- Date : 04/06/2020
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आपको ऐसी टैक्स छूट की तलाश है जिनका लाभ पति-पत्नी दोनों उठा सकते हैं? अधिक जानकारी के लिए यह पढ़ें।

दुनिया भर में नौकरीपेशा लोगों की हमेशा से यही समस्या रही है कि ‘कानून का उल्लंघन किए बिना मैं कैसे अपना टैक्स दायित्व कम कर सकता हूं?’ जब बात पति-पत्नी की हो, तो यह बात और भी अहम हो जाती है। भारत सहित अधिकांश देश, विवाहित जोड़ों को छूट और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। तो अपने कुल घरेलू टैक्स के बोझ को कम करने के लिए इस तरह की कटौती का लाभ क्यों न लें?
आप और आपके जीवनसाथी के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं; यहां कुछ सबसे लोकप्रिय विकल्प दिए गए हैं:
1. संयुक्त होम लोन लें
अपने लिए घर खरीदने के बारे में सोच रहे पति-पत्नी के लिए यह बेहद फायदेमंद है, क्योंकि होम लोन न केवल टैक्स बचाने का एक लोकप्रिय तरीका है। यदि होम लोन एक जोड़े के रूप में लिया जाए, तो इससे मिलने वाले लाभ भी दोगुने हो सकते हैं।

यदि पति-पत्नी दोनों अलग-अलग टैक्स स्लैब में आते हैं तो, अधिक स्लैब वाले को ज्यादा भुगतान करना चाहिए और अधिक टैक्स छूट क्लेम करनी चाहिए। हालांकि यहां दो महत्वपूर्ण बातें दिमाग में रखना बहुत जरूरी है:
- दोनों व्यक्तियों के पास लोन लेने की पात्रता होनी चाहिए। यहां कर्ज का बोझ जिस पर ज्यादा होगा, टैक्स लाभ भी उसी अनुपात में प्राप्त होगा।
- अगर आप अपने जीवनसाथी के नाम पर एक संपत्ति खरीदते हैं, लेकिन होम लोन में उसका कोई योगदान नहीं है, तो इस स्थिति में ये प्रावधान लागू नहीं होंगे।
2. सबसे कम टैक्स दायरे वाले जीवनसाथी के नाम पर निवेश करें
जहां पति-पत्नी के लिए टैक्स बचाने के लिए विकल्प सीमित हैं, वहीं आप अपने निवेश की योजना कुछ इस प्रकार बना सकते हैं, जिससे आपका कुल कर दायित्व कम हो जाए।
आम तौर पर जोड़े जो सबसे बड़ी गलती करते हैं वह यह कि वे अपने नाम से ही निवेश करते हैं। जिसके चलते टैक्स का बोझ बढ़ जाता है। यदि आप फिक्स डिपॉजिट में निवेश करने जा रहे हैं, तो इसका सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप कम टैक्स के दायरे में आने वाले साथी के नाम पर निवेश करें।
उदाहरण के लिए, यदि आपका साथी आपसे निचले टैक्स के दायरे में आता है, तो महीने के सामान्य खर्चे आपको उठाने चाहिए, और शेष बचे पैसों को निवेश करना चाहिए। दूसरी तरफ, आपके साथी को टैक्स बचत के बारे में सोचने की बजाए संपत्ति निर्माण में अपनी आमदनी का उपयोग करना चाहिए। इस प्रकार यदि आप अपने नाम से निवेश करते, तो उसके मुकाबले यहां रिटर्न पर टैक्स की दर कम होगी।
इस प्रकार, आप दोनों को ही यह तय करना होगा कि आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं, और किस प्रकार लंबे समय तक आपकी घरेलू और व्यक्तिगत टैक्स देनदारी को संयुक्त लाभ के साथ कम किया जा सकता है।
3. अपने साथी के नाम पर टैक्स-फ्री निवेश करें
घरेलू आयकर बचाने का एक और स्मार्ट तरीका यह है कि आप अपने साथी को पैसे उपहार में दें। इसके बाद जितना अधिक हो सके इसे पीपीएफ और टैक्स फ्री बॉण्ड इत्यादि जैसे निवेश विकल्पों में निवेश करें। इस निवेश से जो भी आय होगी उसे आपके साथी की कमाई मानी जाएगी। यदि यही निवेश आपने अपने नाम से निवेश किया होता, उसके मुकाबले यह राशि टैक्स फ्री हो सकती है या फिर आपके मुकाबले कम टैक्स दायरे में शामिल होगी।
4. एलटीए (लीव ट्रैवल अलाउंस) छूट प्राप्त करें
यदि आप और आपका साथी दोनों नौकरी करते हैं और एलटीए के पात्र हैं, तो आप इसे अलग-अलग क्लेम कर सकते हैं। एलटीए नियम के अनुसार आप चार साल की अवधि में दो बार इसके योग्य होते हैं। इसका मतलब है कि पति और पत्नी में से प्रत्येक चार साल के दायरे में चार बार एलटीए छूट का दावा कर सकता है।
आपको बस यह करना होगा कि आप पहले और तीसरे वर्ष छूट का लाभ लें, वहीं आपका साथी यही लाभ दूसरे और चौथे साल प्राप्त करे। लेकिन याद रखें, एलटीए सिर्फ यात्रा खर्च पर ही मिलता है। होटल, खाने-पीने और छुटि्टयों के अन्य खर्च छूट में शामिल नहीं होते।

वह एक क्षेत्र जहां टैक्स से जुड़ी अस्पष्टता सबसे अधिक है, वह है हाउस रैंट अलाउंस (एचआरए)। फाइनेंशियल एक्सपर्ट इस मामले में एकमत नहीं हैं। जहां कुछ लोगों को लगता है कि यदि क्लेम सही है, तो आयकर नियम व्यक्ति के साथी को किराए का भुगतान पर रोक नहीं लगाते हैं। वहीं दूसरों को लगता है कि अपने साथी को किराए का भुगतान करना और एचआरए लाभ का दावा करना सिर्फ एक दिखावा है। आयकर विभाग ने हमेशा यह माना है कि इस तरह की व्यवस्था टैक्स से बचने के साधनों के रूप में उपयोग की जाती है।
एचआरए की छूट उस स्थिति में नहीं मिलती, जब टैक्स का भुगतान करने वाला व्यक्ति ही मकान का मालिक हो। या फिर, वे प्राथमिक रूप से उस मकान का किराया नहीं देते हैं। यदि आप इस विकल्प के बारे में और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके संबंध में निर्णय लेने से पहले, अपने सीए और साथ ही एक वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होगा।
अंत में सबसे अहम बात यह है कि, टैक्स बचाने की रणनीतियां आप और आपके जीवनसाथी के बीच समझ और विश्वास पर निर्भर करती हैं। वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले अपने टैक्स के कुल बोझ पर चर्चा करें और योजना बनाएं। तभी आप उपलब्ध भत्ते से अधिकतम लाभ प्राप्त करने की स्थिति में होंगे। इसके साथ ही सहेजे गए पैसों की मदद से परिवार के साथ छुट्टियों का आनंद लें पाएंगे।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे टैक्स या कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। इस बारे में निर्णय लेने के लिए आपको अलग से स्वतंत्र सलाह प्राप्त करनी चाहिए।