि, निवेश का यह आसान उपकरण आपको लंबे समय तक निवेश में धीमी और स्थिर वृद्धि प्राप्‍त करने में मदद करता है। एक साथ बड़ा निवेश करना कभी-कभी बहुत आकर्षक लग सकता है। हालांकि, अधिकांश लोगों के लिए अपने बोनस को अनुशासित तरीके से दीर्घकालिक निवेश में लगाना असंभव लगता है। दूसरी ओर, 500 या 1000 रुपए निकाल पाना उन लोगों के लिए भी आसान हो सकता है जिन्‍होंने अभी-अभी अपनी पहली नौकरी शुरू की है। 

तीसरा यह कि, एसआईपी आपको लंबे समय में अपने निवेश की औसत लागत को कम करने में मदद करती है। बाजार की अस्थिरता के चलते एक्विटी मार्केट या डेट उपकरण में एक बार में 50,000 रुपए का निवेश आपको खतरे में डाल सकता है। 

आइए मान लें कि ऊपर दिए गए उदाहरण में एनएवी दूसरे महीने में 5 प्रति यूनिट की दर से कम हो जाती है। अब आप अपनी न्‍यूनतम निवेश राशि में वृद्धि किए बिना 100 यूनिट खरीद सकते हैं। अब आप 7.5 रुपये प्रति यूनिट की औसत लागत पर 150 इकाइयां खरीद पाएंगे। 

लंबे समय में, एसआईपी भविष्य में बहुत अधिक रिटर्न अर्जित करने की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए बाजार में मंदी का लाभ उठाने में आपकी मदद कर सकती है। किसी भी हालत में, छोटी मात्रा में निवेश करने से यह सुनिश्चित होगा कि आप बाजार अस्थिर होने पर भी बहुत कुछ न खोएं। 

चौथा, एसआईपी आपको कंपाउंडिंग का लाभ उठाने में मदद करता है। आप म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा दिए गए लाभांश को एक बार फिर अधिक इकाइयां खरीदने के लिए निवेश कर सकते हैं। 15 साल तक 1000 रुपए प्रति माह निवेश जो कि 1.8 लाख रुपए होता है, और उस पर यदि आपको 10% जितना भी सालाना रिटर्न मिलता है तो यह राशि 4.2 लाख रुपए हो जाएगी। यहां हम मान कर चल रहे हैं कि रिटर्न हर महीने जुड़ता है। यदि आप 5000 रुपए प्रति माह का निवेश करते हैं और आपका 9 लाख का निवेश 15 वर्षों में बढ़कर 20 लाख रुपए से भी ज्‍यादा हो जाएगा। 

एसआईपी ऐसा नए एवं छोटे निवेशकों के लिए एक स्मार्ट विकल्प है जो एक स्थिर रिटर्न, नकदी प्रवाह पर कम तनाव और कम लागत चाहते हैं। इसके साथ ही एसआईपी ऐसे निवेशकों को निवेश में वृद्धि या कमी लाने की सुविधा भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा नकदी की आवश्यकता होने पर इकाइयों को बेचने की स्वतंत्रता और बेहतर रिटर्न प्राप्‍त करने के लिए लाभांश को दोबारा निवेश करने का विकल्प प्रदान करते हैं।

सिस्‍टेमेटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लान या एसआईपी एक ऐसा निवेश विकल्‍प है जो किसी भी व्‍यक्ति को 500 रुपए जितनी छोटी सी राशि भी निवेश करने का मौका देता है। एसआईपी उन्‍हें यह राशि इक्विटी, डेट और अन्य एसेट क्‍लास में धीरे-धीरे लेकिन स्थिर तरीके से निवेश करने में मदद करता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये प्‍लान अनियमित अंतराल पर किए गए बड़े निवेश के विपरीत व्यवस्थित निवेश के साथ स्थिर रिटर्न प्रदान करने पर ध्‍यान केंद्रित करते हैं।

एसआईपी काम कैसे करते हैं?

आगे बढ़ने से पहले एसआईपी से जुड़ी सभी जरूरी बातों को समझना बेहद जरूरी है। अधिकांश एसआईपी में 500 रुपए प्रति माह के न्यूनतम निवेश की आवश्यकता होती है। इस राशि का उपयोग आपकी पसंद के एक या एक से अधिक एसआईपी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को खरीदने में किया जाएगा। इस प्रकार, यदि आप 10 रुपए प्रति यूनिट की नेट एसेट वैल्यू वाला इक्विटी फंड चुनते हैं, तो 500 रुपए आपके अकाउंट से कट जाएंगे और आप पहले महीने में इससे 50 यूनिट खरीद लेंगे। 12 महीनों में, आपने 6000 रुपए का निवेश किया होगा और आप 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से 600 म्‍यूचुअल फंड यूनिट्स खरीद लेंगे। 

यह संपत्ति, जो कि यहां एक इक्विटी बाजार है, यदि बेहतर प्रदर्शन करती है तो आपकी यूनिट की एनएवी भी बढ़ेगी। इस प्रकार, एनएवी बढ़कर 12 रुपए होने पर आपका निवेश भी बढ़कर 7200 रुपए हो जाएगा। आप इन यूनिट्स को रिडीम कर सकते हैं यानि कि आप इन्‍हें मौजूदा एनएवी पर बेच सकते हैं और अपने विवेकानुसार निवेश को वापस पा सकते हैं। 

एसआईपी क्‍यों?

सबसे अच्छी निवेश रणनीति वह है जो निवेश के नुकसान के जोखिम को न्‍यूनतम और पूंजी निर्माण की संभावना को अधिकतम करती है। हालांकि, इक्विटी जैसे उच्च जोखिम वाले पूंजी निर्माण के विकल्प खतरनाक भी साबित हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, सुरक्षित विकल्प आकर्षक रिटर्न नहीं प्रदान करते हैं। एसआईपी आपको इसी अंतर को पाटने में मदद कर सकता है। साथ ही यह एक ऐसी निवेश रणनीति बनाने में भी मदद कर सकती है जहां आप उतार-चढ़ाव से भरे बाजारों में भी बेहतर दीर्घकालिक रिटर्न प्राप्‍त कर सकते हैं।

दूसरी बात यह है कि, निवेश का यह आसान उपकरण आपको लंबे समय तक निवेश में धीमी और स्थिर वृद्धि प्राप्‍त करने में मदद करता है। एक साथ बड़ा निवेश करना कभी-कभी बहुत आकर्षक लग सकता है। हालांकि, अधिकांश लोगों के लिए अपने बोनस को अनुशासित तरीके से दीर्घकालिक निवेश में लगाना असंभव लगता है। दूसरी ओर, 500 या 1000 रुपए निकाल पाना उन लोगों के लिए भी आसान हो सकता है जिन्‍होंने अभी-अभी अपनी पहली नौकरी शुरू की है। 

तीसरा यह कि, एसआईपी आपको लंबे समय में अपने निवेश की औसत लागत को कम करने में मदद करती है। बाजार की अस्थिरता के चलते एक्विटी मार्केट या डेट उपकरण में एक बार में 50,000 रुपए का निवेश आपको खतरे में डाल सकता है। 

आइए मान लें कि ऊपर दिए गए उदाहरण में एनएवी दूसरे महीने में 5 प्रति यूनिट की दर से कम हो जाती है। अब आप अपनी न्‍यूनतम निवेश राशि में वृद्धि किए बिना 100 यूनिट खरीद सकते हैं। अब आप 7.5 रुपये प्रति यूनिट की औसत लागत पर 150 इकाइयां खरीद पाएंगे। 

लंबे समय में, एसआईपी भविष्य में बहुत अधिक रिटर्न अर्जित करने की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए बाजार में मंदी का लाभ उठाने में आपकी मदद कर सकती है। किसी भी हालत में, छोटी मात्रा में निवेश करने से यह सुनिश्चित होगा कि आप बाजार अस्थिर होने पर भी बहुत कुछ न खोएं। 

चौथा, एसआईपी आपको कंपाउंडिंग का लाभ उठाने में मदद करता है। आप म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा दिए गए लाभांश को एक बार फिर अधिक इकाइयां खरीदने के लिए निवेश कर सकते हैं। 15 साल तक 1000 रुपए प्रति माह निवेश जो कि 1.8 लाख रुपए होता है, और उस पर यदि आपको 10% जितना भी सालाना रिटर्न मिलता है तो यह राशि 4.2 लाख रुपए हो जाएगी। यहां हम मान कर चल रहे हैं कि रिटर्न हर महीने जुड़ता है। यदि आप 5000 रुपए प्रति माह का निवेश करते हैं और आपका 9 लाख का निवेश 15 वर्षों में बढ़कर 20 लाख रुपए से भी ज्‍यादा हो जाएगा। 

एसआईपी ऐसा नए एवं छोटे निवेशकों के लिए एक स्मार्ट विकल्प है जो एक स्थिर रिटर्न, नकदी प्रवाह पर कम तनाव और कम लागत चाहते हैं। इसके साथ ही एसआईपी ऐसे निवेशकों को निवेश में वृद्धि या कमी लाने की सुविधा भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा नकदी की आवश्यकता होने पर इकाइयों को बेचने की स्वतंत्रता और बेहतर रिटर्न प्राप्‍त करने के लिए लाभांश को दोबारा निवेश करने का विकल्प प्रदान करते हैं।

संवादपत्र

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